सरकारी महकमों को अर्जियां लिख लिखकर परेशान हो चुके लोग अक्सर विरोध प्रदर्शन पर उतर आते हैं. कोई जंतर मंतर पर धरना देता है तो कोई नारेबाजी करता है. लेकिन विरोध प्रदर्शन का ये तरीका शायद ही आपने देखा और सुना हो. ये प्रदर्शन देखखर आप आक्रोशित नहीं, बल्कि हंसते हंसते लोटपोट हो सकते हैं.
अब तक का सबसे अनोखा विरेध प्रदर्शन |
महाराष्ट्र के बुल्ढ़ाणा जिले में खराब सड़कों की वजह से परेशानियां उठा रहे लोगों ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को तमामा अर्जियां लिखीं लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो इन्होंने भी विरोध प्रदर्शन किया लेकिन एक अनोखे अंदाज में. प्रदर्शनकर्ता पीडब्ल्यूडी ऑफिस में जाकर नागिन की तरह बलखाने लगे.
ये भी पढ़ें- नागिन डांस बचाना है!
लेकिन इन लोगों ने नागिन डांस ही क्यों चुना, इसके पीछे भी एक लॉजिक है. वो ये कि जिस सड़क को बनवाने के लिए इन लोगों ने अर्जी लगाई थी उसकी हालत इतनी खराब है कि उन्हें नागिन की तरह सड़क पर उधर से उधर यानि लहराते हुए सफर करना पड़ता है.
अब नजर रखनी होगी कि इनकी अर्जी पर सुनवाई कितनी जल्दी होती है, क्योंकि अगर ये नागिन डांस काम कर गया तो इतिहास में ये...
सरकारी महकमों को अर्जियां लिख लिखकर परेशान हो चुके लोग अक्सर विरोध प्रदर्शन पर उतर आते हैं. कोई जंतर मंतर पर धरना देता है तो कोई नारेबाजी करता है. लेकिन विरोध प्रदर्शन का ये तरीका शायद ही आपने देखा और सुना हो. ये प्रदर्शन देखखर आप आक्रोशित नहीं, बल्कि हंसते हंसते लोटपोट हो सकते हैं.
अब तक का सबसे अनोखा विरेध प्रदर्शन |
महाराष्ट्र के बुल्ढ़ाणा जिले में खराब सड़कों की वजह से परेशानियां उठा रहे लोगों ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को तमामा अर्जियां लिखीं लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो इन्होंने भी विरोध प्रदर्शन किया लेकिन एक अनोखे अंदाज में. प्रदर्शनकर्ता पीडब्ल्यूडी ऑफिस में जाकर नागिन की तरह बलखाने लगे.
ये भी पढ़ें- नागिन डांस बचाना है!
लेकिन इन लोगों ने नागिन डांस ही क्यों चुना, इसके पीछे भी एक लॉजिक है. वो ये कि जिस सड़क को बनवाने के लिए इन लोगों ने अर्जी लगाई थी उसकी हालत इतनी खराब है कि उन्हें नागिन की तरह सड़क पर उधर से उधर यानि लहराते हुए सफर करना पड़ता है.
अब नजर रखनी होगी कि इनकी अर्जी पर सुनवाई कितनी जल्दी होती है, क्योंकि अगर ये नागिन डांस काम कर गया तो इतिहास में ये तरीका सबसे इंटरटेनिंग विरोध प्रदर्शन के नाम से दर्ज किया जाएगा.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.