• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

लोकतंत्र में होने वाला सत्ता संघर्ष और विधायकों का 'अपहरण' !

    • रोहिणी स्वामी
    • Updated: 10 फरवरी, 2017 03:03 PM
  • 10 फरवरी, 2017 03:03 PM
offline
शशिकला की मन्नारगुडी टीम ने पूरी तैयारी कर रखी थी. उन्होंने ख्याल रखा कि विधायकों को बाहरी दुनिया से बिल्कुल काट दिया जाए. अब हालत ये है कि सारे विधायक कैदियों जैसे महसूस कर रहे हैं.

8 फरवरी को AIADMK के ऑफिस में मौजूद विधायकों को कहा गया कि उनको शशिकला के लिए काम करना होगा और उन्हें मुख्यमंत्री के लिए मेहनत करनी होगी. उसके बाद उन सभी विधायकों को कहा गया कि AIADMK ऑफिस से उन्हें दिल्ली ले जाया जा रहा है. फिर अचानक ही उन्हें बसों में ले जाने का फैसला किया गया. अभी भी उन्हें कहा गया कि वो दिल्ली जा रहे हैं.

इसके बाद ही AIADMK के मंत्री आगे आए और विधायकों को शांत कराया. मंत्री थम्बीदुराई ने विधायकों को आश्वासन दिया कि उन सभी को एक सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा. ताकि संकट के इस समय के खत्म होने तक वो सभी साथ रह सकें. कई विधायकों ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि वो अपनी दवाईयां नहीं लाए हैं. किसी ने कहा कि उनके  परिवार को जरुरत है. किसी ने कहा कि उन्हें घर और रिश्तेदारों के यहां शादियों और फैमिली फंक्शन में जाना है. लेकिन सुनवाई किसी ना होनी थी, ना हुई.

वरिष्ठ मंत्रियों ने उन्हें समझाया कि पार्टी के लिए इतना बलिदान उन्हें देना पड़ेगा. उन्हें फिर कहा गया कि वो दिल्ली जा रहे हैं.

विधायकों को दवाईयां तक लाने का समय नहीं दिया गया

बस में बैठे विधायकों ने अपने स्टाफ को कहा कि उनके जरुरत का सामान लेकर वो एयरपोर्ट पहुंच जाएं. लेकिन बस एयरपोर्ट जाने के बजाए ईस्ट कोस्ट रोड की तरफ मुड़ गई. सारे विधायक हैरान थे. उन्होंने पूछा कि अब बस ईस्ट कोस्ट रोड की तरफ क्यों जा रही है? वे लोग तो एयरपोर्ट जाने वाले थे? कई विधायकों को दिल की बीमारी थी उन्होंने अपनी दवाई की मांग की.

मंत्री जी ने कहा कि सबकी जरुरत का सामान उन्हें मिल जाएगा. बस थोड़ा शांत रहें. बड़े ही शातिर तरीके से सभी को एमएलए हॉस्टल पहुंचा दिया गया.  सबसे पहले उन्हें गोल्डन बे रिसॉर्ट ले जाया गया. लेकिन वहां इतने लोगों के लिए कमरे कम पड़...

8 फरवरी को AIADMK के ऑफिस में मौजूद विधायकों को कहा गया कि उनको शशिकला के लिए काम करना होगा और उन्हें मुख्यमंत्री के लिए मेहनत करनी होगी. उसके बाद उन सभी विधायकों को कहा गया कि AIADMK ऑफिस से उन्हें दिल्ली ले जाया जा रहा है. फिर अचानक ही उन्हें बसों में ले जाने का फैसला किया गया. अभी भी उन्हें कहा गया कि वो दिल्ली जा रहे हैं.

इसके बाद ही AIADMK के मंत्री आगे आए और विधायकों को शांत कराया. मंत्री थम्बीदुराई ने विधायकों को आश्वासन दिया कि उन सभी को एक सुरक्षित जगह ले जाया जा रहा. ताकि संकट के इस समय के खत्म होने तक वो सभी साथ रह सकें. कई विधायकों ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि वो अपनी दवाईयां नहीं लाए हैं. किसी ने कहा कि उनके  परिवार को जरुरत है. किसी ने कहा कि उन्हें घर और रिश्तेदारों के यहां शादियों और फैमिली फंक्शन में जाना है. लेकिन सुनवाई किसी ना होनी थी, ना हुई.

वरिष्ठ मंत्रियों ने उन्हें समझाया कि पार्टी के लिए इतना बलिदान उन्हें देना पड़ेगा. उन्हें फिर कहा गया कि वो दिल्ली जा रहे हैं.

विधायकों को दवाईयां तक लाने का समय नहीं दिया गया

बस में बैठे विधायकों ने अपने स्टाफ को कहा कि उनके जरुरत का सामान लेकर वो एयरपोर्ट पहुंच जाएं. लेकिन बस एयरपोर्ट जाने के बजाए ईस्ट कोस्ट रोड की तरफ मुड़ गई. सारे विधायक हैरान थे. उन्होंने पूछा कि अब बस ईस्ट कोस्ट रोड की तरफ क्यों जा रही है? वे लोग तो एयरपोर्ट जाने वाले थे? कई विधायकों को दिल की बीमारी थी उन्होंने अपनी दवाई की मांग की.

मंत्री जी ने कहा कि सबकी जरुरत का सामान उन्हें मिल जाएगा. बस थोड़ा शांत रहें. बड़े ही शातिर तरीके से सभी को एमएलए हॉस्टल पहुंचा दिया गया.  सबसे पहले उन्हें गोल्डन बे रिसॉर्ट ले जाया गया. लेकिन वहां इतने लोगों के लिए कमरे कम पड़ गए.

शशिकला की मन्नारगुडी टीम ने पूरी तैयारी कर रखी थी. उन्होंने ख्याल रखा कि विधायकों को बाहरी दुनिया से बिल्कुल काट दिया जाए. इसके लिए सभी विधायकों के फोन जब्त कर लिए गए और रेसॉर्ट में उनके पास के सारे सामान भी जमा करा लिए गए.

विधायकों से भरी दो बस रात 10.40 मिनट पर रेसॉर्ट पहुंची थी. तीसरी बस विधायकों की दवाईयां और उनके लिए खाना लेकर रात 11.20 पर पहुंची. शशिकला के विश्वासपात्र विधायकों को गोल्डन बे रेसॉर्ट से 10 किलोमीटर दूर मानमई गांव के एक रेसॉर्ट में ले जाया गया.

विधायकों के सेल फोन भी ज़ब्त कर लिए गए

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे मजेदार बात ये थी कि जब सारे विधायक जब रेसॉर्ट पहुंचे तो उन्हें उनकी जरुरत का सारा सामान मुहैया कराई गई. यहां तक की उनकी साइज के कपड़े, जूते भी. इससे ये साबित होता है कि टीम शशिकला ने इस पूरे एपिसोड के लिए हर छोटी से छोटी तैयारी कर रखी थी.

मेन रोड से रिसॉर्ट 1.5 किलोमीटर दूर है. इसलिए 500 मीटर पहले से ही सड़के बंद कर दिया. मन्नारगुडी प्राइवेट सेक्योरिटीज विधायकों की पहचान करने के बाद ही उन्हें अंदर दिया.

इस सारे कार्यक्रम से विधायकों में नाराजगी है. उन्हें कैदी की तरह फील हो रहा है. अगर पार्टी को उनपर भरोसा है तो फिर उन्हें इस तरीके से बंद करके क्यों रखा गया है. किसी भी हाल में वे वैसे भी शशिकला के लिए ही वोट करने वाले हैं.

इन सबसे ये साबित होता है कि शशिकला अपने विधायकों और उनके समर्थन को लेकर कितनी आश्वश्त हैं. कई विधायकों को रेसॉर्ट में मिलने वाले कॉन्टीनेनटल और चाइनीज खाना पसंद नहीं आ रहा है. उनकी मांग है कि उन्हें घर का खाना दिया जाए. महिला विधायकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲