• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

5 बातें, जो एमसीडी चुनाव में बीजेपी की जीत की खुशी चिंता में बदल देंगी

    • आईचौक
    • Updated: 26 अप्रिल, 2017 01:38 PM
  • 26 अप्रिल, 2017 01:38 PM
offline
पिछले 10 साल के म्‍युनिसिपल कुशासन को कैसे नजरअंदाज कर सकती है बीजेपी ? दुनिया में गंदगी का तमगा लगाए बदनाम हो रही दिल्‍ली में जीत पर खुश कैसे हो सकती है बीजेपी ?

एमसीडी चुनाव के नतीजे आ गए हैं. दिल्‍ली की तीनों नगरपालिकाओं में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत पा लिया है. बीजेपी के नेता कहते नहीं थक रहे हैं कि उन्‍होंने दिल्‍ली विधानसभा में हुई हार का बदला चुका दिया है. लेकिन क्‍या वाकई ये जीत दिल्‍ली बीजेपी को खुश होने की वजह देती है. आइए जरा गहराई से विश्‍लेषण करते हैं -

1. मनोज‍ तिवारी का नेतृत्‍व :  

यह तर्क दिया गया है कि मनोज तिवारी ने एमसीडी चुनाव के लिए राजधानी में रह रहे पूर्वांचल के लोगों को बीजेपी की ओर मोड़ा है. लेकिन यह तर्क इसलिए खारिज किया जा सकता है क्‍योंकि यदि मनोज तिवारी में अकेले स्‍टारडम का इतना करिश्‍मा होता तो वे गोरखपुर से चुनाव नहीं हारते.

2. सबसे गंदे शहरों में शुमार है :

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्‍ली दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषण वाला शहर है. शहर में पसरी गंदगी एमसीडी और पिछले दस वर्षों से इस पर काबिज बीजेपी के लिए गौरव का विषय नहीं है.

3. सफाई कर्मचारियों की हड़ताल आए दिन की बात है :

देश की राजधानी, जहां दुनियाभर के वीवीआईपी रहते हैं, में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल सबसे शर्मनाक मौका होता है. लेकिन एमसीडी के लिए यह कभी भी बेइज्‍जती की बात नहीं रही. राज्‍य सरकार और एमसीडी के बीच की खींचतान को कर्मचारी सड़कों पर लाते रहे हैं.

4. एमसीडी की कार्यप्रणाली भ्रष्‍टाचार के आरोपों से पटी हुई है :

पेंशनरों के नाम पर करीब 2,000 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप अभी ताजा है. इससे पहले भी एमसीडी पर भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं. आरोप प्रत्‍यारोप के बीच MCD = Most Corrupt Department भी कहलाई.

5. मोदी...

एमसीडी चुनाव के नतीजे आ गए हैं. दिल्‍ली की तीनों नगरपालिकाओं में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत पा लिया है. बीजेपी के नेता कहते नहीं थक रहे हैं कि उन्‍होंने दिल्‍ली विधानसभा में हुई हार का बदला चुका दिया है. लेकिन क्‍या वाकई ये जीत दिल्‍ली बीजेपी को खुश होने की वजह देती है. आइए जरा गहराई से विश्‍लेषण करते हैं -

1. मनोज‍ तिवारी का नेतृत्‍व :  

यह तर्क दिया गया है कि मनोज तिवारी ने एमसीडी चुनाव के लिए राजधानी में रह रहे पूर्वांचल के लोगों को बीजेपी की ओर मोड़ा है. लेकिन यह तर्क इसलिए खारिज किया जा सकता है क्‍योंकि यदि मनोज तिवारी में अकेले स्‍टारडम का इतना करिश्‍मा होता तो वे गोरखपुर से चुनाव नहीं हारते.

2. सबसे गंदे शहरों में शुमार है :

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्‍ली दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषण वाला शहर है. शहर में पसरी गंदगी एमसीडी और पिछले दस वर्षों से इस पर काबिज बीजेपी के लिए गौरव का विषय नहीं है.

3. सफाई कर्मचारियों की हड़ताल आए दिन की बात है :

देश की राजधानी, जहां दुनियाभर के वीवीआईपी रहते हैं, में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल सबसे शर्मनाक मौका होता है. लेकिन एमसीडी के लिए यह कभी भी बेइज्‍जती की बात नहीं रही. राज्‍य सरकार और एमसीडी के बीच की खींचतान को कर्मचारी सड़कों पर लाते रहे हैं.

4. एमसीडी की कार्यप्रणाली भ्रष्‍टाचार के आरोपों से पटी हुई है :

पेंशनरों के नाम पर करीब 2,000 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप अभी ताजा है. इससे पहले भी एमसीडी पर भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं. आरोप प्रत्‍यारोप के बीच MCD = Most Corrupt Department भी कहलाई.

5. मोदी लहर का असर है एमसीडी के चुनाव में भी :

आखिर में एमसीडी में बीजेपी हैट्रिक का सबसे बड़ा श्रेय जाता है मोदी के नेतृत्‍व को. यूपी और उत्‍तराखंड की विशाल जीत को बीजेपी ने मोदी के करिश्‍मे के रूप में खूब प्रचारित किया गया और यही जादू दिल्‍ली के वोटरों के सिर चढ़कर भी बोला. केजरीवाल से नाराजगी अपनी जगह है, लेकिन बीजेपी को वोट देने वाले ज्‍यादातर लोगों ने मोदी के चेहरे को ध्‍यान में रखकर ही वोट दिया है. और यही बीजेपी के लिए चिंता का विषय भी होना चाहिए. मोदी तो एमसीडी का काम देखने से रहे.

ये भी पढ़ें-

दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत के 6 कारण

देखिए, दिल्ली के MCD चुनाव में EVM ने कैसे केजरीवाल को हराया...

एमसीडी चुनाव के नतीजे बीजेपी और आप के लिए ये बदलाव लाएंगे

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲