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जिंदा रहने के लिए तेरी कसम, एक 'आधार' जरूरी है सनम !

    • अबयज़ खान
    • Updated: 06 अगस्त, 2017 05:40 PM
  • 06 अगस्त, 2017 05:40 PM
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सुना है कि आधार को कब्रिस्तान और शमशान से भी लिंक करना जरूरी होगा. इससे एक बड़ा फायदा तो जे होगा कि कब्र में मुर्दे करप्शन से दूर रहेंगे.

सिर्फ तुम से चले, फिर हमपे आ गए, अब पूरे खानदान का हिसाब मांगने पे तुले हैं. बैंक खाते का बही खाता पहले ही निकलवा लिया, अब कब्र के अंदर का भी हिसाब चाहिए. अब तक शास्त्रों में पढ़ा था कि जीवन ही मृत्यु का 'आधार' है. शास्त्रों की बात चरितार्थ हो गयी. बहुत ही देर से समझ में फंसी है. लगता है ऊपर वाले ने पहले ही सबका आधार कार्ड बना लिया था. अब जाने कहां से अपने मौनी बाबा को इसकी खबर लग गयी थी, उम्र भर के लिए एक छोटा सा टिपन्ना ज़िन्दगी के पीछे चिपका के चले गए. और जे नए वाले तो उससे भी आगे निकले भइया...फरमान आया है कि मरने के बाद भी आधार ज़रूरी होगा. मतलब अनाड़ियों के हाथ मे उस्तरा आ गया है, अब तो सावधानी हटी, तो दुर्घटना घटी.

लेकिन हमारे खबरची ने कुछ और ही खबर दी है. सुना है कि आधार को कब्रिस्तान और शमशान से भी लिंक करना जरूरी होगा. इससे एक बड़ा फायदा तो जे होगा कि कब्र में मुर्दे करप्शन से दूर रहेंगे. यमराज के साथ उनका जो हिसाब किताब होगा उसका पूरा डेटा सरकार के पास होगा. मसलन अगर किसी को यमराज के हिसाब किताब में स्वर्ग मिला तो धरती पे उसके घरवालों की गैस सब्सिडी और राशन कार्ड वापस ले लिया जाएगा. और अगर किसी को यमराज नरक में भेजते हैं, तो नीचे भी उसके घरवालों को उसके पापों की सजा मिलेगी.

सुना है, अगर आप ऊपर जाके मौज मस्ती करते हैं, तो उसके बदले में आपके घरवालों का GST बढ़ा दिया जाएगा. अगर वहां टोल टैक्स न भी लगा तो स्वर्ग की सुविधाओं का टैक्स तो आपको चुकाना ही पड़ेगा. साथ ही आधार का एक फायदा ये भी होगा कि अगर आपने अप्सराओं या हूरों से मिलने की कोशिश की, तो आपकी बीवी को इसकी सीधी इत्तिला कर दी जाएगी. उसके बाद फिर आपका अपना रिस्क है.

आधार अनिवार्य होने के बाद दूसरे देशों के मुर्दों में हड़कंप मचा है. यमराज ने हाई लेवल मीटिंग बुलाकर सभी देशों के मुर्दों को आधार...

सिर्फ तुम से चले, फिर हमपे आ गए, अब पूरे खानदान का हिसाब मांगने पे तुले हैं. बैंक खाते का बही खाता पहले ही निकलवा लिया, अब कब्र के अंदर का भी हिसाब चाहिए. अब तक शास्त्रों में पढ़ा था कि जीवन ही मृत्यु का 'आधार' है. शास्त्रों की बात चरितार्थ हो गयी. बहुत ही देर से समझ में फंसी है. लगता है ऊपर वाले ने पहले ही सबका आधार कार्ड बना लिया था. अब जाने कहां से अपने मौनी बाबा को इसकी खबर लग गयी थी, उम्र भर के लिए एक छोटा सा टिपन्ना ज़िन्दगी के पीछे चिपका के चले गए. और जे नए वाले तो उससे भी आगे निकले भइया...फरमान आया है कि मरने के बाद भी आधार ज़रूरी होगा. मतलब अनाड़ियों के हाथ मे उस्तरा आ गया है, अब तो सावधानी हटी, तो दुर्घटना घटी.

लेकिन हमारे खबरची ने कुछ और ही खबर दी है. सुना है कि आधार को कब्रिस्तान और शमशान से भी लिंक करना जरूरी होगा. इससे एक बड़ा फायदा तो जे होगा कि कब्र में मुर्दे करप्शन से दूर रहेंगे. यमराज के साथ उनका जो हिसाब किताब होगा उसका पूरा डेटा सरकार के पास होगा. मसलन अगर किसी को यमराज के हिसाब किताब में स्वर्ग मिला तो धरती पे उसके घरवालों की गैस सब्सिडी और राशन कार्ड वापस ले लिया जाएगा. और अगर किसी को यमराज नरक में भेजते हैं, तो नीचे भी उसके घरवालों को उसके पापों की सजा मिलेगी.

सुना है, अगर आप ऊपर जाके मौज मस्ती करते हैं, तो उसके बदले में आपके घरवालों का GST बढ़ा दिया जाएगा. अगर वहां टोल टैक्स न भी लगा तो स्वर्ग की सुविधाओं का टैक्स तो आपको चुकाना ही पड़ेगा. साथ ही आधार का एक फायदा ये भी होगा कि अगर आपने अप्सराओं या हूरों से मिलने की कोशिश की, तो आपकी बीवी को इसकी सीधी इत्तिला कर दी जाएगी. उसके बाद फिर आपका अपना रिस्क है.

आधार अनिवार्य होने के बाद दूसरे देशों के मुर्दों में हड़कंप मचा है. यमराज ने हाई लेवल मीटिंग बुलाकर सभी देशों के मुर्दों को आधार कार्ड जमा करने का हुक्म सुनाया है. और इसके बाद अपने देश के भाई बंदों को वहां आधार कार्ड बनाने का काम मिल गया है. मतलब मनरेगा वहां भी लागू हो गया है, यानी हर हाथ को काम. मगर शिकायत वहां भी सबकी वही है. आधार में फ़ोटो किसी का भी अच्छा नहीं आ रहा है.

आधार लागू होने से चित्रगुप्त को भी बड़ा फायदा हुआ है, अब तो वो भी कंप्यूटर में आधार नंबर डालकर बन्दे का पूरा बहीखाता निकाल लेते हैं. एक बन्दे ने फर्ज़ी आधार नंबर बता दिया, तो सुना है उसे दोनों आधार नंबर के हिसाब से पापों की सजा मिली. एक बन्दे का आधार पैन से लिंक नहीं था तो उसे एक हजार साल तक नरक में सड़ने की सजा मिली है. एक मैडम का मोबाइल आधार से लिंक नहीं था तो उनकी फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्स एप की सर्विस बन्द कर दी गयी. और उनसे स्मार्ट फोन लेकर उन्हें नोकिया का 1110 फोन पकड़ा दिया गया. एक महिला ने अपने आधार में शादीशुदा होने की जानकारी छुपाई तो उन्हें सेल्फी जैसे 32 तरह के मुंह बनाने की सजा दी गयी. और तो और इसके बाद तो बहादुर शाह ज़फर के शेर को भी हालात के हिसाब से बदलना पड़ गया है..

'दो गज़ ज़मी मिले न मिले कू ए यार में, मर मर के जी रहा हूं आधार के इंतेज़ार में'

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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