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लोकसभा चुनाव 2019 में सनी लियोनी, हाथी और कबूतर तय करेंगे हार-जीत !

    • अनुज मौर्या
    • Updated: 26 अगस्त, 2018 04:53 PM
  • 26 अगस्त, 2018 04:52 PM
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किसी के वोटर कार्ड पर सनी लियोनी की तस्वीर लगी थी, तो किसी को हाथी, कबूतर या हिरण बना दिया गया है. यहां एक सवाल ये भी उठता है कि ये महज लापरवाही का नतीजा है या फिर कोई फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया है?

लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं. जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनाव आयोग की तैयारियों पर सवाल भी उठना शुरू हो गए हैं. ईवीएम का विवाद अभी थमा भी नहीं है और यूपी के बलिया में वोटर लिस्ट में कई लोगों की गलत तस्वीर लगी हुई पाई गई है. किसी के वोटर कार्ड पर सनी लियोनी की तस्वीर लगी थी, तो किसी को हाथी, कबूतर या हिरण बना दिया गया है. इसका मामला वेरिफिकेशन के दौरान सामने आया है. यहां एक सवाल ये भी उठता है कि आबादी या यूं कहें कि वोटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य में हुई ये घटना महज एक लापरवाही का नतीजा है या फिर कोई फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया है? अब प्रशासन और चुनाव आयोग को ईवीएम विवाद के साथ-साथ वोटर लिस्ट बनाने में हो रही लापरवाहियों पर भी ध्यान देना होगा.

सनी लियोनी का वोटर आईडी कार्ड दुर्गावती के नाम से बना दिया गया है.

ईवीएम विवाद के बाद नया मामला

आमतौर पर यह देखा गया है कि चुनाव हारने के बाद पार्टियां ईवीएम को ही जिम्मेदार ठहराती हैं. 2009 के दौरान लोकसभा चुनाव हाने के बाद भाजपा ने विरोध किया था और 2014 से लेकर अब तक कांग्रेस इसके विरोध में खड़ी नजर आ रही है. ईवीएम को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट लगाने के आदेश भी जारी हो चुके हैं. अगर ईवीएम में कोई गड़बड़ी पाई गई तो वीवीपैट के जरिए निकली पर्चियों को गिनकर भी चुनावी नतीजे जाने जा सकेंगे. अब तक तो आप सिर्फ ईवीएम विवाद के बारे में सुन रहे थे, जिसका निपटाया वीवीपैट से करने की कोशिश हुई है, लेकिन अब जिस तरह से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की घटना सामने आ रही है, उसने फिर से चुनाव आयोग को कटघरे में ला खड़ा किया है. ईवीएम विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ है और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले की जा रही तैयारियों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी ने प्रशासन की कोशिशों को एक दिलचस्प मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है. अब ईवीएम के साथ-साथ सरकार को वोटर लिस्ट को भी ध्यान से देखना होगा.

लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं. जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनाव आयोग की तैयारियों पर सवाल भी उठना शुरू हो गए हैं. ईवीएम का विवाद अभी थमा भी नहीं है और यूपी के बलिया में वोटर लिस्ट में कई लोगों की गलत तस्वीर लगी हुई पाई गई है. किसी के वोटर कार्ड पर सनी लियोनी की तस्वीर लगी थी, तो किसी को हाथी, कबूतर या हिरण बना दिया गया है. इसका मामला वेरिफिकेशन के दौरान सामने आया है. यहां एक सवाल ये भी उठता है कि आबादी या यूं कहें कि वोटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य में हुई ये घटना महज एक लापरवाही का नतीजा है या फिर कोई फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया है? अब प्रशासन और चुनाव आयोग को ईवीएम विवाद के साथ-साथ वोटर लिस्ट बनाने में हो रही लापरवाहियों पर भी ध्यान देना होगा.

सनी लियोनी का वोटर आईडी कार्ड दुर्गावती के नाम से बना दिया गया है.

ईवीएम विवाद के बाद नया मामला

आमतौर पर यह देखा गया है कि चुनाव हारने के बाद पार्टियां ईवीएम को ही जिम्मेदार ठहराती हैं. 2009 के दौरान लोकसभा चुनाव हाने के बाद भाजपा ने विरोध किया था और 2014 से लेकर अब तक कांग्रेस इसके विरोध में खड़ी नजर आ रही है. ईवीएम को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम मशीन के साथ वीवीपैट लगाने के आदेश भी जारी हो चुके हैं. अगर ईवीएम में कोई गड़बड़ी पाई गई तो वीवीपैट के जरिए निकली पर्चियों को गिनकर भी चुनावी नतीजे जाने जा सकेंगे. अब तक तो आप सिर्फ ईवीएम विवाद के बारे में सुन रहे थे, जिसका निपटाया वीवीपैट से करने की कोशिश हुई है, लेकिन अब जिस तरह से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की घटना सामने आ रही है, उसने फिर से चुनाव आयोग को कटघरे में ला खड़ा किया है. ईवीएम विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ है और लोकसभा चुनाव 2019 से पहले की जा रही तैयारियों में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी ने प्रशासन की कोशिशों को एक दिलचस्प मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है. अब ईवीएम के साथ-साथ सरकार को वोटर लिस्ट को भी ध्यान से देखना होगा.

वोटर कार्ड बनाने में कितनी लापरवाही बरती जा रही है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक महिला के नाम के आगे सनी लियोनी की तस्वीर लगी पाई गई. एक वरिष्ठ डिस्ट्रिक्ट अधिकारी ने बताया कि वह महिला बरेली के विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाली है, जिसका नाम दुर्गावती है. चलिए मान लेते हैं कि किसी ने दो महिलाओं की तस्वीर को पहचानने में भूल कर दी और गलत तस्वीर लगा दी, लेकिन जानवर और इंसान में कोई फर्क होता है कि नहीं? पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर नारद राय के वोटर कार्ड पर एक हाथी की तस्वीर लगी मिली. वहीं दूसरी ओर, कुंवर अंकुर सिंह की तस्वीर की जगह हिरण की तस्वीर लगी हुई पाई गई. इसके अलावा गौरव नाम के एक शख्स की आगे कबूतर की तस्वीर लगी हुई पाई गई.

ये सिर्फ गलती है या फिर फर्जीवाड़ा, जांच के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी.

इसे लेकर बलिया के कोतवाली पुलिस स्टेशन में ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है और मामले की छानबीन की जा रही है. निर्वाचन आयोग ने कहा है कि गलतियों को सही कर लिया गया है और अंतिम सूची में मतदाताओं की सही तस्वीर प्रकाशित होगी, लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही करने वाले कभी पकड़े जाएंगे या नहीं, ये कोई नहीं बता सकता. हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं.

तो कौन है दोषी?

इन सबका दोषी है विष्णु... तो क्या वाकई सिर्फ विष्णु ही दोषी है? आयोग ने अपना पल्ला झाड़ते हुए इस लापरवाही का ठीकरा एक संविदा कर्मी विष्णु वर्मा के सिर पर फोड़ दिया गया है. बलिया के अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंघल के अनुसार ऑपरेटर विष्णु को आउटसोर्सिंग के जरिए नियुक्त किया गया है, जिसे अब बर्खास्त करने की मांग की जा रही है. बताया जा रहा है कि विष्णु की एक क्लर्क से लड़ाई हो गई थी, जिसके बाद गुस्से में आकर उसने ही वोटर लिस्ट के साथ छेड़छाड़ की. सोचने वाली बात ये है कि जिस वोटर आईडी कार्ड को पूरे देश में कहीं भी कोई भी काम करवाने के लिए दिखाया जा सकता है, उसे बनाने में इतनी बड़ी लापरवाही की क्या सजा होगा? खैर, ये पहली बार नहीं है. इससे पहले आधार कार्ड बनाने में भी ऐसी लापरवाही देखी जा चुकी है, जहां इंसानों के नाम के आगे जानवरों की तस्वीरें लगा दी गई थीं. हालांकि, नारद राय ने कहा है कि इसके लिए सिर्फ विष्णु ही दोषी नहीं है, बल्कि सरकार मतदाता सूची में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

ये ऑपरेटर अंधे होते हैं क्या?

वोटर लिस्ट में गलत तस्वीरें दिखना एक अकेला लापरवाही का मामला नहीं है. इससे पहले देशभर में अलग-अलग जगहों से कुत्ते, बकरे और हनुमान जी तक के आधार कार्ड बनाए जाने की खबरें सामने आ चुकी हैं. समझ ये नहीं आ रहा कि कुत्ते और बकरे के फिंगर प्रिंट कैसे लिए गए होंगे. हैरानी तो ये है कि ऑपरेटर ने आंखों पर पट्टी बांधी थी क्या जो उसे इंसान और जानवर में फर्क ही नहीं दिखा. और हनुमान जी का आधार कार्ड बना देना... मतलब ये तो हद ही हो गई.

जिसने कुत्ते का ये आधार कार्ड बनाया होगा, उसने आंखों पर पट्टी ही बांधी होगी.

यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि जब वोटर आईडी कार्ड या आधार कार्ड बनाने का काम किसी को दिया जाता है तो उससे पहले ये भी चेक नहीं किया जाता कि वो काम करने लायक है भी या नहीं. और अगर पूरी जांच-पड़ताल के बाद ये काम किसी को सौंपे जाते हैं तो विष्णु जैसे ऑपरेटर के साथ-साथ उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. खैर, निर्वाचन आयोग ने अभी तो आश्वस्त कर दिया है कि अंतिम सूची में सब कुछ सही होगा, लेकिन अगर लोकसभा चुनाव में फिर से कोई सनी लियोनीी की तस्वीर वाला वोटर आईडी कार्ड लिए मिल जाए, तो हैरान मत होइएगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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