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निगम चुनावों में अमित शाह की रैली के मायने

    • शुभम गुप्ता
    • Updated: 25 मार्च, 2017 06:41 PM
  • 25 मार्च, 2017 06:41 PM
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दिल्ली के रामलीला मैदान में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विशाल रैली करके कहीं न कहीं विरोधी पार्टियों को ये जताने की कोशिश की कि सारे देश में तो बीजेपी की लहर है ही, दिल्ली में भी है. लेकिन इस रैली के पीछे का सच कहीं ये तो नहीं..

दिल्ली में अगले महीने निगम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी पूरी ताकत के साथ दिल्ली का कोना-कोना घुम रहे हैं. मगर कहीं न कहीं उन्हें भी एक डर सता रहा है कि कहीं चुनाव ना हार जाएं. दिल्ली में पिछले 10 सालों से बीजेपी राज कर रही है. मगर दिल्ली के लगभग हर वार्ड में सफाई की सबसे बड़ी समस्या नजर आती है. ऐसे में मनोज तिवारी भी कह चुके हैं कि वो निगम के काम से खुश नहीं है. इसलिये मौजूदा पार्षदों के टिकट काट दिए जाएगें.

मगर दिल्ली के रामलीला मैदान में आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विशाल रैली की. इस रैली में बीजेपी के करीब 65 हजार कार्यकर्ता शामिल हुए. इस रैली में बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल हुए. डॉ. हर्षवर्धन, वैंकया नायडू, निर्मला सीतारमन, विजय गोयल, मिनाक्षी लेखी, सतीश उपाध्याय, विजेन्द्र गुप्ता सहित दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी, सभी इस रैली का हिस्सा बने. कुल मिलाकर बीजेपी का यह शक्ति प्रर्दशन था.

कहीं न कहीं विरोधी पार्टियों को ये जताने की कोशिश थी कि सारे देश में तो बीजेपी की लहर है ही, मगर दिल्ली में भी केवल बीजेपी की ही लहर है. अब अगर इतने नेता निगम चुनावों के लिये एक साथ नजर आ रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि कहीं न कहीं बीजेपी को भी एक डर है कि कहीं एक बार फिर ज्यादा आत्मविश्वास में चुनाव ना हार जाएं.

इस रैली में हर कोई कार्यकर्ता सिर्फ अमित शाह को ही सुनना चाह रहा था. वहीं जैसे ही अमित शाह ने अपना भाषण शुरु किया, कार्यकर्ताओं की आवाज से समा गूंज उठा. अमित शाह ने केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा. शाह ने कहा कि- ‘केजरीवाल की सरकार ने कोई...

दिल्ली में अगले महीने निगम चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी पूरी ताकत के साथ दिल्ली का कोना-कोना घुम रहे हैं. मगर कहीं न कहीं उन्हें भी एक डर सता रहा है कि कहीं चुनाव ना हार जाएं. दिल्ली में पिछले 10 सालों से बीजेपी राज कर रही है. मगर दिल्ली के लगभग हर वार्ड में सफाई की सबसे बड़ी समस्या नजर आती है. ऐसे में मनोज तिवारी भी कह चुके हैं कि वो निगम के काम से खुश नहीं है. इसलिये मौजूदा पार्षदों के टिकट काट दिए जाएगें.

मगर दिल्ली के रामलीला मैदान में आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विशाल रैली की. इस रैली में बीजेपी के करीब 65 हजार कार्यकर्ता शामिल हुए. इस रैली में बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल हुए. डॉ. हर्षवर्धन, वैंकया नायडू, निर्मला सीतारमन, विजय गोयल, मिनाक्षी लेखी, सतीश उपाध्याय, विजेन्द्र गुप्ता सहित दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी, सभी इस रैली का हिस्सा बने. कुल मिलाकर बीजेपी का यह शक्ति प्रर्दशन था.

कहीं न कहीं विरोधी पार्टियों को ये जताने की कोशिश थी कि सारे देश में तो बीजेपी की लहर है ही, मगर दिल्ली में भी केवल बीजेपी की ही लहर है. अब अगर इतने नेता निगम चुनावों के लिये एक साथ नजर आ रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि कहीं न कहीं बीजेपी को भी एक डर है कि कहीं एक बार फिर ज्यादा आत्मविश्वास में चुनाव ना हार जाएं.

इस रैली में हर कोई कार्यकर्ता सिर्फ अमित शाह को ही सुनना चाह रहा था. वहीं जैसे ही अमित शाह ने अपना भाषण शुरु किया, कार्यकर्ताओं की आवाज से समा गूंज उठा. अमित शाह ने केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा. शाह ने कहा कि- ‘केजरीवाल की सरकार ने कोई काम नहीं किया है. 300 स्कूल बनाने का वादा किया था मगर 30 स्कूल भी नहीं बने, 2 लाख शौचालय बनाने का वादा किया था मगर 2 हजार भी नहीं बना सके, वाई-फाई का सपना सपना ही रह गया. ये सरकार ने सिर्फ भ्रष्टाचार किया. केजरीवाल का सिर्फ एक ही काम है, केंद्र सरकार से लड़ना. शाह ने जनता से कहा कि जो गलती 2015 में की थी अब उसे सुधारने का समय आ गया गया है. वहीं केजरीवाल ये कहते हैं कि उन्होंने पिछले दो सालों में जितना काम किया है. उतना तो किसी ने किया ही नहीं.

दिल्ली के करिब 13 हजार बूथों से बसों में भरकर कार्यकर्ताओं को लाया गया. हर कोई कार्यकर्ता खुद को उम्मीदवार बताता दिखाई दिया. हालांकि अभी बीजेपी की ओर से लिस्ट जारी नहीं हुई है मगर फिर भी हर कोई यहां प्रदर्शन कर ये दिखाना चाह रहा था कि जनता उसके साथ है. इसलिये उसे ही वोट दिया जाए.

अब देखना होगा कि निगम चुनावों में अमित शाह की ये रैली कितना असर दिखा पाती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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