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Kartarpur corridor: पाकिस्तान पहुंचे सिद्धू पर मखमल लपेटकर लट्ठ बरसे!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 09 नवम्बर, 2019 08:38 PM
  • 09 नवम्बर, 2019 08:38 PM
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नवजोत सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) भले ही करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur corridor) के नाम पर बड़ा दिल लेकर इमरान खान (Imran Khan) से मिलने पाकिस्तान (Pakistan) गए हों मगर क्रिकेट के नाम पर वहां जो कुछ उनके साथ हुआ उसने उनकी मुसीबतें बढ़ा दी हैं.

Kartarpur corridor inauguration: छप्पन इंची सीने की बातें देश 2014 से ही सुन रहा है मगर चंद ही लोग होते हैं जिनके अन्दर कलेजा होता है कि जब मौका आए वो उसे दिखा दें. सोशल मीडिया के इस युग में आदमी जिज्ञासु है. सवाल कर सकता है ये बातें क्यों ? जवाब है इस वक़्त पाकिस्तान (Pakistan) में बिरयानी खाने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu). दुनिया की सारी बातें एक तरफ. अपने सिद्धू पाजी एक तरफ. वाकई बंदा कमाल आदमी है. एक ऐसे समय में जब डाल फ्राई में निकले कंकड़ या फिर मैगी में पड़े बाल तक के लिए देश के प्रधानमंत्री मोदी इमरान खान (Imran Khan) को जिम्मेदार ठहरा रहे हों. पीएम मोदी से मिली आलोचना के बाद इमरान, नेपाल और सूडान जैसे देशों तक से ताने खा रहे हों. दोस्ती का फर्ज निभाने पाकिस्तान पहुंचे पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान में कांग्रेसी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने इंडिया और पाकिस्तान दोनों ही देशों की सियासत को गर्म कर दिया है. करतारपुर कॉरिडोर के नाम पर जिस तरह से पूर्व में सिद्धू, पाकिस्तान जाने को आतुर दिख रहे थे और अब जबकि वो फाइनली पाकिस्तान पहुंच गए हैं. ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि सिद्धू ने छप्पन इंची सीने का प्रदर्शन तो किया ही है. साथ ही पाकिस्तान में इमरान खान की तारीफ में कसीदे पढ़कर उन्होंने अपने अन्दर बड़ा कलेजा होने की भी पुष्टि कर दी है. दोनोंकी दोस्ती कमाल की है ये इतनी कमाल की है कि इसे अगर आज सलीम और जावेद देख लें तो उनके दिमाग में सुपर हिट फिल्म शोले का सीक्वल बनाने का प्लान आ जाए.

कपिल तो कपिल पाकिस्तान भी क्रिकेट पर सिद्धू की चुटकी लेने से बाज नहीं आया

सिद्धू पाकिस्तान थे. या ये कहें कि सिद्धू लड़ के (ये तो सभी जानते हैं कि इमरान से मिलने और पाकिस्तान जाने के लिए सिद्धू ने कितनी हाय तौबा मचाई थी) पहुंचे पाकिस्तान...

Kartarpur corridor inauguration: छप्पन इंची सीने की बातें देश 2014 से ही सुन रहा है मगर चंद ही लोग होते हैं जिनके अन्दर कलेजा होता है कि जब मौका आए वो उसे दिखा दें. सोशल मीडिया के इस युग में आदमी जिज्ञासु है. सवाल कर सकता है ये बातें क्यों ? जवाब है इस वक़्त पाकिस्तान (Pakistan) में बिरयानी खाने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu). दुनिया की सारी बातें एक तरफ. अपने सिद्धू पाजी एक तरफ. वाकई बंदा कमाल आदमी है. एक ऐसे समय में जब डाल फ्राई में निकले कंकड़ या फिर मैगी में पड़े बाल तक के लिए देश के प्रधानमंत्री मोदी इमरान खान (Imran Khan) को जिम्मेदार ठहरा रहे हों. पीएम मोदी से मिली आलोचना के बाद इमरान, नेपाल और सूडान जैसे देशों तक से ताने खा रहे हों. दोस्ती का फर्ज निभाने पाकिस्तान पहुंचे पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान में कांग्रेसी सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने इंडिया और पाकिस्तान दोनों ही देशों की सियासत को गर्म कर दिया है. करतारपुर कॉरिडोर के नाम पर जिस तरह से पूर्व में सिद्धू, पाकिस्तान जाने को आतुर दिख रहे थे और अब जबकि वो फाइनली पाकिस्तान पहुंच गए हैं. ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि सिद्धू ने छप्पन इंची सीने का प्रदर्शन तो किया ही है. साथ ही पाकिस्तान में इमरान खान की तारीफ में कसीदे पढ़कर उन्होंने अपने अन्दर बड़ा कलेजा होने की भी पुष्टि कर दी है. दोनोंकी दोस्ती कमाल की है ये इतनी कमाल की है कि इसे अगर आज सलीम और जावेद देख लें तो उनके दिमाग में सुपर हिट फिल्म शोले का सीक्वल बनाने का प्लान आ जाए.

कपिल तो कपिल पाकिस्तान भी क्रिकेट पर सिद्धू की चुटकी लेने से बाज नहीं आया

सिद्धू पाकिस्तान थे. या ये कहें कि सिद्धू लड़ के (ये तो सभी जानते हैं कि इमरान से मिलने और पाकिस्तान जाने के लिए सिद्धू ने कितनी हाय तौबा मचाई थी) पहुंचे पाकिस्तान थे. तो वहां उनका स्वागत होना लाजमी था. सिद्धू का  पाकिस्तान में स्वागत कोई ऐसा वैसा नहीं हुआ है.  जैसा पाकिस्तानी हुक्मरानों का सिद्धू के प्रति रुख था उन्हें मखमल के गद्दे में लपेट के डंडे बरसाए गए हैं.

सिद्धू पर बात होती रहेगी. मगर बात कर ली जाए उस पल की जब वहां उधर पाकिस्तान में सिद्धू मंच पर बुलाए जा रहे थे. मंच पर मौजूद एंकर सिद्धू की जितनी तारीफ कर सकता था किया लेकिन एक पल ऐसा ऐसा भी आया जब कहा गया कि इनकी (नवजोत सिंह सिद्धू) से और इमरान खान से मुहब्बत का सबूत है कि इन्होंने टोटल 9 सेंचुरी बनाई हैं क्रिकेट में लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ एक भी नहीं बनाई. अब भगवान ही जाने ये सिद्धू की तारीफ थी या फिर व्यंग्य मगर पाकिस्तानियों ने सिद्धू को कह कर, उन्हें बताकर उनकी चुटकी ले ली.

हंसी मजाक में कोई बुराई नहीं है मगर पाकिस्तानियों को इस तरह सिद्धू को पुरानी यादों से रू-ब-रू नहीं कराना चाहिए था. बाकी बात अगर सिद्धू की हो तो ये कोई पहला मौका नहीं था जब उनके साथ इस तरह का मजाक हुआ. उनके दोस्त और सोनी टीवी के एक चर्चित शो के होस्ट कपिल शर्मा भी इस मुद्दे को लेकर सिद्धू की चुटकी ले चुके थे. दिलचस्प बात ये है कि तब सिद्धू लाल पीले होते हुए मंद मंद मुस्काए नहीं थे बल्कि तब उन्होंने कपिल की तरफ तकिया फेंकी थी. उस मूमेंट पर जैसा रुख ससिद्धू का था साफ़ पता चल रहा था कि इन्हें कपिल की बातें पसंद नहीं आई हैं. लेकिन पैसे की अपनी कुछ मजबूरियां होती हैं. सिद्धू इस बात को जानते थे.

कपिल का शो एक कॉमेडी शो. कॉमेडी की बातें, चुटीले व्यंग्य ऐसे शो की जरूरत होते हैं मगर जिस तरह इस मामले में यानी पाकिस्तान ने हमने आप पाकिस्तानियों को सिद्धू की मौज लेते देखा वो वाकई विचलित करने वाला है.

बहरहाल सिद्धू को अपनी इस आलोचना की रत्ती भर भी परवाह नहीं है. चूंकि इस बात को हम जानते हैं कि पाकिस्तान के ही चलते सिद्धू कपिल के शो से बहार हैं तो पाकिस्तान पहुंचे सिद्धू ने इमरान खान और पाकिस्तानी आवाम को शायरी सुनाई है और ताबड़तोड़ सुनाई है. अच्छा क्योंकि न तो आज कोई रोकने वाला था और न ही सुनने वालों की कोई कमी थी इसलिए शेर शायरी और कविता के नाम पर सिद्धू को जो जो याद था उन्होंने सब सुनाया है और साहित्य का मखौल उड़ाया है.

इमरान खान की मीरा बने सिद्धू की अदाएं आम पाकिस्तानी आवाम को भी पसंद आई हैं और अपनी बातों और इमरान खान के प्रति मुहब्बत के चलते वहां उन्हें जबरदस्त प्यार मिल रहा है. लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि अगर कभी खालिस्तान बना तो सिद्धू के अन्दर उसका प्रधानमंत्री बनने का गुण है.

 

मामले में दिलचस्प बात ये भी है कि सिद्धू की बातों से प्रभावित पाकिस्तान की आवाम ये नहीं समझ पा रही कि वो किन लफ्जों में सिद्धू का शुकिया अदा करे.  

बहरहाल, भले ही सिद्धू दिलेर आदमी हों. मगर दिल नाजुक होता है. जिस तरह पाकिस्तान जाकर उन्होंने इमरान की तारीफ की है और पाकिस्तानियों का दिल गुदगुदाया है सिद्धू को सोचना चाहिए था कि वापस उन्हें हिंदुस्तान ही आना है. उन्हें याद रखना चाहिए था कि जो वो वहां कर के आएंगे उसका सीधा असर उनकी राजनीति पर तो होगा ही साथ ही विपक्ष को कांग्रेस की फिर से आलोचना करने का मौका मिल जाएगा. जिससे वो जुड़े हैं.

अंत में बस इतना ही कि सिद्धू भले ही जज्बाती हों. लेकिन उन्हें कुछ भी कहने से पहले दो-तीन बार सोच लेना चाहिए था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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