• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सियासत

यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती और राम मंदिर निर्माण अब एक जैसी राह पर...

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 30 जनवरी, 2019 08:14 PM
  • 30 जनवरी, 2019 04:34 PM
offline
यूपी में 69000 सहायक शिक्षकों (69000 shikshak bharti ) की भर्ती का मामला उतना ही पेंचीदा हो गया है, जितना कि राम मंदिर का. न ही राम मंदिर बन पा रहा है और न ही शिक्षक बहाल हो पा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती (69000 shikshak bharti ) पर चल रहा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ इस मामले के हल होने का इंतजार कर रहे उम्‍मीदवार हैं, तो दूसरी ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने माथापच्‍ची कर रही योगी आदित्‍यनाथ की सरकार. योगी सरकार चाहती है कि इस विवाद का जल्‍द से जल्‍द हल निकले, ताकि उम्‍मीदवारों को नौकरी और उन्‍हें बदले में कुछ वोट मिल सकें. लेकिन, इस मामले की किस्‍मत राम मंदिर केस जैसी होती जा रही है. सरकार जितनी जल्‍दबाजी कर रही है, कोर्ट में मामला उतना ही खिंचता जा रहा है.

अब तक सुनवाई के नाम पर अभ्यर्थियों को तारीख तो दी जा रही है मगर इसपर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है. मामले को लेकर अच्छी खबर ये है कि अब हर रोज़ इसकी सुनवाई चलेगी और आशा की जा रही है कि जल्द ही कोर्ट इसपर अपना फैसला सुना देगा. बताया जा रहा है कि शिक्षकों की लिखित परीक्षा के नतीजे घोषित करने पर यथास्थिति याचिकाओं के पूर्ण निस्तारण तक बरकरार रहेगी. सुनवाई के दौरान सरकार के विशेष अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के क्वालिटी एजुकेशन सम्बंधी तमाम ऑब्जर्वेशंस के सहारे क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने के निर्णय को सही बताया. सरकार का पक्ष लेते हुए सरकार के विशेष अधिवक्ता ने कहा कि उसकी मंशा क्वालिटी एजुकेशन देने की है और इसके लिए क्वालिटी अध्यापकों की आवश्यकता है.

शिक्षकों की भर्ती को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सवालों के घेरे में है

गौरतलब है कि यूपी में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती की परीक्षा के क्वालिफाइंग मार्क्स को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई थी. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार की पैरवी कर रहे मुख्य स्थाई अधिवक्ता से पूछा...

उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती (69000 shikshak bharti ) पर चल रहा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ इस मामले के हल होने का इंतजार कर रहे उम्‍मीदवार हैं, तो दूसरी ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने माथापच्‍ची कर रही योगी आदित्‍यनाथ की सरकार. योगी सरकार चाहती है कि इस विवाद का जल्‍द से जल्‍द हल निकले, ताकि उम्‍मीदवारों को नौकरी और उन्‍हें बदले में कुछ वोट मिल सकें. लेकिन, इस मामले की किस्‍मत राम मंदिर केस जैसी होती जा रही है. सरकार जितनी जल्‍दबाजी कर रही है, कोर्ट में मामला उतना ही खिंचता जा रहा है.

अब तक सुनवाई के नाम पर अभ्यर्थियों को तारीख तो दी जा रही है मगर इसपर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है. मामले को लेकर अच्छी खबर ये है कि अब हर रोज़ इसकी सुनवाई चलेगी और आशा की जा रही है कि जल्द ही कोर्ट इसपर अपना फैसला सुना देगा. बताया जा रहा है कि शिक्षकों की लिखित परीक्षा के नतीजे घोषित करने पर यथास्थिति याचिकाओं के पूर्ण निस्तारण तक बरकरार रहेगी. सुनवाई के दौरान सरकार के विशेष अधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय के क्वालिटी एजुकेशन सम्बंधी तमाम ऑब्जर्वेशंस के सहारे क्वालिफाइंग मार्क्स तय किये जाने के निर्णय को सही बताया. सरकार का पक्ष लेते हुए सरकार के विशेष अधिवक्ता ने कहा कि उसकी मंशा क्वालिटी एजुकेशन देने की है और इसके लिए क्वालिटी अध्यापकों की आवश्यकता है.

शिक्षकों की भर्ती को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सवालों के घेरे में है

गौरतलब है कि यूपी में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती की परीक्षा के क्वालिफाइंग मार्क्स को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई थी. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार की पैरवी कर रहे मुख्य स्थाई अधिवक्ता से पूछा था कि, क्या सरकार 7 जनवरी के शासनादेश के बगैर परीक्षा परिणाम घोषित करने को तैयार है?

ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला अधर में लटका है. मामला कितना पेचीदा है इसे समझने के लिए हमें याचिकाकर्ताओं के वकील अमित सिंह भदौरिया की बात समझनी होगी. भदौरिया के अनुसार दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल अलग-अलग नौ याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के क्वालिफाइंग मार्क्स को चुनौती दी है. 7 जनवरी को राज्य सरकार ने जनरल कैटेगरी के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 65 फीसदी. जबकि रिजर्व कैटेगरी के लिए 60 प्रतिशत रखने की घोषणा की थी.

कोर्ट में पेश की गयी याचिकाओं में कहा गया है कि जब विभाग ने नौकरी के लिए नोटिफिकेशन जारी किया तब ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं की गई थी. अतः परीक्षा हो जाने के बाद क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना कानून सम्मत नहीं है और यह नियम के विरुद्ध भी है. बात आगे बढ़ाने से पहले बता दें कि 6 जनवरी को लिखित परीक्षा होने के बाद सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिये जबकि यह तय नियम है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद नियमों मे परिवर्तन नहीं किया जा सकता है.

पूर्व में शिक्षामित्र रहे इन सभी याचिकाकर्ताओं पर कोर्ट या फैसला देगा इसका जवाब भविष्य देगा. मगर शिक्षकों की भर्ती को लेकर जिस तरह का बवाल सूबे में चल रहा है. 2018 के बाद से आए रोज प्रदर्शन हो रहे हैं. शिक्षक मार खा रहे हैं, उनपर लाठी डंडे और मुक़दमे चलाए जा रहे हैं उससे साफ हो गया है कि कहीं न कहीं सरकार अपने ही बिछाए जाल में फंस गई है. ध्यान रहे कि सूबे में भाजपा की सरकार आने और योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश में क्वालिटी एजुकेशन के तहत शिक्षक भर्ती की बात की गई थी. सरकार ने नौकरियां तो निकलीं मगर जिस तरह एक के बाद एक पेच पैदा किये जा रहे हैं सूबे के युवाओं का शिक्षक बनना एक टेढ़ी खीर प्रतीत हो रहा है.

जैसे हालात हैं हमारे लिए ये कहना अतिश्योक्ति नहीं है कि शिक्षक भर्ती का मामला भी राम मंदिर जैसा है. जैसे राम मंदिर के लिए आश्वासन तो दिए गए मगर कुछ हुआ नहीं वैसा इसमें भी देखने को मिल रहा है. अंत में बस इतना ही कि 2019 का चुनाव नजदीक है. योगी सरकार को राम मंदिर के निर्माण के साथ साथ 69000 टीचर्स को बहाल करने की दिशा में गंभीर हो जाना चाहिए. यदि सरकार ऐसा कर ले गयी तो इससे, उसे चुनाव में बड़ा फायदा मिलेगा और यदि ऐसा नहीं हुआ और मामला कोर्ट में ही लटका रहा तो फिर स्थिति कुछ अलग होगी.

ये भी पढ़ें -

हिन्दी में क्यों लुढ़क रहे हैं यूपी के छात्र

स्कूल से दो शिक्षकों का तबादला हुआ तो विदाई देने उमड़ा पूरा गांव...

अब तो खुद को सुधार लो हिन्दी वाले मास्टर जी


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    अब चीन से मिलने वाली मदद से भी महरूम न हो जाए पाकिस्तान?
  • offline
    भारत की आर्थिक छलांग के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण क्यों है?
  • offline
    अखिलेश यादव के PDA में क्षत्रियों का क्या काम है?
  • offline
    मिशन 2023 में भाजपा का गढ़ ग्वालियर - चम्बल ही भाजपा के लिए बना मुसीबत!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲