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अमृतसर रेल हादसा: नवजोत कौर के दो चेहरे सामने ला रहे हैं ये वायरल वीडियो!

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 21 अक्टूबर, 2018 03:04 PM
  • 21 अक्टूबर, 2018 03:04 PM
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इस समय सोशल मीडिया पर अमृतसर ट्रेन हादसे से जुड़े दो वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो नवजोत कौर के दो अलग-अलग चेहरे दिखा रहे हैं. जाने-अनजाने नवजोत कौर भी बन गईं इस बड़े हादसे की वजह.

दशहरे की शाम जहां एक ओर पूरा देश रावण दहन का उत्सव मना रहा था, वहीं अमृतसर में रावण दहन ही करीब 60 लोगों की मौत की वजह बन गया. अमृतसर में रेलवे लाइन के किनारे एक मैदान में दशहरा मेला चल रहा था. जब रावण दहन हुआ तो उसी दौरान एक तेज रफ्तार ट्रेन पटरी से गुजरी, जिसने पटरी पर खड़े करीब 100 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. अब इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कोई प्रशासन को दोषी कह रहा है तो कोई आयोजकों को. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नवजोत कौर सिद्धू थीं, जिन पर भी उंगलियां उठ रही हैं. आरोप है कि वह हादसा होते ही चुपके से भाग निकलीं. इसी बीच दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो नवजोत कौर के दो अलग-अलग चेहरे दिखा रहे हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो नवजोत कौर के दो अलग-अलग चेहरे दिखा रहे हैं.

जख्मी युवक को टांके लगाए नवजोत ने

पहले बात करते हैं उन पर लग रहे आरोप की. कहा जा रहा है कि हादसे के बाद नवोजत कौर मौका देख कर चुपके से वहां से निकल गईं. इस पर नवजोत का कहना है कि उनके कार्यक्रम से चले जाने के बाद हादसा हुआ था. नवजोत कौर ने बताया कि सब कुछ आराम से हो चुका था और वह वापस आ चुकी थीं, लेकिन बाद में पता चला कि हादसा हो गया है तो वह घायलों को इलाज मुहैया कराने के लिए अस्पताल पहुंचीं. सोशल मीडिया पर नवजोत कौर पर लग रहे आरोपों को दरकिनार करने का दावा करते हुए एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इसमें नवजोत कौर हादसे में घायल लोगों का अस्पताल में इलाज करती हुई दिख रही हैं. वह एक जख्मी युवक को टांके लगा रही हैं. विपक्ष ने उन पर इस बात को लेकर भी निशाना साधा है कि आखिर किस हैसियत से वह एक सरकारी अस्पताल में किसी को टांके लगा सकती हैं. आपको बता दें कि नवजोत कौर पेशे से एक डॉक्टर हैं.

दशहरे की शाम जहां एक ओर पूरा देश रावण दहन का उत्सव मना रहा था, वहीं अमृतसर में रावण दहन ही करीब 60 लोगों की मौत की वजह बन गया. अमृतसर में रेलवे लाइन के किनारे एक मैदान में दशहरा मेला चल रहा था. जब रावण दहन हुआ तो उसी दौरान एक तेज रफ्तार ट्रेन पटरी से गुजरी, जिसने पटरी पर खड़े करीब 100 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया. अब इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कोई प्रशासन को दोषी कह रहा है तो कोई आयोजकों को. इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नवजोत कौर सिद्धू थीं, जिन पर भी उंगलियां उठ रही हैं. आरोप है कि वह हादसा होते ही चुपके से भाग निकलीं. इसी बीच दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो नवजोत कौर के दो अलग-अलग चेहरे दिखा रहे हैं.

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो नवजोत कौर के दो अलग-अलग चेहरे दिखा रहे हैं.

जख्मी युवक को टांके लगाए नवजोत ने

पहले बात करते हैं उन पर लग रहे आरोप की. कहा जा रहा है कि हादसे के बाद नवोजत कौर मौका देख कर चुपके से वहां से निकल गईं. इस पर नवजोत का कहना है कि उनके कार्यक्रम से चले जाने के बाद हादसा हुआ था. नवजोत कौर ने बताया कि सब कुछ आराम से हो चुका था और वह वापस आ चुकी थीं, लेकिन बाद में पता चला कि हादसा हो गया है तो वह घायलों को इलाज मुहैया कराने के लिए अस्पताल पहुंचीं. सोशल मीडिया पर नवजोत कौर पर लग रहे आरोपों को दरकिनार करने का दावा करते हुए एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. इसमें नवजोत कौर हादसे में घायल लोगों का अस्पताल में इलाज करती हुई दिख रही हैं. वह एक जख्मी युवक को टांके लगा रही हैं. विपक्ष ने उन पर इस बात को लेकर भी निशाना साधा है कि आखिर किस हैसियत से वह एक सरकारी अस्पताल में किसी को टांके लगा सकती हैं. आपको बता दें कि नवजोत कौर पेशे से एक डॉक्टर हैं.

जब नवजोत कौर से इस मामले पर हो रही राजनीति पर बात की तो उन्होंने कहा कि ऐसे मामले पर राजनीति करना गलत है. उनका कहना है कि पहली बार वहां दशहरा का आयोजन नहीं किया गया, बल्कि हर बार वहीं पर दशहरा होता है. नवजोत ने सारी गलती रेलवे के मत्थे मढ़ दी है कि उन्होंने ट्रेन की स्पीड धीरे नहीं की. साथ ही वह दर्शकों को भी एक हद तक जिम्मेदार मान रही हैं. वह कह रही हैं कि लोग पता नहीं ट्रैक पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे थे या क्या कर रहे थे, जो अचानक इतना बड़ा हादसा हो गया. लेकिन अगर ये कहा जाए कि लोगों के ट्रैक पर खड़े होने के बारे में नवजोत को पहले से पता नहीं था, तो ये गलत होगा.

रेलवे ट्रैक पर खड़े थे सैकड़ों लोग

नवजोत कौर के सामने ही सैकड़ों लोग रेलवे लाइन पर खड़े थे. तो वह ये तो बिल्कुल नहीं कह सकती हैं कि रेलवे लाइन पर लोगों के खड़े होने के बारे में उन्हें पता नहीं था. इसका खुलासा कर रहा है एक दूसरा वीडियो जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में एक संचालक कह रहा है- 'आपको सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचे हैं. उसने कहा कि भले ही 500 ट्रेनें गुजर जाएं, लेकिन आपको सुनने के लिए 5000 लोग सुबह से रेलवे ट्रैक पर खड़े हैं.' जानबूझ कर ना सही, लेकिन अनजाने में ही नवजोत कौर इस बड़े हादसे की वजह बनी हैं. हालांकि, उन्होंने ये जरूर कहा है कि उनके पहुंचने से पहले स्टेज से कई बार घोषणा की गई कि रेलवे ट्रैक पर खड़े ना रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें.

ट्रैक पर खड़े वीडियो बना रहे थे लोग

बताया जा रहा है कि रावण दहन से कुछ समय पहले भी एक ट्रेन उस पटरी पर से गुजरी थी, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ. लेकिन दूसरी ट्रेन ने 60 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. ऐसा क्यों हुआ? दरअसल, आतिशबाजी की आवाज में लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी और आग के धुएं में ड्राइवर को ट्रैक पर खड़े लोग नहीं दिखाई दिए. और महज चंद सेकेंडों में करीब 60 लोगों की ट्रेन से कुचल कर मौत हो गई. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो दिल दहलाने वाला है.

इस मामले पर राजनीति होने की बड़ी वजह ये है कि इससे नवजोत कौर जुड़ी हैं. साथ ही कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस पार्षद विजय मदान के पति सौरभ मिट्ठू ने करवाया था, जो हादसे के बाद से ही फरार हैं. यानी कार्यक्रम के आयोजन में ही राजनीति शामिल है, तो इस पर राजनीति तो होगी ही.निगम का कहना है कि उनसे अनुमति नहीं ली गई थी. दूसरी ओर खबर ये भी है कि पुलिस ने इजाजत दे दी थी. लेकिन सवाल ये है कि क्या पुलिस-प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है, जो रेलवे लाइन के पास हो रहे इतने बड़े कार्यक्रम में लोगों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. वो भी उस कार्यक्रम में जिसकी मुख्य अतिथि नवजोत कौर थीं. खैर, इस मामले में सिर्फ फरार सौरभ मिट्ठू की गर्दन फंसेगी या और भी लोग शिकंजे में आएंगे, ये मामले की जांच के बाद साफ हो जाएगा. लेकिन नवजोत कौर के दो चेहरों को उनके समर्थक और विपक्षी अपने-अपने तरीके से पेश करने में लगे हुए हैं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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