• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
ह्यूमर

शराब पर 70% का कोरोना सेस मतलब 9 का मुर्गा 90 के मसाले

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 06 मई, 2020 11:02 AM
  • 06 मई, 2020 11:00 AM
offline
लॉकडाउन (Lockdown 3 ) के तीसरे चरण में जिसतरह राजधानी दिल्ली (Delhi) के लोग शराब की दुकानों (Liquor Shops) पर टूटे और जैसे उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई सीएम केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) का उन पर गुस्सा होना और टैक्स के नाम पर शराब की एमआरपी पर एक्स्ट्रा 70% लेना स्वाभाविक था.

ज़िंदगी (Life) चलाने के लिए आदमी कमाता (Earning) है और ख़ुद को खुश रखने के लिए शौक़ पालता है. आदमी के लिए शौक ज़रूरी हैं. सरकार भी कहीं न कहीं इस बात को जानती है कि जब आदमी शौक़ीन होता है, उसे रुपए-पैसे की कोई परवाह नहीं होती वो सारी तवज्जो अपने शौक़ को देता है. किसी और की क्या ही बात करें अब शराबियों (Drunk) को ही देख लीजिए वाक़ई ये बड़ी प्यारी कम्युनिटी है. आदमी इनकी संगत में रहे, तो इनमें ऐसे तमाम गुण हैं, जिन्हें अगर कोई सख्त से सख्त जान आदमी भी ढंग से फॉलो कर ले तो इस दुनिया में जंग, लड़ाई झगड़े, रंजिशें अपने आप ही ख़त्म हो जाएं. अच्छा चूंकि हर बार अच्छे इंसान का ही शोषण होता है एक बार फिर ये वक़्त की कसौटी पर कसे गए हैं. बात बीते दिन की है लॉकडाउन 3 (lockdown 3) के पहले दिन राजस्व (Revenue ) बटोरने के नाम पर सरकार की तरफ से लोगों को शराब खरीदने की छूट मिली. पहले ही दिन जिस तरह शराबी सड़कों पर आए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की जमकर धज्जियां उड़ी. राजधानी दिल्ली (Delhi) का तो आलम कुछ यूं था कि दोपहर आते आते हालात कुछ ऐसे बने की सरकार को ठेके बंद करने का फैसला लेना पड़ा. बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi CM Arvind Kejriwal ) का बयान आया जिसमें उन्होंने शराब की एमआरपी पर 70 प्रतिशत की दर से 'स्पेशल कोरोना फीस' (Special Corona fee) लगाई है.

दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर कुछ इस तरह का था नजारा

ध्यान रहे कि पूरे देश की ही तरह देश की राजधानी दिल्ली में भी करीब 40 दिनों बाद शराब की दुकानें खुली मगर जिस तरह सूखे गले को सोमरस से तर करने के नाम पर लोगों ने नियमों की अनदेखी की उसने सूबे के मुखिया अरविंद केजरीवाल को गहरा आक्रोश दिया. नतीजा ये निकला कि उन्होंने ये घोषणा कर दी कि अब जो भी लोग शराब खरीदेंगे उन्हें एम आर...

ज़िंदगी (Life) चलाने के लिए आदमी कमाता (Earning) है और ख़ुद को खुश रखने के लिए शौक़ पालता है. आदमी के लिए शौक ज़रूरी हैं. सरकार भी कहीं न कहीं इस बात को जानती है कि जब आदमी शौक़ीन होता है, उसे रुपए-पैसे की कोई परवाह नहीं होती वो सारी तवज्जो अपने शौक़ को देता है. किसी और की क्या ही बात करें अब शराबियों (Drunk) को ही देख लीजिए वाक़ई ये बड़ी प्यारी कम्युनिटी है. आदमी इनकी संगत में रहे, तो इनमें ऐसे तमाम गुण हैं, जिन्हें अगर कोई सख्त से सख्त जान आदमी भी ढंग से फॉलो कर ले तो इस दुनिया में जंग, लड़ाई झगड़े, रंजिशें अपने आप ही ख़त्म हो जाएं. अच्छा चूंकि हर बार अच्छे इंसान का ही शोषण होता है एक बार फिर ये वक़्त की कसौटी पर कसे गए हैं. बात बीते दिन की है लॉकडाउन 3 (lockdown 3) के पहले दिन राजस्व (Revenue ) बटोरने के नाम पर सरकार की तरफ से लोगों को शराब खरीदने की छूट मिली. पहले ही दिन जिस तरह शराबी सड़कों पर आए सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की जमकर धज्जियां उड़ी. राजधानी दिल्ली (Delhi) का तो आलम कुछ यूं था कि दोपहर आते आते हालात कुछ ऐसे बने की सरकार को ठेके बंद करने का फैसला लेना पड़ा. बाद में दिल्ली के मुख्यमंत्री (Delhi CM Arvind Kejriwal ) का बयान आया जिसमें उन्होंने शराब की एमआरपी पर 70 प्रतिशत की दर से 'स्पेशल कोरोना फीस' (Special Corona fee) लगाई है.

दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर कुछ इस तरह का था नजारा

ध्यान रहे कि पूरे देश की ही तरह देश की राजधानी दिल्ली में भी करीब 40 दिनों बाद शराब की दुकानें खुली मगर जिस तरह सूखे गले को सोमरस से तर करने के नाम पर लोगों ने नियमों की अनदेखी की उसने सूबे के मुखिया अरविंद केजरीवाल को गहरा आक्रोश दिया. नतीजा ये निकला कि उन्होंने ये घोषणा कर दी कि अब जो भी लोग शराब खरीदेंगे उन्हें एम आर पी के अलावा 70 % पैसे कोरोना फीस के नाम पर देना होगा.

हो सकता है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को महसूस हुआ हो कि इस तरह लोग डर जाएंगे और वही लोग शराब खरीदने बाहर निकलेंगे जिनके पास कर देने योग्य अतिरिक्त पैसा होगा.

वैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री ने फैसला तो लिया मगर वो एक बहुत ज़रूरी बात भूल गए. या फिर हो ये भी सकता है केजरीवाल का ध्यान ही इन बात पर न गया हो. केजरीवाल को समझना चाहिए क, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में लोग उस कहावत को अमली जामा पहनाते हैं जिसमें कहा गया है कि '9 की मुर्गी 90 का खर्च'. हां बिल्कुल सही सुना आपने. हम उस देश के लोग हैं जो अपने शौक के लिए भारी कीमत चुकाने से कभी भी पीछे नहीं हटते और इसका गवाह हमारा इतिहास है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री जान लें कि भले ही आज उन्होंने शराब की एमआरपी पर कोरोना फीस के नाम पर 70 प्रतिशत का सेस लगा दिया हो लेकिन जैसी हमारे देश में लोगों की नवाबी है, लोग 70 क्या एमआरपी पर 100 एक्स्ट्रा के अलावा कुछ पैसे टिप के भी देंगे. अगर सवाल हो कि आखिर क्यों लोग अतिरिक्त पैसे देने को तैयार होंगे? तो इसकी एक बड़ी वजह सोशल मीडिया को भी माना जा सकता है.

ध्यान रहे कि ये सोशल मीडिया का दौर है. लोग चाहते हैं कि उन्हें ज्यादा से ज्यादा देखा जाए. ज्यादा से ज्यादा सुना जाए और इसके वो किसी भी हद तक जानें को तैयार हैं. कैसी भी कीमत चुका सकते हैं. कुछ पैसों के नाम पर अगर किसी को हफ़्ते, दो हफ्ते की पब्लिसिटी मिल जाए तो इसमें शायद कोई बुराई नहीं है. 

तो मॉरल ऑफ द स्टोरी ये है कि हम वो हैं जो अगर 9 का मुर्गा लेते हैं तो उसके लिए 90 रुपए का मसाला खरीदना जानते हैं. और हां अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चाहें तो आगे आने वाले समय में वो शराब की बोतलें एम आर पी के अतिरिक्त 100 प्रतिशत पर बेच सकते हैं. अरे साहब 40 दिन की प्यास है जाते जाते जाएगी और इसे बुझाने के लिए साम, दाम, दंड भेद सब कुछ एक किया जाएगा.

ये भी पढ़ें -

Liquor shops: शराब दुकानों के सामने त्योहारों वाली महासेल सा नजारा

शराब से सरकार को चाहिए रेवेन्यू भले क़ीमत देश की औरतें क्यों न चुकाएं

Lockdown 3 में तीसरा टास्क: 7 बजे, 7 मिनट, 7 पेग

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    टमाटर को गायब कर छुट्टी पर भेज देना बर्गर किंग का ग्राहकों को धोखा है!
  • offline
    फेसबुक और PubG से न घर बसा और न ज़िंदगी गुलज़ार हुई, दोष हमारा है
  • offline
    टमाटर को हमेशा हल्के में लिया, अब जो है सामने वो बेवफाओं से उसका इंतकाम है!
  • offline
    अंबानी ने दोस्त को 1500 करोड़ का घर दे दिया, अपने साथी पहनने को शर्ट तक नहीं देते
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲