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न बेबी के लिए बेस बढ़ेगा, न डीजे वाले बाबू का म्यूजिक होगा लाउड! योगी को लाउडस्पीकर नहीं पसंद है

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 08 जनवरी, 2018 07:16 PM
  • 08 जनवरी, 2018 07:15 PM
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इन दिनों उत्तर प्रदेश में लाउड स्पीकर फिर एक बार चर्चा में है और ऐसी क्या वजह है कि एक आम आदमी को जाड़े में, घटित इस खबर पर आहत नहीं होना चाहिए और इस खबर का स्वागत करना चाहिए.

आज सुबह- सुबह जो खबर देखी वो बड़ा सुकून देने वाली है. खबर के अनुसार, यूपी में सरकार ने एक नया सर्कुलर जारी कर प्रदेश की जनता को बता दिया है कि अब यदि इन्होंने मंदिर-मस्जिद में बिना इजाजत लाउडस्पीकर बजाया तो उन्हें जेल जाना होगा. इसके अलावा सरकार का ये भी फरमान है कि यदि बारात के साथ उसके पीछे चल रहे बैंड वाले या फिर उधर ससुराल में चल रहे डीजे में, डीजे वाले बाबू ने म्यूजिक का बेस बढ़ाकर उसे लाउड लिया तो भी खामियाजा दूल्हे को ही भुगतना होगा और मौके पर हूटर बजाती पुलिस की जीप आ जाएगी.

कहा जा सकता है कि लाउडस्पीकर चाहे कैसा भी हो उसकी आवाज से परेशानी सभी को है

मुझे ये खबर क्यों अच्छी लग रही है इसके कुछ अपने एकदम पर्सनल कारण हैं. यदि मुझसे कोई एक ऐसी लिस्ट बनाने को कहे जिसमें जिसमें सदी की सबसे विवादस्पद चीजें हों तो उस लिस्ट में, मैं जो चीज सबसे पहले शामिल करूंगा वो और कुछ नहीं लाउड स्पीकर होगी. गर्मी की बातें गर्मी में होंगी. इन दिनों सर्दी है क्यों न बात सर्दी पर हो. जिस कड़ाके की सर्दी और कोहरे के चलते, कोरिया वाले योद्धा "किम जोंग उन" तक ने अपनी "ख़बरों" को भारत भेजने से इंकार कर दिया है उस सर्दी में आम आदमी को जिस चीज ने सबसे ज्यादा दुखी कर उसकी सम्पूर्ण दिनचर्या में पुदीना बो रखा है वो लाउडस्पीकर है.

जाड़े में, यूं भी कम्बल में अनचाही हवा के प्रवेश के चलते आम आदमी रात भर सो नहीं पाता. भोर होते होते वो जैसे तैसे गठरी बन सोने की कोशिश करता है. अभी वो सो ही रहा होता है कि सुबह तड़के 4 बजे से, कभी मंदिर के तो कभी मस्जिद के लाउड स्पीकर उसकी नींद हराम कर देते हैं और वो मारे इरीटेशन के इनको कोसते हुए उठ जाता है. अब आप ही बताइए सोता हुआ या फिर अधसोई आंखों से काम करते हुए देश के विकास में अपना योगदान देता हुआ वो लाउडस्पीकर से प्रताड़ित...

आज सुबह- सुबह जो खबर देखी वो बड़ा सुकून देने वाली है. खबर के अनुसार, यूपी में सरकार ने एक नया सर्कुलर जारी कर प्रदेश की जनता को बता दिया है कि अब यदि इन्होंने मंदिर-मस्जिद में बिना इजाजत लाउडस्पीकर बजाया तो उन्हें जेल जाना होगा. इसके अलावा सरकार का ये भी फरमान है कि यदि बारात के साथ उसके पीछे चल रहे बैंड वाले या फिर उधर ससुराल में चल रहे डीजे में, डीजे वाले बाबू ने म्यूजिक का बेस बढ़ाकर उसे लाउड लिया तो भी खामियाजा दूल्हे को ही भुगतना होगा और मौके पर हूटर बजाती पुलिस की जीप आ जाएगी.

कहा जा सकता है कि लाउडस्पीकर चाहे कैसा भी हो उसकी आवाज से परेशानी सभी को है

मुझे ये खबर क्यों अच्छी लग रही है इसके कुछ अपने एकदम पर्सनल कारण हैं. यदि मुझसे कोई एक ऐसी लिस्ट बनाने को कहे जिसमें जिसमें सदी की सबसे विवादस्पद चीजें हों तो उस लिस्ट में, मैं जो चीज सबसे पहले शामिल करूंगा वो और कुछ नहीं लाउड स्पीकर होगी. गर्मी की बातें गर्मी में होंगी. इन दिनों सर्दी है क्यों न बात सर्दी पर हो. जिस कड़ाके की सर्दी और कोहरे के चलते, कोरिया वाले योद्धा "किम जोंग उन" तक ने अपनी "ख़बरों" को भारत भेजने से इंकार कर दिया है उस सर्दी में आम आदमी को जिस चीज ने सबसे ज्यादा दुखी कर उसकी सम्पूर्ण दिनचर्या में पुदीना बो रखा है वो लाउडस्पीकर है.

जाड़े में, यूं भी कम्बल में अनचाही हवा के प्रवेश के चलते आम आदमी रात भर सो नहीं पाता. भोर होते होते वो जैसे तैसे गठरी बन सोने की कोशिश करता है. अभी वो सो ही रहा होता है कि सुबह तड़के 4 बजे से, कभी मंदिर के तो कभी मस्जिद के लाउड स्पीकर उसकी नींद हराम कर देते हैं और वो मारे इरीटेशन के इनको कोसते हुए उठ जाता है. अब आप ही बताइए सोता हुआ या फिर अधसोई आंखों से काम करते हुए देश के विकास में अपना योगदान देता हुआ वो लाउडस्पीकर से प्रताड़ित आदमी क्या ख़ाक इंडिया को न्यू इंडिया वाले रास्ते पर ले जाएगा.

कह सकते हैं कि इस देश को पीछे ले जाने में जहां एक तरफ खुद इस देश के नागरिकों का हाथ है तो वहीं लाउडस्पीकर भी पीछे नहीं है. देश की हालत पतली करने में लाउडस्पीकर का भी बराबर का योगदान है. लाउडस्पीकर, जी हां वही लाउडस्पीकर जिसपर कभी एमआईएम नेता ओवैसी की आवाज़ आई थी और उन्होंने कहा था कि अगर कुछ घंटों के लिए पुलिस हटा दी जाए तो उनके लोग दूसरे समुदाय का जीना मुश्किल कर देंगे. वही लाउडस्पीकर जिसको थामे हुए साक्षी महाराज ने कहा था कि अब वो समय आ गया है कि "सनातन धर्म" को बचाने के लिए हिन्दू महिलाऐं 4 बच्चे या उससे अधिक बच्चे पैदा करें.

उत्तर प्रदेश सरकार का तर्क है कि अब लाउड स्पीकर वही बजेंगे जिन्होंने इजाजत ली होगी

वही लाउडस्पीकर जिसपर चींखते हुए एक जमाने में राहुल गांधी ने "भारत से गरीब और गरीबी हटाने की बात की थी." वही लाउडस्पीकर जिसकी कमानी थाम के नरेंद्र मोदी ने भाषण दिए और इस देश के प्रधान मंत्री बने". हां वही लाउडस्पीकर जिसकी आवाज़ और महज़ 20 रुपए के खर्च से सम्पूर्ण देश में शीघ्रपतन, बांझपन, बवासीर जैसी गंभीर बिमारियों का इलाज होता है. वही लाउडस्पीकर जिसमें से आ रही अलग अलग आवाज़ें फोड़े, फुंसी, दाद- खाद खुजली, एक्जिमा, मोतियाबिंद और रतौंधी को ख़त्म करती हैं.

उसी लाउडस्पीकर को लेकर यूपी के प्रिंसिपल सेक्रेट्री (होम) ने सूबे के सभी डीएम और एसएसपी को एक सर्कुलर जारी किया है और कहा है कि मंदिर-मस्जिद पर बिना इजाजत लगे लाउड स्पीकर 20 जनवरी से पहले उतरवा दिए जाएं. इसके अलावा उनका ये भी आदेश है कि 15 जनवरी से पहले हर मंदिर और मस्जिद में लाउड स्पीकर लगाने की इजाजत ले ली जाए. जो इजाजत नहीं लेगा सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी.

इस पूरे मामले में सबसे मजेदार बात ये है कि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही पुलिस और राजस्व विभाग के कर्मचारियों से एक सर्वे करवाएगी और पता लगाने की कोशिश करगी कि पूरे यूपी में कितने धार्मिक स्थानों पर लाउड स्पीकर लगे हुए हैं और उनमें से कितने लाउडस्पीकर ऐसे हैं जो परमीशन से चल रहे हैं. जिन्होंने इसकी इजाजत सरकार से ली अच्छी बात है जिन्होंने इजाजत नहीं ली है, उन्हें 15 जनवरी से पहले एक तयशुदा फॉर्म भरकर इजाजत लेनी होगी.

गौरतलब है कि सर्कुलर का केंद्रबिंदु एक पीआईएल है जिसपर गुजरे 20 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए यह आदेश दिया, जिसे लागू किया जाना है. अब चूंकि बात कोर्ट की है तो उसपर अमल लाजमी है अतः अपनी बात खत्म करते हुए हम यही कहेंगे कि अब भविष्य में बेबी न तो बेस बढ़वा पाएगी और न ही डीजे वाले बाबू तेज आवाज़ में गाना चला पाएंगे ऐसा इसलिए क्योंकि कोर्ट और योगी दोनों को लाउड स्पीकर और उससे निकला बेस नहीं पसंद है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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