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रूस वाले पुतिन से प्रेरणा लेकर केजरीवाल को झटपट जमुना जी में क्यों कूद जाना चाहिए ?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 21 जनवरी, 2018 11:58 AM
  • 21 जनवरी, 2018 11:58 AM
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दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल इन दिनों परेशान हैं.अगर उन्हें अपनी परेशानी कम करनी है तो उन्हें रूस के राष्ट्रपति पुतिन से प्रेरणा लेनी होगी जो अपने पाप कम करने के लिए ठंडे पानी में डुबकी लगाते दिख रहे हैं.

भारत की राजनीति में अरविंद केजरीवाल अपने आप में एक पूरा पैकेज हैं. इनमें वो सब कुछ है जो एक नेता में होना चाहिए. ये अपनी जनता का मनोरंजन भी करते हैं और उसे आवेश में भी लाते हैं. इनकी भावना भी आहत होती है और ये अपनी वजह से दूसरों की भी भावना आहत करते हैं. शक्ल से बेहद मासूम और आम आदमी टाइप दिखने वाले अरविंद केजरीवाल बेचारे इन दिनों बड़ा परेशान हैं. मतलब ये इतने परेशान हैं कि इस बार इनकी परेशानी को देखकर न देश की राजधानी में ढंग से फॉग ही चला न ठंड ही हुई. कहा जा सकता है कि सर्दी की इस दोपहर में जिस दिन इनकी परेशानी कुछ कम होती है एक नई परेशानी बाहें फैलाए इनके दरवाजे पर सुबह से ही आकर खड़ी हो जाती और इन्हें कस के "हग" कर लेती है.

केजरीवाल को देखकर लगता है कि परेशानियां इनसे दूर ही नहीं होना चाहती हैं

मतलब हालत तो ये है कि कभी-कभी  केजरीवाल की आलोचना करने वाले भी इन पर तरस खाकर कह ही देते हैं कि इस बेचारे का परेशानियों से चोली और दामन का साथ है. जिस दिन से केजरीवाल देश की सक्रिय राजनीति में आए इनकी किस्मत के बुलंद तारे सुस्त पड़ गए. आप खुद उस आदमी की परेशानियों की कल्पना करिए जिसके एक दो नहीं बल्कि 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दिया है.

बेचारे केजरीवाल, इन्हें कभी कपिल मिश्रा से तो कभी सोमनाथ भारती से. और अगर बात इन दिनों की हो तो आजकल कुमार विश्वास अपने आरोपों के अलावा व्यंग्य बाणों से इनकी कलरफुल ज़िन्दगी को ब्लैक एंड वाइट कर रहे हैं. खैर केजरीवाल जी के लिए एक सुझाव है. सुझाव ये है कि अगर ये अपनी ब्लैक एंड वाइट चल रही जिंदगी को दोबारा कलरफुल बनाना चाहते हैं तो इन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से प्रेरणा लेते हुए दिल्ली में किसी साफ स्थान पर जमुना जी में कूद जाना चाहिए ताकि जमुना जी का पानी इनके पिछले पाप...

भारत की राजनीति में अरविंद केजरीवाल अपने आप में एक पूरा पैकेज हैं. इनमें वो सब कुछ है जो एक नेता में होना चाहिए. ये अपनी जनता का मनोरंजन भी करते हैं और उसे आवेश में भी लाते हैं. इनकी भावना भी आहत होती है और ये अपनी वजह से दूसरों की भी भावना आहत करते हैं. शक्ल से बेहद मासूम और आम आदमी टाइप दिखने वाले अरविंद केजरीवाल बेचारे इन दिनों बड़ा परेशान हैं. मतलब ये इतने परेशान हैं कि इस बार इनकी परेशानी को देखकर न देश की राजधानी में ढंग से फॉग ही चला न ठंड ही हुई. कहा जा सकता है कि सर्दी की इस दोपहर में जिस दिन इनकी परेशानी कुछ कम होती है एक नई परेशानी बाहें फैलाए इनके दरवाजे पर सुबह से ही आकर खड़ी हो जाती और इन्हें कस के "हग" कर लेती है.

केजरीवाल को देखकर लगता है कि परेशानियां इनसे दूर ही नहीं होना चाहती हैं

मतलब हालत तो ये है कि कभी-कभी  केजरीवाल की आलोचना करने वाले भी इन पर तरस खाकर कह ही देते हैं कि इस बेचारे का परेशानियों से चोली और दामन का साथ है. जिस दिन से केजरीवाल देश की सक्रिय राजनीति में आए इनकी किस्मत के बुलंद तारे सुस्त पड़ गए. आप खुद उस आदमी की परेशानियों की कल्पना करिए जिसके एक दो नहीं बल्कि 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दिया है.

बेचारे केजरीवाल, इन्हें कभी कपिल मिश्रा से तो कभी सोमनाथ भारती से. और अगर बात इन दिनों की हो तो आजकल कुमार विश्वास अपने आरोपों के अलावा व्यंग्य बाणों से इनकी कलरफुल ज़िन्दगी को ब्लैक एंड वाइट कर रहे हैं. खैर केजरीवाल जी के लिए एक सुझाव है. सुझाव ये है कि अगर ये अपनी ब्लैक एंड वाइट चल रही जिंदगी को दोबारा कलरफुल बनाना चाहते हैं तो इन्हें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से प्रेरणा लेते हुए दिल्ली में किसी साफ स्थान पर जमुना जी में कूद जाना चाहिए ताकि जमुना जी का पानी इनके पिछले पाप धुल दे जो शायद इनकी आज की परेशानी का कारण हों.

कहा जा सकता है कि अब पुतिन से ही प्रेरणा लेकर केजरीवाल अपनी परेशानियां दूर कर सकते हैं

जी हां हो सकता है कि इसे पढ़कर एक बार आप भी कन्फ्यूज हो जाएं और सोचें कि आखिर पुतिन, केजरीवाल, पानी, जमुना, पाप का माजरा का क्या है. तो इसे समझने के लिए आपको एक खबर समझनी होगी. खबर है कि अपने एटीट्यूड से अक्सर ही लोगों को हैरत में डालने वाले पुतिन इन दिनों बर्फीली झील के पानी में डुबकियां लगा रहे हैं ताकि उनके पाप कम हो सकें. जी हां बिल्कुल सही सुना आपने. रूस में ईसाइयों के त्योहार एपिफनी के मौके पर आर्थोडॉक्स चर्च की ओर से ठंडे जल में स्नान करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था.

इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुतिन ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और बर्फ सरीखे ठंडे पानी में छलांग लगाकर अपने पिछले पाप धोए. आपको बताते चलें कि रूस में यह परंपरा 16वीं सदी से चली आ रही है. ऐसा करने के पीछे मान्यता है कि इंसान के पुराने पापों से मुक्ति मिल जाती है और वो इसके बाद पहले की अपेक्षा ज्यादा शांत रहता है.

बात बहुत सीधी है. अब जब पुतिन अपने पापों से मुक्ति के लिए बिल्कुल चिल्ड पानी में गोता लगा सकते हैं तो केजरीवाल जी भी उनसे प्रेरणा लेकर जमुना जी के पानी में कहीं भी कूद ही सकते हैं. क्या पता केजरीवाल के इस प्रयास से भाग्य वाले  देवता खुश हो जाएं और इनके दुःख कुछ हद तक दूर ही कर दें साथ ही इन्हें मोक्ष और निर्वाण समेत अच्छे और योग्य विधायकों की प्राप्ति हो ही जाए.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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