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Delhi election में 'राहुल गांधी' बन गए हैं अरविंद केजरीवाल

    • प्रभाष कुमार दत्ता
    • Updated: 06 फरवरी, 2020 04:42 PM
  • 06 फरवरी, 2020 04:42 PM
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दिल्ली चुनावों (Delhi Assembly Elelction) के दौरान केजरीवाल का हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) की बात कहना ये बताता है कि अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) मौके की नजाकत समझते हैं और अपना हिंदुत्व (Hindutva) दर्शा कर उन्होंने भाजपा (BJP)को उसी के अंदाज में जवाब दिया है.

दिल्ली विधानसभा चुनावों (Delhi Assembly Election) में दोबारा सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रहे आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने खुद को हनुमान (Hanuman) भक्त घोषित किया है. केजरीवाल ने ये घोषणा एक ऐसे वक़्त में की है जब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ये आरोप लगाया है कि केजरीवाल, शाहीनबाग (Shaheenbagh) के प्रदर्शनकारियों की मदद कर रहे हैं. कुछ और कहने से पहले हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मुसलमानों (Muslims) की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो केजरीवाल को वोट करती है. हाल के दिनों में कई ऐसे इंटरव्यू और पब्लिक इवेंट्स आए हैं जिनमें केजरीवाल ने अपने को पक्का हिंदू (Hindu) बताया और कहा कि वो हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का रोजाना जाप करते हैं. साथ ही उन्होंने भाजपा नेताओं को नकली हिंदू कहा था और ये भी सलाह दी थी कि वो भी हनुमान चालीसा का जाप करें इससे मन को शांति मिलेगी.

हनुमान चालीसा की बात कहकर केजरीवाल भाजपा को उसी की भाषा में जवाब दे रहे हैं

केजरीवाल की इस नई रणनीति को भाजपा की हिंदुत्व राजनीति का मुकाबला करने के उनके प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसने हिंदुत्व की लहर के बल पर देश की राजनीतिक सत्ता को प्रभावित किया. साथ ही पीएम मोदी को हिंदुत्व के पोस्टर बॉय के रूप में देखा जाता है.

एक टीवी चैनल पर अरविंद केजरीवाल के हनुमान चालीसा पढ़ने को राहुल गांधी मूमेंट बताया जा रहा है. ज्ञात हो कि 2019 में लोकसभा चुनाब के प्रचार के दौरान राहुल ने भी अपने और अपने परिवार को सच्चा शिवभक्त कहा था.

राहुल को ये सब उस वक़्त कहना पड़ा था जब चुनावों से पहले...

दिल्ली विधानसभा चुनावों (Delhi Assembly Election) में दोबारा सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रहे आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने खुद को हनुमान (Hanuman) भक्त घोषित किया है. केजरीवाल ने ये घोषणा एक ऐसे वक़्त में की है जब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ये आरोप लगाया है कि केजरीवाल, शाहीनबाग (Shaheenbagh) के प्रदर्शनकारियों की मदद कर रहे हैं. कुछ और कहने से पहले हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मुसलमानों (Muslims) की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो केजरीवाल को वोट करती है. हाल के दिनों में कई ऐसे इंटरव्यू और पब्लिक इवेंट्स आए हैं जिनमें केजरीवाल ने अपने को पक्का हिंदू (Hindu) बताया और कहा कि वो हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का रोजाना जाप करते हैं. साथ ही उन्होंने भाजपा नेताओं को नकली हिंदू कहा था और ये भी सलाह दी थी कि वो भी हनुमान चालीसा का जाप करें इससे मन को शांति मिलेगी.

हनुमान चालीसा की बात कहकर केजरीवाल भाजपा को उसी की भाषा में जवाब दे रहे हैं

केजरीवाल की इस नई रणनीति को भाजपा की हिंदुत्व राजनीति का मुकाबला करने के उनके प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसने हिंदुत्व की लहर के बल पर देश की राजनीतिक सत्ता को प्रभावित किया. साथ ही पीएम मोदी को हिंदुत्व के पोस्टर बॉय के रूप में देखा जाता है.

एक टीवी चैनल पर अरविंद केजरीवाल के हनुमान चालीसा पढ़ने को राहुल गांधी मूमेंट बताया जा रहा है. ज्ञात हो कि 2019 में लोकसभा चुनाब के प्रचार के दौरान राहुल ने भी अपने और अपने परिवार को सच्चा शिवभक्त कहा था.

राहुल को ये सब उस वक़्त कहना पड़ा था जब चुनावों से पहले उनके मंदिर मंदिर घूमने को भाजपा ने आड़े हाथों लिया था. तब अपनी शिवभक्ति में राहुल इतने ज्यादा तल्लीन हो गए थे कि उन्होंने तिब्बत स्थित मानसरोवर झील जाकर मानसरोवर यात्रा भी की थी. दिलचस्प बात ये भी है कि तब कांग्रेस प्रवक्ताओं ने राहुल गांधी को जनेऊधारी भी बताया था. 19 के आम चुनाव में राहुल का ये सॉफ्ट हिंदुत्व धरा का धरा रह गया और अपनी हिंदू वादी नेता की छवि के चलते नरेंद्र मोदी ने बहुमत हासिल किया.

हिंदू पहचान के केजरीवाल संस्करण में, उन्होंने खुद को श्रवण कुमार जिसे प्राचीन भारतीय गाथाओं में आदर्श पुत्र बताया गया है, माना है. बता दें कि उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के लिए  मुफ्त तीर्थयात्रा कार्यक्रम शुरू किया है. श्रवण कुमार को उनके अंधे माता-पिता के प्रति समर्पण के लिए याद किया जाता है, जिन्हें उन्होंने देशव्यापी तीर्थ यात्रा की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए अपने कंधों पर ढोया था.

हालांकि केजरीवाल अपनी हिंदू पहचान के साथ राहुल गांधी की तरह कभी शर्मीले नहीं थे, लेकिन उन्होंने पिछले साल दिल्ली में लोकसभा चुनाव में AAP की राह के बाद इसे राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बनाया. वह "स्वामीनारायण भगवान के अभिषेक" के साथ जनता के सामने आए.

इसके अलावा, उन्होंने जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 के उन्मूलन के लिए अपने सार्वजनिक समर्थन के साथ अपने हिंदू होने का सबूत दिया साथ ही जिस तरह उन्होंने नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध जिसमें मुस्लिमों की अधिकता है पर चुप्पी साधी उससे भी कई चीजें खुद ब खुद सामने आ गयीं.

अब क्योंकि शाहीनबाग एंटी सीएए प्रोटेस्ट के केंद्र के रूप में उभरा है, भाजपा ने एक नैरेटिव तैयार किया है कि इसमें जो लोग भी शामिल हैं वो राष्ट्र विरोधी हैं. केजरीवाल ने इस मामले पर अब तक कोई पक्ष नहीं उजागर किया है. ये सब एक ऐसे वक़्त में हुआ है जब उनके अपने ही दो विधायक एंटी सीएए प्रोटेस्ट में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और जिन्होंने दिल्ली में इसका आयोजन भी किया.

आम आदमी पार्टी से जुड़े अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल और पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव अभियान में भाजपा के आक्रामक हमले के मद्देनजर इसे बहुत आवश्यक समझा. आम आदमी पार्टी का मानना है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मुसलमानों में  मोदी सरकार के प्रति बहुत गुस्सा है ऐसे में दिल्ली चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल ही उनके पास एक 'तार्किक विकल्प हैं. ऐसी परिस्थितियों में केजरीवाल ऐसी कोई भी सम्भावना नहीं छोड़ना चाहते जो भाजपा के पक्ष में आए और उसे फायदा मिले. इसे केजरीवाल का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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