• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

पहले गब्बर अब ठाकुर, GST से बदला लेने के लिए अब किसे आगे करेगी कांग्रेस

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 10 नवम्बर, 2017 04:33 PM
  • 10 नवम्बर, 2017 04:33 PM
offline
आजकल राहुल गांधी फिल्में खूब देख रहे हैं और पूरी कांग्रेस को भी दिखा रहे हैं. शायद इसे सुनकर आप थोड़ी देर के लिए खुश हो लें, मगर गुजरात में जो चल रहा है उसको देखकर इस बात की पुष्टि अपने आप हो जाती है.

मुझे 70 के दशक में आई शोले अच्छी लगती है. मेरे अलावा सवा सौ करोड़ देशवासियों में ऐसे बहुत से होंगे, जिन्हें शोले अच्छी लगती होगी. किसी चीज के अच्छा लगने का ये हरगिज मतलब नहीं है कि, हम उसका एक सिरा पकड़ लें और अपनी सारी ताकत उसी में झोंक दें. और साथ ही हम ये साबित करें कि ये सिरा ही अब हमारी डूबती नैया का माझी बन उसे पार लगाएगा. यदि कोई ऐसा लगातार करता है तो जाहिर है समाज उसकी कड़ी निंदा करेगा और व्यक्ति आलोचना का पात्र बन जाएगा. गुजरात चुनाव नजदीक हैं. और शायद राहुल गांधी को लगता है कि वो खुद के अलावा सारी पार्टी को शोले का रिपीट टेलीकास्ट दिखाकर गुजरात में कांग्रेस पार्टी की खोई साख बचा पाएंगे.

आजकल कांग्रेस फ़िल्में ज्यादा देख रही है और उसने फिल्मों को ही वास्तविकता मान लिया

हो सकता है कि, उपरोक्त बातों को पढ़कर आपके दिमाग में ये विचार आए कि, आखिर गुजरात चुनाव और शोले में क्या समानता है? तो आपको बताते चलें कि, गुजरात में विकास को 'पागल' घोषित कर चुके राहुल गांधी ने अब राज्य में कांग्रेस पार्टी की जीत के लिए, गब्बर सिंह के बाद ठाकुर को चुनावी रण में उतारा है. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने. अपनी रैली में विकास को पागल करार करने के बाद राहुल तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने gst को लेकर कहा था कि ये भाजपा का गब्बर सिंह टैक्स है, जिसने छोटे व्यापारियों और उद्योगों की कमर तोड़ दी है और उनके व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है.

खैर, हम बात ठाकुर की कर रहे थे. चुनाव के मद्देनजर जहां एक तरफ पूरे राज्य में रैलियों का दौर जारी है तो वहीं जगह-जगह लगे पोस्टर भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. इन पोस्टर्स के द्वारा, गुजरात में, जहां एक तरफ बीजेपी अपनी उपलब्धियां गिना रही है तो वहीं कांग्रेस अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रही है कि कैसे...

मुझे 70 के दशक में आई शोले अच्छी लगती है. मेरे अलावा सवा सौ करोड़ देशवासियों में ऐसे बहुत से होंगे, जिन्हें शोले अच्छी लगती होगी. किसी चीज के अच्छा लगने का ये हरगिज मतलब नहीं है कि, हम उसका एक सिरा पकड़ लें और अपनी सारी ताकत उसी में झोंक दें. और साथ ही हम ये साबित करें कि ये सिरा ही अब हमारी डूबती नैया का माझी बन उसे पार लगाएगा. यदि कोई ऐसा लगातार करता है तो जाहिर है समाज उसकी कड़ी निंदा करेगा और व्यक्ति आलोचना का पात्र बन जाएगा. गुजरात चुनाव नजदीक हैं. और शायद राहुल गांधी को लगता है कि वो खुद के अलावा सारी पार्टी को शोले का रिपीट टेलीकास्ट दिखाकर गुजरात में कांग्रेस पार्टी की खोई साख बचा पाएंगे.

आजकल कांग्रेस फ़िल्में ज्यादा देख रही है और उसने फिल्मों को ही वास्तविकता मान लिया

हो सकता है कि, उपरोक्त बातों को पढ़कर आपके दिमाग में ये विचार आए कि, आखिर गुजरात चुनाव और शोले में क्या समानता है? तो आपको बताते चलें कि, गुजरात में विकास को 'पागल' घोषित कर चुके राहुल गांधी ने अब राज्य में कांग्रेस पार्टी की जीत के लिए, गब्बर सिंह के बाद ठाकुर को चुनावी रण में उतारा है. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने. अपनी रैली में विकास को पागल करार करने के बाद राहुल तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने gst को लेकर कहा था कि ये भाजपा का गब्बर सिंह टैक्स है, जिसने छोटे व्यापारियों और उद्योगों की कमर तोड़ दी है और उनके व्यापार को बुरी तरह प्रभावित किया है.

खैर, हम बात ठाकुर की कर रहे थे. चुनाव के मद्देनजर जहां एक तरफ पूरे राज्य में रैलियों का दौर जारी है तो वहीं जगह-जगह लगे पोस्टर भी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. इन पोस्टर्स के द्वारा, गुजरात में, जहां एक तरफ बीजेपी अपनी उपलब्धियां गिना रही है तो वहीं कांग्रेस अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रही है कि कैसे वो भाजपा की उपलब्धियों को खारिज कर उन्हें झूठा साबित कर सके.

ताजा मामला सूरत का है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नोटबंदी की वर्षगांठ पर सूरत पहुंचे थे. राहुल ने सूरत में नोटबंदी और GST दोनों ही अहम मुद्दों को उठाकर मोदी सरकार पर कई तीखे प्रहार किए. सूरत में राहुल के दौरे वाले दिन संजीव कुमार के नाम पर बने ऑडिटोरियम और इसके आसपास ऐसे पोस्टर लगे दिखाई दिए जिनमें 'शोले' के ठाकुर की तस्वीर के साथ GST को लेकर मोदी सरकार और बीजेपी पर सीधा निशाना साधा गया था.

इन पोस्टर्स वॉर से नतीजा जो भी निकले मगर जनता इनका पूरा मजा ले रही है

बात अगर इन पोस्टर्स की हो तो इन पर #ReformGST, #SaveSurat, #SaveGujarat जैसे कई सारी हैश टैग्स हैं और इनमें शोले के डायलॉग का इस्तेमाल करके मोदी सरकार को चुनौती दी गयी है. पोस्टर में शोले के सबसे अहम किरदार और लोकप्रिय अभिनेता संजीव कुमार की तस्वीर है और लिखा है कि 'Gabbar #GSTमैं आ रहा हूं'. एक अन्य पोस्टर में शोले के एक बेहद मशहूर डायलॉग के शब्दों में फेरबदल कर लिखा गया है- 'सूरत वालों ने 'पागल विकास' के सामने रोटी डालना बंद कर दिया है.' साथ ही ये भी लिखा है- 'दिल से दुखी संजीव कुमार'. गौरतलब है कि इन पोस्टर्स को सूरत में इसलिए लगवाया गया है कि अभिनेता संजीव कुमार जिनका असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था वो भी सूरत से थे.

बताया जा रहा है कि इन पोस्टर्स को सूरत जिला कांग्रेस अध्यक्ष कसमुखी भाई देसाई के समर्थकों ने लगाया है और इन पोस्टर्स के जरिए यही दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि जैसे 'शोले' में विलेन, 'डाकू गब्बर सिंह' को 'ठाकुर' ने ललकारा था वैसे ही अब कांग्रेस GSTको चुनौती दे रही है और राहुल गांधी के जरिये कह रही है '#GST मैं आ रहा हूं.'

बहरहाल, जिस तरह अहम मुद्दों को दरकिनार कर कांग्रेस पार्टी और उससे जुड़े लोगों द्वारा फिल्मों का सहारा लिया जा रहा है वो ये बताने के लिए काफी है कि वहां चुनावों का आधार जमीनी हकीकत नहीं फसाने हैं. वो फसाने  जिनको अपनाकर पार्टियां आम लोगों को बरगला रही हैं और ये सोचने पर मजबूर कर रही हैं कि जिन्हें वो चुन रहे हैं वो उतने ही खाली हैं जितनी थियेटर में लगने वाली फिल्में ऐसी फिल्में जिनका उद्देश्य लोगों के मनोरंजन से ज्यादा कुछ नहीं रहता.

ये भी पढ़ें -

प्रधानमंत्री मोदी को लेकर राहुल गांधी के इस यू टर्न को आखिर क्या समझें

गुजरात में महाभारत की कहानी सुनाकर राहुल ने तो कांग्रेस को और उलझा दिया

बीजेपी के गढ़ दक्षिण गुजरात में कांग्रेस सेंध लगा पायेगी?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲