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ममता क्या ही समझेंगी मोटा होने की क्यूटनेस, कमर को कमरा बनाने में मेहनत लगती है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 31 मई, 2022 11:04 PM
  • 31 मई, 2022 11:04 PM
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सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक वीडियो जंगल की आग की तरह फैल रहा है. वीडियो में ममता अपने एक पार्टी कार्यकर्ता को उसके बढ़े हुए पेट के कारण बेदर्दी से ग्रिल करती नजर आ रही हैं. ममता के सवालों पर जैसे जवाब कार्यकर्ता के हैं उनमें मासूमियत और बेचारगी दोनों है.

भले ही बॉडी शेमिंग और दुनिया भर के तानों ने ज़िन्दगी में पुदीना कर रखा हो. मगर दुनिया के तमाम मोटे व्यक्ति अपने को क्यूट मानते हैं. ऐसे लोगों को लगता है कि इनका गोलू मोलू होना भले ही इनकी नियति हो. लेकिन अगर ये भी डाइटिंग के टंटे में उतर आए, तो जो दुनिया में इतने अलग अलग स्वादिष्ट भोजन हैं, उसका लुत्फ़ कौन लेगा? मैटर बहुत क्लियर है. भगवान जब किसी इंसान को इस दुनिया में भेजता है तो वो दुबला पतला ही होता है. लेकिन ये इंसान के शौक होते हैं जो उसे कुछ तूफानी करने पर मजबूर करते हैं. खाना भी इसी श्रेणी में आता है. व्यक्ति खाता है. बस खाता है और इतना खा लेता है कि वेट गेन हो जाता है (अच्छा हां वेट गेन सिर्फ खाने से नहीं होता. लाइफ स्टाइल भी इसकी एक बड़ी वजह है. इसपर चर्चा फिर कभी). यानी जो शख्स कल तक 4 बाय 6 की खोली था कब उसका 3 बीएचके फ्लैट बन जाता है उसे पता ही नहीं चलता. मगर भइया हमारे आस पास ज्ञानचंद भतेरे हैं. आता है कोई न कोई और 'जिम जाओ से लेकर कम खाओ' तक हर प्रकार का ज्ञान उड़ेल कर चला जाता है. वैसे आदमी कितना भी इग्नोर कर ले. जिस पल बेइज्जती होती है, तो दिल को दुखता ही है.  उस समय हालत क्या होती है गर जो इसका अंदाजा लगाना हो उस व्यक्ति से मिल लीजिये जिसके इकलौते पेट और उस पेट में समाई पकौड़ियों को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के व्यंग्य बाणों का सामना करना पड़ा है. 

बढ़े हुए पेट के कारण ममता ने अपने एक कार्यकर्ता को बेदर्दी से ग्रिल किया है

ममता सपोर्टर्स द्वारा एक वीडियो जंगल में लगी आग की तरह वायरल किया जा रहा है. वीडियो एक प्रोग्राम का है जिसकी समीक्षा ममता ने की थी.  वीडियो में ममता बनर्जी अपनी पार्टी के एक कार्यकर्ता से उनके बढ़े हुए पेट को लेकर तमाम...

भले ही बॉडी शेमिंग और दुनिया भर के तानों ने ज़िन्दगी में पुदीना कर रखा हो. मगर दुनिया के तमाम मोटे व्यक्ति अपने को क्यूट मानते हैं. ऐसे लोगों को लगता है कि इनका गोलू मोलू होना भले ही इनकी नियति हो. लेकिन अगर ये भी डाइटिंग के टंटे में उतर आए, तो जो दुनिया में इतने अलग अलग स्वादिष्ट भोजन हैं, उसका लुत्फ़ कौन लेगा? मैटर बहुत क्लियर है. भगवान जब किसी इंसान को इस दुनिया में भेजता है तो वो दुबला पतला ही होता है. लेकिन ये इंसान के शौक होते हैं जो उसे कुछ तूफानी करने पर मजबूर करते हैं. खाना भी इसी श्रेणी में आता है. व्यक्ति खाता है. बस खाता है और इतना खा लेता है कि वेट गेन हो जाता है (अच्छा हां वेट गेन सिर्फ खाने से नहीं होता. लाइफ स्टाइल भी इसकी एक बड़ी वजह है. इसपर चर्चा फिर कभी). यानी जो शख्स कल तक 4 बाय 6 की खोली था कब उसका 3 बीएचके फ्लैट बन जाता है उसे पता ही नहीं चलता. मगर भइया हमारे आस पास ज्ञानचंद भतेरे हैं. आता है कोई न कोई और 'जिम जाओ से लेकर कम खाओ' तक हर प्रकार का ज्ञान उड़ेल कर चला जाता है. वैसे आदमी कितना भी इग्नोर कर ले. जिस पल बेइज्जती होती है, तो दिल को दुखता ही है.  उस समय हालत क्या होती है गर जो इसका अंदाजा लगाना हो उस व्यक्ति से मिल लीजिये जिसके इकलौते पेट और उस पेट में समाई पकौड़ियों को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के व्यंग्य बाणों का सामना करना पड़ा है. 

बढ़े हुए पेट के कारण ममता ने अपने एक कार्यकर्ता को बेदर्दी से ग्रिल किया है

ममता सपोर्टर्स द्वारा एक वीडियो जंगल में लगी आग की तरह वायरल किया जा रहा है. वीडियो एक प्रोग्राम का है जिसकी समीक्षा ममता ने की थी.  वीडियो में ममता बनर्जी अपनी पार्टी के एक कार्यकर्ता से उनके बढ़े हुए पेट को लेकर तमाम तरह की बातें करती हैं जिसका जवाब उस व्यक्ति ने बड़े ही भोलेपन से दिया. सवाल जवाब ऐसे थे जिन्हें सुनकर कार्यक्रम में मौजूद लोगों को भी खूब मजा आया.

जिस व्यक्ति से ममता ने मौज ली है उन्हें पश्चिम बंगाल स्थित  झालदा नगरपालिका का अध्यक्ष  सुरेश अग्रवाल बताया जा रहा है. प्रोग्राम में सुरेश, ममता से कुछ ज़रूरी बातें करने के लिए खड़े हुए. ममता ने फ़ौरन ही सुरेश को देखकर पूछ लिया कि आपके पास इतना बड़ा मध्य प्रदेश कैसे हो सकता है? जिस तरह से आपका पेट बढ़ रहा है, आप किसी भी टें बोल सकते हैं. 

अच्छा हां कोई मध्य प्रदेश वाली बात सुनकर पर्सनल हो जाए या फिर ये कहें कि पेट की आड़ लेकर ममता शिवराज सिंह चौहान के साथ राजनीति कर रही हैं तो ऐसे लोग जान लें कि पेट शरीर के मध्य भाग में होता है, अतः ममता की तुलना कहीं से भी गलत नहीं है. 

अगर पेट को लेकर सवाल करने वाली ममता सेर थीं. तो सुरेश अग्रवाल भी सवा सेर से कम नहीं थे. फ़ौरन ही बोल बैठे कि मैं हर रोज डेढ़ घंटे व्यायाम करता हूं, लेकिन  रोज सुबह पकौड़ी खा लेता हूं. मुझे पकौड़ी बहुत ज्यादा पसंद है. सुरेश का पकौड़ी को बीच में लाना भर था ममता ने फ़ौरन ही कहा कि रोज पकौड़ी खाओगे, तो वजन कभी भी कम नहीं होगा.

कॉलर चौड़ा करते हुए सुरेश ने ममता को बताया कि उनका वजन 125 किलो होने का बाद भी उन्हें ना तो ब्लड प्रेशर की परेशानी रहती है, ना ही डायबिटीज की. इस पर ममता ने कहा, लिवर की समस्या हो सकती है. ममता ने पूछा कि कौन सी एक्सरसाइज करते हैं? अग्रवाल ने बताया कि वे रोज प्राणायाम और 1000 कपालभाति करते हैं. इस पर ममता ने कहा कि उन्हें सुरेश की बातों पर रत्ती बराबर भी विश्वास नहीं है. 

ममता ने सुरेश से कहा कि अगर वह 1000 कपालभाति कर अपनी फिटनेस का परिचय इ देते हैं , तो वो उन्हें 10 हजार रुपये का ईनाम देंगी. ममता के इस प्रस्ताव पर सुरेश ने कहा कि कपालभाति केवल सुबह जल्दी या शाम 5 बजे के बाद करनी चाहिए, इसलिए वो अभी नहीं कर पाएंगे. ममता ने फिर चुटकी ली और कहा कि आप कपालभाति ठीक से नहीं कर पाते होंगे, इसलिए आपका पेट इतना बड़ा है.

भले ही हंसी मजाक के बीच ममता और सुरेश का कंवर्सेशन ख़त्म हो गया हो. लेकिन जिस तरह बॉडी शेमिंग हुई है यकीनन वो सुरेश के लिए आसान नहीं होगी. या ये भी हो सकता है कि वो उनके लिए दूध भात हो. बाकी बात बस इतनी है कि जब मोटे लोगों को अपने वजन के चलते अपने आप से शर्म नहीं आती तो ये जालिम जमाना क्यों तैय्यब अली बन उनकी तोंद के पीछे पड़ा है. अंत में मोटों को नसीहत देते पटलों से हम बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि  ऐ शेख पहले तू तेरा देख.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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