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Arvind Kejriwal के केंद्रीय राजनीति में कूदने के 5 इशारे

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 12 फरवरी, 2020 01:08 PM
  • 12 फरवरी, 2020 01:08 PM
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दिल्ली चुनाव के नतीजे (Delhi Election Results) आने के बाद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जो भाषण दिया, उसमें उन्होंने नेशनल पॉलिटिक्स (National Politics) में एंट्री की अपनी मंशा जाहिर कर दी है. और उनके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के ट्वीट ने उस पर मुहर लगा दी है.

दिल्ली चुनाव के नतीजे (Delhi Election Results) आ चुके हैं. दिल्ली की जनता ने साफ कर दिया है कि उन्हें एक बार फिर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ही चाहिए. इस पर अरविंद केजरीवाल ने अपने चाहने वालों को संबोधित भी किया. इस संबोधन की शुरुआत भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद और वंदेमातरम के नारों से हुई और खत्म भी इन्हीं नारों के साथ हुई. इस संबोधन की सबसे खास बात ये रही कि अरविंद केजरीवाल ने इस मंच से अपनी मंशा जाहिर की, लेकिन छुपे तौर पर. उन्होंने ये मंशा जता दी है कि वह दिल्ली में तो जीत ही चुके हैं और अब एक बार फिर से वह देश की राजनीति में किस्मत आजमाएंगे. इसी बीच केजरीवाल के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भी एक ऐसा ट्वीट किया है जो दिखा रहा है कि अब ये पीके (PK) और एके (AK) की जोड़ी कोई बड़ा धमाल करने की प्लानिंग कर रही है. आइए नजर डालते हैं उन इशारों पर, जो दिखा रहे हैं कि अब केजरीवाल दिल्ली से आगे बढ़कर देश की राजनीति में कदम जमाने की सोच रहे हैं.

1- केजरीवाल के पोस्टर ने साफ कर दी मंशा

सबसे पहले बात करते हैं केजरीवाल के पोस्टर की, जिसमें वह लोगों से आप से जुड़ने की गुजारिश कर रहे हैं. इसके जो पोस्टर लगे हैं, उसमें साफ लिखा है 'राष्ट्र निर्माण के लिए AAP से जुड़ें'. अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं तो वह दिल्ली को बेहतर कर सकते हैं, राष्ट्र को नहीं. तो क्या पोस्टर में गलती से राष्ट्र निर्माण लिख दिया है? नहीं. दरअसल, ये इशारा है कि अब वह नेशनल पॉलिटिक्स में एंट्री मारने की सोच रहे हैं. वैसे भी, उनकी महत्वाकांक्षा के बारे में तो सबके पता ही है. पिछली बार भी उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ा था. हालांकि, तब जनता ने नेशनल पॉलिटिक्स में उन्हें पसंद नहीं किया. इस बार ये देखना दिलचस्प रहेगा कि जनता की ओर से उन्हें कैसी प्रतिक्रिया मिलती है.

दिल्ली चुनाव के नतीजे (Delhi Election Results) आ चुके हैं. दिल्ली की जनता ने साफ कर दिया है कि उन्हें एक बार फिर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ही चाहिए. इस पर अरविंद केजरीवाल ने अपने चाहने वालों को संबोधित भी किया. इस संबोधन की शुरुआत भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद और वंदेमातरम के नारों से हुई और खत्म भी इन्हीं नारों के साथ हुई. इस संबोधन की सबसे खास बात ये रही कि अरविंद केजरीवाल ने इस मंच से अपनी मंशा जाहिर की, लेकिन छुपे तौर पर. उन्होंने ये मंशा जता दी है कि वह दिल्ली में तो जीत ही चुके हैं और अब एक बार फिर से वह देश की राजनीति में किस्मत आजमाएंगे. इसी बीच केजरीवाल के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भी एक ऐसा ट्वीट किया है जो दिखा रहा है कि अब ये पीके (PK) और एके (AK) की जोड़ी कोई बड़ा धमाल करने की प्लानिंग कर रही है. आइए नजर डालते हैं उन इशारों पर, जो दिखा रहे हैं कि अब केजरीवाल दिल्ली से आगे बढ़कर देश की राजनीति में कदम जमाने की सोच रहे हैं.

1- केजरीवाल के पोस्टर ने साफ कर दी मंशा

सबसे पहले बात करते हैं केजरीवाल के पोस्टर की, जिसमें वह लोगों से आप से जुड़ने की गुजारिश कर रहे हैं. इसके जो पोस्टर लगे हैं, उसमें साफ लिखा है 'राष्ट्र निर्माण के लिए AAP से जुड़ें'. अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं तो वह दिल्ली को बेहतर कर सकते हैं, राष्ट्र को नहीं. तो क्या पोस्टर में गलती से राष्ट्र निर्माण लिख दिया है? नहीं. दरअसल, ये इशारा है कि अब वह नेशनल पॉलिटिक्स में एंट्री मारने की सोच रहे हैं. वैसे भी, उनकी महत्वाकांक्षा के बारे में तो सबके पता ही है. पिछली बार भी उन्होंने पीएम मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ा था. हालांकि, तब जनता ने नेशनल पॉलिटिक्स में उन्हें पसंद नहीं किया. इस बार ये देखना दिलचस्प रहेगा कि जनता की ओर से उन्हें कैसी प्रतिक्रिया मिलती है.

अरविंद केजरीवाल के पोस्टर पर साफ लिखा है कि राष्ट्र के निर्माण के लिए AAP से जुड़ें.

2- अपने भाषण में खुद केजरीवाल ने भी कही यही बात

अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा कि ये सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश की जीत है, भारत माता की जीत है. उन्होंने कहा कि आज दिल्ली ने एक नई किस्म की राजनीति की शुरुआत की है, जो देश के लिए शुभ संदेश है. दिल्ली ने काम की राजनीति शुरू की है कि जो काम करेगा उसे ही वोट मिलेगा. उन्होंने ये भी कहा कि यही राजनीति हमारे देश को 21वीं सदी में ले जा सकती है. यानी अपने भाषण में भी उन्होंने ये साफ कर दिया कि वह दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अपनी राजनीति का लोहा मनवाना चाहते हैं.

3- प्रशांत किशोर का ट्वीट भी एक इशारा

प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट किया है, जिसमें लिखा है- 'भारत की आत्मा को बचाने के लिए खड़े होने पर सभी दिल्लीवासियों का धन्यवाद !' इस ट्वीट में भी इशारा भारत का है. यानी अभी तो भारत की आत्मा को बचा लिया गया है, लेकिन आने वाले समय में पूरे भारत को बचाना है. वैसे भी, प्रशांत किशोर को जेडीयू से निकाला ही जा चुका है, वह खाली भी हैं तो इससे बेहतर कोई विकल्प हो भी नहीं सकता. अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री हो जाएगी और प्रशांत किशोर को भी एक क्रांतिकारी मिल जाएगा जो किसी भी हालत में मोदी से हाथ नहीं मिलाएगा, नीतीश कुमार की तरह.

4- टीवी चैनलों पर प्रवक्ता-कार्यकर्ता भी यही कह रहे हैं

ऐसा नहीं है कि राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री करने की मंशा सिर्फ केजरीवाल और प्रशांत किशोर की है. उनके अलावा पार्टी के बाकी नेता, प्रवक्ता, कार्यकर्ता भी यही चाहते हैं. कुछ समर्थक तो आम आदमी पार्टी के मुख्यालय के पास हाथों में ऐसे पोस्टर लिए भी खड़े दिखे, जिस पर लिखा था कि 2024 में अरविंद केजरीवाल बनाम नरेंद्र मोदी. यानी वह चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल अब प्रधानमंत्री का चुनाव भी लड़ें. वहीं तमाम टीवी चैनलों पर जा रहे आम आदमी के प्रवक्ता बार-बार इस बात पर जोर देते दिख रहे हैं कि राष्ट्र निर्माण करना है. वह ये जताने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी सरकार के राज में राष्ट्र निर्माण नहीं हो पा रहा है. वाकई, प्रशांत किशोर ने दिल्ली तो जिताई ही, देश को लेकर रणनीति भी अभी से बना ली लगती है.

आम आदमी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के हाथों में ये पोस्टर भी बहुत कुछ कह रहे हैं.

5- सोशल मीडिया पर भी उभरी चाहत

डिजिटल इंडिया के जमाने में सोशल मीडिया को किसी भी मामले में छोड़ा नहीं जा सकता है. सोशल मीडिया पर भी कई लोग ये कहते दिख रहे हैं कि वह चाहते हैं अरविंद केजरीवाल अब प्रधानमंत्री का चुनाव लड़ें. देखिए वहां लोग क्या-क्या कह रहे हैं-

- एक शख्स ने लिखा है- अरविंद केजरीवाल आपको बधाई हो. आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन हम भारतीय आपको केंद्र में देखना चाहते हैं. लोकसभा चुनाव 2024 को टारगेट कीजिए.

- एक अन्य यूजर ने लिखा है कि 2020 में केजरीवाल ने दिल्ली बदल दी अब 2024 में अरविंद केजरीवाल भारत को बदलेंगे.

- एक अन्य यूजर ने लिखा है- 'हां, 2024 में अरविंद केजरीवाल ही प्रधानमंत्री होंगे.'

- जहां एक ओर कुछ लोग केजरीवाल को पीएम देखने की ख्वाहिश जता रहे हैं, तो वहीं एक यूजर ने उन्हें मजबूत विपक्ष के नेता की भूमिका निभाने को कहा है. उसने लिखा है कि हम चाहते हैं आप 2024 के चुनाव लड़ें और मजबूत विपक्ष के नेता बनें. यानी उन्हें लगता है कि केजरीवाल जीत नहीं पाएंगे, लेकिन एक मजबूत विपक्ष तो बना ही सकते हैं.

इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर के बायो में भी राष्ट्र निर्माण की ही बात लिखी है. उन्होंने लिखा है- 'सब इंसान बराबर हैं, चाहे वो किसी धर्म या जाति के हों. हमें ऐसा भारत बनाना है जहां सभी धर्म और जाति के लोगों में भाईचारा और मोहब्बत हो, न कि नफ़रत और बैर हो.' साफ है कि वह नेशनल पॉलिटिक्स में एंट्री करने की सोच रहे हैं, वो भी पूरी तैयारी के साथ. इसमें उनका हर कदम पर साथ दे रहे हैं चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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