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एक ढोंगी बाबा से जुड़े ट्विटर ट्रोल की जिंदगी बदल गई है !

    • प्रथम द्विवेदी
    • Updated: 22 सितम्बर, 2017 11:28 AM
  • 22 सितम्बर, 2017 11:28 AM
offline
एक ट्विटर ट्रोल ने एक ढोंगी बाबा के सोशल मीडिया प्रमोशन का जिम्मा ले लिया था. पैसा तो अच्छा मिला लेकिन अब पुलिस भी डंडा लेके पीछे पड़ी है.

कई दिनों तक ट्रोल के ऑनलाइन ना दिखने पर कंट्रोल ने उसे फोन लगाया. फोन स्विच ऑफ था. कंट्रोल सकते में आ गया. घर पर पूछा तो पता चला कि ट्रोल अंडरग्राउंड है. अब उसके पास मिलने का एक ही जरिया था और वो था ट्विटर. अमूमन वो एक दूसरे को DM (direct message) नहीं करते, ट्वीट में रिप्लाई कर-कर के ही बात कर लेते थें. लेकिन यहां मामला गंभीर था. DM किया तो पता चला जनाब नेपाल में हैं और हरियाणा प्रशासन ने उनकी फोटो नेपाल के हर थाने में पहुंचा दी है.

ट्विटर, ट्रोलक्यों बे वहां काहे छिपे बैठे हो, कंट्रोल ने विस्मित होकर पूछा. "I made a mess, signed a contract to promote Farzi Baba in lieu of hefty sum. Now police is after me." अबे विदेश जाके अंग्रेजी झाड़ रहे हो, सीधे-बताओ बात क्या है? कंट्रोल ने जोर डाला. ट्रोल अब धीरे-धीरे नार्मल हो रहा था, "मतलब ये कि एक ढोंगी बाबा के सोशल मीडिया प्रमोशन का जिम्मा ले लिया था. पैसा तो अच्छा मिला लेकिन अब पुलिस भी डंडा लेके पीछे पड़ी है." कोई बात नहीं, बाबा अब जेल में है और पुलिस भी प्रीत प्रलाप में व्यस्त है, कंट्रोल ने ट्रोल को थोड़ा दिलासा दिया. तुम ऐसा करो, सरोवर बांध का प्रोमोशन कर दो शायद कुछ बात बन जाए, कंट्रोल ने दिमाग के सारे फ्यूज उड़ाते हुए अपने मन की बात कही. इस बात से ट्रोल तिलमिला गया. यार अब वो नहीं हो पाएगा. अब तो हमारे लिए रोज़गार रह ही नहीं गया इस देश में, अब तो बड़े-बड़े लोग ट्रोलिंग करने लगे हैं. जिन गालियों को हम अपना कॉपीराइट समझते थे. वो तो अब बड़े-बड़े नेता देने लगे. अब हम कहां सर्वाइव कर पाएंगे इस कम्पटीशन के ज़माने में. वो हमसे चू** चार लोगों को नौकरी दे देंगे, लेकिन इस गरीब से एक ट्वीट ना लिखवाएंगे. मैं घोर अपमानित महसूस कर रहा हूं आजकल.

ट्रोल की व्यथा सुनकर कंट्रोल बस एक सैड वाला इमोजी बना पाया और पूछा अब...

कई दिनों तक ट्रोल के ऑनलाइन ना दिखने पर कंट्रोल ने उसे फोन लगाया. फोन स्विच ऑफ था. कंट्रोल सकते में आ गया. घर पर पूछा तो पता चला कि ट्रोल अंडरग्राउंड है. अब उसके पास मिलने का एक ही जरिया था और वो था ट्विटर. अमूमन वो एक दूसरे को DM (direct message) नहीं करते, ट्वीट में रिप्लाई कर-कर के ही बात कर लेते थें. लेकिन यहां मामला गंभीर था. DM किया तो पता चला जनाब नेपाल में हैं और हरियाणा प्रशासन ने उनकी फोटो नेपाल के हर थाने में पहुंचा दी है.

ट्विटर, ट्रोलक्यों बे वहां काहे छिपे बैठे हो, कंट्रोल ने विस्मित होकर पूछा. "I made a mess, signed a contract to promote Farzi Baba in lieu of hefty sum. Now police is after me." अबे विदेश जाके अंग्रेजी झाड़ रहे हो, सीधे-बताओ बात क्या है? कंट्रोल ने जोर डाला. ट्रोल अब धीरे-धीरे नार्मल हो रहा था, "मतलब ये कि एक ढोंगी बाबा के सोशल मीडिया प्रमोशन का जिम्मा ले लिया था. पैसा तो अच्छा मिला लेकिन अब पुलिस भी डंडा लेके पीछे पड़ी है." कोई बात नहीं, बाबा अब जेल में है और पुलिस भी प्रीत प्रलाप में व्यस्त है, कंट्रोल ने ट्रोल को थोड़ा दिलासा दिया. तुम ऐसा करो, सरोवर बांध का प्रोमोशन कर दो शायद कुछ बात बन जाए, कंट्रोल ने दिमाग के सारे फ्यूज उड़ाते हुए अपने मन की बात कही. इस बात से ट्रोल तिलमिला गया. यार अब वो नहीं हो पाएगा. अब तो हमारे लिए रोज़गार रह ही नहीं गया इस देश में, अब तो बड़े-बड़े लोग ट्रोलिंग करने लगे हैं. जिन गालियों को हम अपना कॉपीराइट समझते थे. वो तो अब बड़े-बड़े नेता देने लगे. अब हम कहां सर्वाइव कर पाएंगे इस कम्पटीशन के ज़माने में. वो हमसे चू** चार लोगों को नौकरी दे देंगे, लेकिन इस गरीब से एक ट्वीट ना लिखवाएंगे. मैं घोर अपमानित महसूस कर रहा हूं आजकल.

ट्रोल की व्यथा सुनकर कंट्रोल बस एक सैड वाला इमोजी बना पाया और पूछा अब कैसे वापस आएगा अपने गांव, अपने देश. आ जाऊंगा भाई. अभी पता चला है कि कोई एंजेल आई है यहां. वो भी बाबा की बड़ी भक्त थी. पुलिस जैसे ही उसकी तरफ रुख करेगी मैं टप्पेबाजी करके वापस आ जाऊंगा. वैसे भी हरियाणा की पुलिस के ऊपर आजकल बहुत लोड है. बड़े-बड़े कांड हो रहे हैं वहां. ठीक है जल्दी आना, बहुत दिन हो गए तुम्हारे साथ गुमटी के पीछे छिप कर सिगरेट नहीं पी. कंट्रोल ने सांस अंदर लेते हुए कहा.

नहीं इतनी भी जल्दी नहीं थोड़ा तो वक्त लगेगा. मैं पहले शनि ग्रह जाकर कैसिनी के टुकड़ों को जोड़ूंगा और फिर मिनी कैसिनी के साथ सरोवर बांध में लैंड करूंगा. वहां का PPB (Parts Per Birthday) नापूंगा और वहीं कुछ दिन नर्मदा बचाओ आंदोलन में शामिल हो जाऊंगा. नेपाली पुलिस के डंडे खाने से अच्छा है कि भारतीय पुलिस के डंडे खा लूं. लेकिन घर मैं इस बार घोड़े पर नहीं गधे पर आऊंगा. इस कैफे में बैठे हुए मुझे घंटा हो गया, अब ऑफलाइन होने जा रहा हूं. ट्रोल ने आखिर में कहा, जाते-जाते तुम्हें अपने गधे का नाम बताते जाता हूं. इसका नाम है तेज़, PI enabled, no fuel, no EMI.

ठीक है भाई तुम्हारा इंतज़ार रहेगा, कंट्रोल ने कहा, लेकिन जाते-जाते तुम भी सुन लो एक बात. तेज़ तो केवल आजतक है. तुम्हारा गधा तो आज की पैदाइश है और आजतक इंडियन क्रिकेट टीम का धोनी है, Old, with the gold mike.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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