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कंगना रनौत को घेरते उद्धव ठाकरे 'टिपिकल सास' क्यों बन रहे हैं?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 27 अक्टूबर, 2020 10:32 AM
  • 27 अक्टूबर, 2020 10:32 AM
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कंगना (Kangana Ranaut) से पंगे के चलते जैसी बातें उद्धव (Uddhav Thakarey) ने अपने दशहरा भाषण में कही हैं उन्हें सुनकर उनमें एक ऐसी टिपिकल सास नज़र आ रही है जिसे बहू में सिर्फ और सिर्फ खोट ही नज़र आ रहे हैं. वहीं बात अगर कंगना की हो तो अगर 100 सुनार की है तो फिर एक लुहार की.

दुनिया में चूहे-बिल्ली, सांप-नेवले, कुत्ते-बंदर के बाद वो दुश्मनी जिसने हमेशा ही सुर्खियां बटोरीं और चर्चा में रही वो सास-बहू की है. चंद ही बहुएं होतीं हैं जिन्हें प्यार करने वाली सास मिलती है. इसी तरह गिनी चुनी सासू माएं होती हैं जिन्हें कहना मानने वाली बहुएं मिलती हैं. लेकिन ये दोनों ही बातें मौजूदा परिस्थितियों में 'गूलर का फूल' हैं. ये रिश्ता है ही कुछ ऐसा है कि मौके-बेमौके सास, बहू की अच्छाइयों में भी खोट निकालती है. ऐसे ही बहू भी सास को एक फूटी आंख नहीं भाती. सवाल होगा कि किस सास ने अपनी बहू से दुश्मनी पाल ली ? कौन सी बहू सास के खून की प्यासी हो गयी ? दुश्मनी, रिश्तों और सास बहुओं की क्वालिटी का बखान करती ये बातें क्यों? वजह हैं शिवसेना सुप्रीमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (ddhav Thackeray) और बॉलीवुड की क्वीन कंगना रानौत (Kangana Ranaut). एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के परलोक सिधारने के बाद जैसा माहौल बना और जैसे कंगना और उद्धव एक दूसरे के खिलाफ मैदान में आए. लग रहा है कि ज़माने को मनोरंजन देते हुए सास बहू सिर फुटव्वल कर रही हैं. ताजा मामला गांजे के खेतों से जुड़ा है. उद्धव का कंगना से ये कहना भर था कि अरे तुम तो गांजे की खेती वाले राज्य से हो. कंगना का गुस्सा सातवें आसमान पर आ गया है कंगना ने किसी सास को कोसती बहू की तरह उद्धव को तुच्छ बताया है.

कंगना और उद्धव दोनों ही इन दिनों खुलकर एक दूसरे के खिलाफ आ गए हैं

आगे कुछ और बात करने से पहले बता दें कि बीते दिन अपने दशहरा भाषण के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कंगना रनौत और हिमाचल प्रदेश का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग रोटी और मक्खन के लिए मुंबई आते हैं और इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) कहकर शहर का दुरुपयोग...

दुनिया में चूहे-बिल्ली, सांप-नेवले, कुत्ते-बंदर के बाद वो दुश्मनी जिसने हमेशा ही सुर्खियां बटोरीं और चर्चा में रही वो सास-बहू की है. चंद ही बहुएं होतीं हैं जिन्हें प्यार करने वाली सास मिलती है. इसी तरह गिनी चुनी सासू माएं होती हैं जिन्हें कहना मानने वाली बहुएं मिलती हैं. लेकिन ये दोनों ही बातें मौजूदा परिस्थितियों में 'गूलर का फूल' हैं. ये रिश्ता है ही कुछ ऐसा है कि मौके-बेमौके सास, बहू की अच्छाइयों में भी खोट निकालती है. ऐसे ही बहू भी सास को एक फूटी आंख नहीं भाती. सवाल होगा कि किस सास ने अपनी बहू से दुश्मनी पाल ली ? कौन सी बहू सास के खून की प्यासी हो गयी ? दुश्मनी, रिश्तों और सास बहुओं की क्वालिटी का बखान करती ये बातें क्यों? वजह हैं शिवसेना सुप्रीमो और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (ddhav Thackeray) और बॉलीवुड की क्वीन कंगना रानौत (Kangana Ranaut). एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के परलोक सिधारने के बाद जैसा माहौल बना और जैसे कंगना और उद्धव एक दूसरे के खिलाफ मैदान में आए. लग रहा है कि ज़माने को मनोरंजन देते हुए सास बहू सिर फुटव्वल कर रही हैं. ताजा मामला गांजे के खेतों से जुड़ा है. उद्धव का कंगना से ये कहना भर था कि अरे तुम तो गांजे की खेती वाले राज्य से हो. कंगना का गुस्सा सातवें आसमान पर आ गया है कंगना ने किसी सास को कोसती बहू की तरह उद्धव को तुच्छ बताया है.

कंगना और उद्धव दोनों ही इन दिनों खुलकर एक दूसरे के खिलाफ आ गए हैं

आगे कुछ और बात करने से पहले बता दें कि बीते दिन अपने दशहरा भाषण के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कंगना रनौत और हिमाचल प्रदेश का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग रोटी और मक्खन के लिए मुंबई आते हैं और इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) कहकर शहर का दुरुपयोग करते हैं. 'मुंबई PoK है, हर जगह ड्रग एडिक्ट हैं - वे ऐसी तस्वीर पेंट कर रहे हैं. वे नहीं जानते कि हमारे घर में हम तुलसी उगाते हैं, गांजा नहीं. गांजा के खेत आपके राज्य में हैं.

ईश्वर ही जाने कि आखिर क्यों उद्धव महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश के बीच खेती किसानी की बातें ले आए लेकिन बात तो भइया थी ही ऐसी कि अच्छा भला सीधा साधा इंसान आहत हो जाए. फिर कंगना तो कंगना ऊपर से फायरब्रांड 100 प्रतिशत चांस थे कि ये आहत होतीं और हुआ भी कुछ ऐसा ही. कंगना नाराज़ हो गईं.

सोशल मीडिया के इस दौर में मन की बात कहने और भड़ास निकालने के लिए ट्विटर एक उम्दा माध्यम है. वहीं बात अगर कंगना की हो तो उन्हें इसका इस्तेमाल करते हुए तिल का ताड़ बनाना बखूबी आता है. मामले को लेकर कंगना ने ट्विटर पर रियेक्ट किया है और कहा है कि, मुख्यमंत्री आप बहुत ही तुच्छ व्यक्ति हैं. कंगना ने हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा है जो भगवान शिव और मां पार्वती का निवास स्थान है.

अपने प्रदेश की तारीफ करते हुए कंगना ने उद्धव को ये भी बताया है कि हिमाचल प्रदेश में अधिकतम मंदिर हैं, प्रदेश में अपराद की दर शून्य बराबर है.इसके बाद खेती किसानी का जिक्र करते हुए कंगना ने उद्धव से कहा है कि हां यह बहुत उपजाऊ भूमि है जहां यह सेब, कीवी, अनार, स्ट्रॉबेरी उगाती है. यहां कुछ भी उगा सकते है.'

हम जब हम कंगना को फायरब्रांड कह ही रहे हैं तो ये बात न तो फर्जी है और न ही इसे फेक न्यूज का दर्जा दिया जाएगा. कंगना ने उद्धव पर तीखे व्यंग्य बाण चलाए हैं और ये तक कह दिया है किआपको अपने आप को मुख्यमंत्री कहने पर शर्म आनी चाहिए, एक लोक सेवक होने के नाते आप तुच्छ झगड़े में लिप्त हैं, आप उस कुर्सी के लायक नहीं हैं जिसे आपने हासिल किया है. आप बहुत ही गंदी राजनीति खेल रहे हैं.

कंगना ने अपनी बात एक वीडियो मैसेज के जरिये कही है. साथ ही कंगना खुल कर हिमाचल के लोगों के समर्थन में आई हैं. कंगना ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में कोई अपराध नहीं है. हिमाचल में गरीब या बहुत अमीर लोग या कोई अपराध नहीं है, यह बहुत ही निर्दोष और दयालु लोगों के साथ एक आध्यात्मिक स्थान है.

बहरहाल, जैसी कैट फाइट कंगना और उद्धव के बीच चल रही है और जिस तरह दोनों लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. अब ये अति हो रही है. सास बनने से अच्छा है कि उद्धव एक कुशल राजनेता का परिचय दें और कंगना को माफ़ कर मामला रफा दफा करें. इसी तरह कंगना भी पिछली बातों को भूल जाएं और फिल्मों पर ध्यान दें. बाकी निष्पक्ष होकर देखा जाए तो दूध का धुला कोई नहीं है. न तो हम कंगना का समर्थन कर रहे हैं और न ही उद्धव का लेकिन उद्धव और कंगना के बीच सास-बहू फाइट के रूप में जिस प्रथा की शुरुआत हुई है वो सही नहीं है. घरों में भी ये एक सीमा तक अच्छी लगती है जब बात आगे बढ़ जाए तो घर टूटते हैं. रिश्तों में दरार पड़ती है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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