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PUBG के दीवानों के लिए Jio और मुकेश अंबानी अवतार से कम नहीं हैं!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 22 सितम्बर, 2020 02:54 PM
  • 22 सितम्बर, 2020 02:54 PM
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एक ऐसे समय में जब सरकार ने चीनी ऐप्स (Chinese Apps) को निशाने पर लिया हो और PUBG को बैन (Pubg Ban in India) कर दिया हो पब्जी यूजर्स (Pubg users in India) या ये कहें कि गेमर्स पर सबसे बड़ा एहसान रिलायंस जियो (Reliance Jio) और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने किया है.

जैसा माहौल तैयार हुआ है अक्सर ही लोग हंसी मजाक में कह देते हैं कि एक दिन सब बिक जाएगा और अगर कोई बचा तो वो केवल मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) होंगे. जिस हिसाब से मुकेश भाई एक के बाद एक नई नई चीजें खरीद रहे हैं या फिर जैसे चीजों पर उनकी हिस्सेदारी है महसूस होता है कि देश एक मॉल है और मुकेश भाई टाइमपास करते हुए खरीदारी पर निकले हैं और सब कुछ खरीद कर ही मानेंगे. वाक़ई कितना अजीब है कि जिस क्षण हम 100 रुपए की सब्जी खरीदने के बाद 5 रुपए का धनिया खरीदने में घबराते हों मुकेश भाई एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, तेल के कुएं, कोयले की खदान खरीदने के बाद अब गेमिंग इंडस्ट्री में अपना कब्जा जमाने वाले हैं. खबर एकदम पक्की और पूर्णतः खरी है. जल्द ही हम युवाओं के बीच लोकप्रिय गेम 'Pubg' को रिलायंस के घर जाते देखेंगे.

पब्जी यूजर्स को सबसे बड़ी राहत मुकेश अंबानी और रिलायंस ने दे दी है

माना जा रहा है कि साउथ कोरिया के गेमिंग दिग्गजों में शुमार पब्जी और रिलायंस के बीच बातचीत अपने अंतिम पड़ाव में है और यदि सबकुछ सही रहा तो जल्द ही पब्जी रिलायंस के पिंजड़े में कैद हो जाएगा. ध्यान रहे कि लोगों की शिकायतों और सुरक्षा का हवाला देकर अभी बीते दिनों ही सरकार ने पब्जी पर शिकंजा कसा था और उसे बैन कर दिया था.

दिलचस्प बात ये रही कि जिस वक्त ये सब हुआ था पब्जी को जहां एक तरफ देश की अखंडता और एकता के लिए खतरा बताया गया तो वहीं मां बाप ने भी सरकार से अनुरोध किया था कि चूंकि इससे बच्चों का काफी नुकसान हो रहा है इसलिए इसपर लगाम कसी जाए. अब जबकि रिलायंस और पब्जी कॉर्पोरेशन के बीच बातचीत का दौर चल रहा है सारा अड़ंगा रिवेन्यू को लेकर लगा है.

देखा जा रहा है कि अब आगे जो पैसा आएगा वो पब्जी और रिलायंस के बीच किस हिसाब से बंटेगा. बात चूंकि पब्जी की...

जैसा माहौल तैयार हुआ है अक्सर ही लोग हंसी मजाक में कह देते हैं कि एक दिन सब बिक जाएगा और अगर कोई बचा तो वो केवल मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) होंगे. जिस हिसाब से मुकेश भाई एक के बाद एक नई नई चीजें खरीद रहे हैं या फिर जैसे चीजों पर उनकी हिस्सेदारी है महसूस होता है कि देश एक मॉल है और मुकेश भाई टाइमपास करते हुए खरीदारी पर निकले हैं और सब कुछ खरीद कर ही मानेंगे. वाक़ई कितना अजीब है कि जिस क्षण हम 100 रुपए की सब्जी खरीदने के बाद 5 रुपए का धनिया खरीदने में घबराते हों मुकेश भाई एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, तेल के कुएं, कोयले की खदान खरीदने के बाद अब गेमिंग इंडस्ट्री में अपना कब्जा जमाने वाले हैं. खबर एकदम पक्की और पूर्णतः खरी है. जल्द ही हम युवाओं के बीच लोकप्रिय गेम 'Pubg' को रिलायंस के घर जाते देखेंगे.

पब्जी यूजर्स को सबसे बड़ी राहत मुकेश अंबानी और रिलायंस ने दे दी है

माना जा रहा है कि साउथ कोरिया के गेमिंग दिग्गजों में शुमार पब्जी और रिलायंस के बीच बातचीत अपने अंतिम पड़ाव में है और यदि सबकुछ सही रहा तो जल्द ही पब्जी रिलायंस के पिंजड़े में कैद हो जाएगा. ध्यान रहे कि लोगों की शिकायतों और सुरक्षा का हवाला देकर अभी बीते दिनों ही सरकार ने पब्जी पर शिकंजा कसा था और उसे बैन कर दिया था.

दिलचस्प बात ये रही कि जिस वक्त ये सब हुआ था पब्जी को जहां एक तरफ देश की अखंडता और एकता के लिए खतरा बताया गया तो वहीं मां बाप ने भी सरकार से अनुरोध किया था कि चूंकि इससे बच्चों का काफी नुकसान हो रहा है इसलिए इसपर लगाम कसी जाए. अब जबकि रिलायंस और पब्जी कॉर्पोरेशन के बीच बातचीत का दौर चल रहा है सारा अड़ंगा रिवेन्यू को लेकर लगा है.

देखा जा रहा है कि अब आगे जो पैसा आएगा वो पब्जी और रिलायंस के बीच किस हिसाब से बंटेगा. बात चूंकि पब्जी की चल रही है तो बता दें कि अन्य किसी देश के मुकाबले पब्जी भारत के प्रति इसलिए भी इतना गंभीर है क्यों कि यहां पब्जी यूजर्स की संख्या करोड़ों में है.

ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि पब्जी और रिलायंस के बीच बातचीत का ये दौर बैन के बाद शुरू हुआ है. बता दें कि जब पहली बार भारत सरकार ने चीनी ऐप्स पर बैन लगाया था तभी से ही पब्जी रिलायंस की क्षरण में आ गया था. दोनों ही कंपनियों की लीगल टीम्स आमने सामने हुईं थीं और आने वाले पैसे को लेकर विमर्श हुआ था.

बहरहाल बात की शुरुआत गेमिंग इंडस्ट्री में रिलायंस के आने या ये कहें कि पब्जी खरीदने से हुई थी तो बताना जरूरी है कि अब रिलायंस के हाथ में आने के बाद पब्जी पवित्र हो गया है और अब इससे किसी को कोई खतरा या किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं है.

बाक़ी बात अगर रिलायंस की हो तो इतना तो साफ हो गया है कि न तो रिलायंस न ही मुकेश अंबानी ने कच्ची गोलियां खेली हैं. रिलायंस और मुकेश वहीं हाथ डालते हैं जहां इन्हें फायदा दिखता है. देश में जैसा युवाओं के बीच पब्जी को लेकर क्रेज है पब्जी के दीवाने भगवान से बस यही मना रहे हैं कि किसी भी सूरत में ये बैन हट जाए और वो दोबारा पब्जी खेल पाएं.

पब्जी का रिलायंस के साथ आना पब्जी कॉर्पोरेशन और मुकेश अंबानी के लिए कितना फायदेमंद होगा इसका जवाब वक़्त देगा लेकिन जैसे वर्तमान में रिलायंस पब्जी के प्रति गंभीर हुआ है उसे देखकर इतना तो साफ हो गया है कि गेमिंग इंडस्ट्री में आने से पहले रिलायंस ने अपना होम वर्क पक्का किया है. रिलायंस जानता है कि पब्जी पर कब्जा जमाकर उसे ऐसा वैसा नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का मुनाफा होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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