भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में चुनाव का अपना विशेष महत्व है. कह सकते हैं कि भारतीय राजनीति में चुनाव किसी उत्सव या मेले की तरह होता है. जिस तरह मेले में किस्म-किस्म की दुकानें लगती हैं, और उसमें तरह-तरह के सामान बिकते हैं, वैसा ही कुछ राजनीति में भी है. यहां किस्म-किस्म की पार्टियां और तरह-तरह के उम्मीदवार होते हैं, जो चुनावी दंगल में अपना भाग्य आजमाते हैं.
ध्यान रहे, उत्तर प्रदेश में बड़ा चुनावी दंगल होने वाला है जिसके मद्देनज़र उम्मीदवारों के हौसले बुलंद हैं. उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? कौन सी पार्टी प्रदेश की शीर्ष पार्टी बनेगी? क्या प्रदेश की जनता दोबारा अखिलेश यादव को मौका देगी, इन प्रश्नों के उत्तर आने वाला वक्त देगा. मगर जो आज की हक़ीकत है वो खासी दिलचस्प है. आज अपने इस लेख के जरिये हम आपको आगरा की एक ऐसी निर्दलीय प्रत्याक्षी से मिलवाने जा रहे हैं जिनकी उम्र 95 साल है और जो चुनाव जीतने के बाद अधिकारीयों से काम करवाने के लिए अपने पास एक डंडा रखती हैं.
यूं तो आपने कई बुज़ुर्गों को उम्र के इस पड़ाव में डंडे का सहारा लेते देखा होगा मगर इस बुजुर्ग प्रत्याक्षी के इरादे जरा दूसरे हैं. इनका मानना है कि यदि ये चुनाव जीती तो अपने इसी डंडे से ये आरामतलब अधिकारियों को राइट टाइम करेंगी. जी हां हम बात कर रहे हैं आगरा में नामांकन के आखिरी दिन पहुंची जल देवी की. बतौर निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन करने वाली खेरागढ़ की 95 साल की जल देवी सबके बीच कौतुहल का विषय हैं.
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