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जब चॉकलेट खाने का मन होगा, पर्स से निकाल के देख लूंगा 10 रुपए का चॉकलेटी नोट!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 06 जनवरी, 2018 01:57 PM
  • 06 जनवरी, 2018 01:57 PM
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सरकार 10 का नया नोट ला रही है और नोट चॉकलेटी कलर का है. नोट को नजर भर देखने से इस बात का अंदाजा हो जाएगा ये नोट सरकार ने उन माओं को ध्यान में रखकर बनाया है जो अपने बच्चे के चॉकलेट खाने से परेशान रहती थीं.

गुजरे वर्ष 2000, फिर 500, 200 और 50 के नोट चर्चा में थे. बड़े बड़े विशेषज्ञों ने चौड़े-चौड़े पैनल बनाकर बताया कि इन नोटों की सिक्योरिटी ऐसी है, वैसी है. इनसे ये हो सकता है, इनके द्वारा हम वो कर सकते हैं. गत वर्ष नए लांच हुए नोटों की एक और खास बात उनके अजीब ओ गरीब रंग थे जिन्होंने हम भारतियों का जहां एक तरफ मनोरंजन किया तो वहीं ये भी सोचने पर मजबूर किया कि आखिर सरकार को इन रंगों का आईडिया आया कहां से.

खैर, नए वर्ष का शुरूआती महीना है. ऐसे में अगर नोटों पर बात न हो तो फिर साल का श्री गणेश एक हद तक अधूरा ही माना जाएगा. अच्छा आज हम जिस नोट पर बात करने वाले हैं वो एक ऐसा नोट है जिसका अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है. एक ऐसा नोट जिसपर वक़्त और बढ़ी हुई महंगाई की मार एकसाथ पड़ी है जिसके चलते बेचारे की हालत दिन ब दिन बुरी होती चली गयी. एक जमाना था जब सिर्फ इस नोट के बल पर लोग अपने घरों में राशन भर लेते थे मगर आज आप इससे एक पैकेट दूध या फिर चुन्नू मुन्नू के लिए मैगी भी नहीं खरीद सकते. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. आज जिस नोट पर चर्चा होगी वो एक ऐसा नोट है जिसके बल पर आप दो जून का खाना छोड़िये, एक कप चाय नहीं पी सकते.

माना जा रहा है कि 10 रुपए का नया नोट रिज़र्व बैंक ने बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया है

जो समझ गए हैं अच्छी बात है. जो अब भी न समझे वो जान लें हम 10 के नोट की बात कर रहे हैं. हां वही 10 का नोट जिसका सरकार के मेकओवर कर दिया है और उसे चॉकलेटी बना दिया है. विडंबना देखिये, एक ऐसे दौर में जब 10 के नोट से चॉकलेट नहीं आती सरकार का उसे चॉकलेटी बनाने का फैसला न सिर्फ आम आदमी को आहत करता नजर आ रहा है बल्कि इससे 10 के नए नोट में बने गांधी जी भी बहुत आहत है और मारे गुस्से के उन्होंने अपना मुंह पूर्व के नोटों की अपेक्षा ज्यादा सिकोड़ लिया...

गुजरे वर्ष 2000, फिर 500, 200 और 50 के नोट चर्चा में थे. बड़े बड़े विशेषज्ञों ने चौड़े-चौड़े पैनल बनाकर बताया कि इन नोटों की सिक्योरिटी ऐसी है, वैसी है. इनसे ये हो सकता है, इनके द्वारा हम वो कर सकते हैं. गत वर्ष नए लांच हुए नोटों की एक और खास बात उनके अजीब ओ गरीब रंग थे जिन्होंने हम भारतियों का जहां एक तरफ मनोरंजन किया तो वहीं ये भी सोचने पर मजबूर किया कि आखिर सरकार को इन रंगों का आईडिया आया कहां से.

खैर, नए वर्ष का शुरूआती महीना है. ऐसे में अगर नोटों पर बात न हो तो फिर साल का श्री गणेश एक हद तक अधूरा ही माना जाएगा. अच्छा आज हम जिस नोट पर बात करने वाले हैं वो एक ऐसा नोट है जिसका अपना स्वर्णिम इतिहास रहा है. एक ऐसा नोट जिसपर वक़्त और बढ़ी हुई महंगाई की मार एकसाथ पड़ी है जिसके चलते बेचारे की हालत दिन ब दिन बुरी होती चली गयी. एक जमाना था जब सिर्फ इस नोट के बल पर लोग अपने घरों में राशन भर लेते थे मगर आज आप इससे एक पैकेट दूध या फिर चुन्नू मुन्नू के लिए मैगी भी नहीं खरीद सकते. जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. आज जिस नोट पर चर्चा होगी वो एक ऐसा नोट है जिसके बल पर आप दो जून का खाना छोड़िये, एक कप चाय नहीं पी सकते.

माना जा रहा है कि 10 रुपए का नया नोट रिज़र्व बैंक ने बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया है

जो समझ गए हैं अच्छी बात है. जो अब भी न समझे वो जान लें हम 10 के नोट की बात कर रहे हैं. हां वही 10 का नोट जिसका सरकार के मेकओवर कर दिया है और उसे चॉकलेटी बना दिया है. विडंबना देखिये, एक ऐसे दौर में जब 10 के नोट से चॉकलेट नहीं आती सरकार का उसे चॉकलेटी बनाने का फैसला न सिर्फ आम आदमी को आहत करता नजर आ रहा है बल्कि इससे 10 के नए नोट में बने गांधी जी भी बहुत आहत है और मारे गुस्से के उन्होंने अपना मुंह पूर्व के नोटों की अपेक्षा ज्यादा सिकोड़ लिया है.

बात आगे बढ़ेगी मगर पहले खबर सुन लीजिये. खबर है कि जल्द ही हमारे बीच 10 रुपए का बिल्कुल नया नोट होगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने 10 के नोट में फेर बदल कर दिया है और इसे पहले से सुन्दर बनाने का प्रयास किया है. आपको बताते चलें कि नया नोट चॉकलेट ब्राउन कलर का होगा, जिस पर हमेशा की तरह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर होगी.

ज्ञात हो कि इससे पहले 2005 में सरकार ने 10 के नोटों का मेकओवर किया था. 2005 के बाद 2018 में हुए इस मेकओवर में सरकार ने पहले लगाए गए हाथी, बाघ और गेंडे को हटाकर कोणार्क के सूर्य मंदिर की फोटो लगा दी है और कहा है कि इसका मेकओवर इसलिए किया जा रहा है ताकि जालसाजी से बचा जा सके. ये बात अपने में हैरत में डालने वाली है. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार को लग रहा है कि 10 के एक ऐसे नोट की जालसाजी होगी जिससे न दूध का पैकेट आता है और न ही कोई ढंग का बिस्किट.

अंत में इतना ही कि इस नोट से वो लोग अलबत्ता दुखी हैं जो 10 रुपए के बल पर दुनिया को अपनी मुट्ठी में करने की चाह रखते थे. साथ ही ये नोट सरकार ने उन माओं को ध्यान में रखकर बनाया है जो अब तक बच्चे के चॉकलेट मांगने पर उनसे कहती थीं कि."बेटा चॉकलेट खाना गंदी बात है इससे दांतों में कीड़े पड़ जाते हैं" अब अगर बच्चा चॉकलेट की जिद करेगा तो हो सकता है देश की माएं बच्चों को ये नया नोट दिखा दें और उन्हें तसल्ली दे दें. कहा जा सकता है कि बच्चे तो बच्चे हैं भले ही उन्हें चॉकलेट का टेस्ट न मिले मगर ये नोट उन्हें चॉकलेट वाला फील पूरा देता नजर आ रहा है. हमें विश्वास है अब हम जब भी हंसते मुस्कुराते बच्चों के साफ साफ दांत देखेंगे तो हमें इस नोट का महत्व समझ में आएगा.    

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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