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एयर होस्टेस के लिए एयर इंडिया की गाइडलाइंस बूढ़ी दादी या खाप पंचायत जैसी हैं!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 24 नवम्बर, 2022 07:06 PM
  • 24 नवम्बर, 2022 07:06 PM
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चाहे महिला हों या पुरुष एयर इंडिया ने अपने कर्मचारियों को गाइड लाइंस जारी की हैं. कर्मचारियों को अब गाइडलाइन के मुताबिक ही स्‍वयं को ग्रूम करना होगा.महिला और पुरुष क्रू मेंबर्स के लिए एयर इंडिया के बनाए नए नियम देखकर घर की किसी बुज़ुर्ग महिला या किसी खाप पंचायत की याद आती है.

महंगाई के इस दौर में करना पड़ता है खर्चों पर काबू 

बढ़िया पैकेजिंग में घटिया माल बेचने की कला तुम क्या जानो रमेश बाबू

हम्म्म... ऊपर लिखी पंक्तियां यूं ही रैंडम जेहन में नहीं आईं. पर्याप्त कारण हैं. जैसा वक़्त चल रहा है चाहे वो पार्ले जी बिस्किट का 100 ग्राम से 70 ग्राम हो जाना हो. या फिर लेज के क्रीम एंड अनियन वाले चिप्स के पैकेट में चिप्स का कम और हवा का ज्यादा होना श्रिंक इकॉनमी के इस दौर में हर कोई कॉस्ट कटिंग कर रहा है. लेकिन दिलचस्प ये कि पैकेजिंग बढ़िया की जा रही है. माल की पैकेजिंग को लेकर हर कंपनी के अपने नियम हैं, अपनी शर्तें हैं.  दूसरों की उन्हें क्या ही परवाह अपनी शर्तों पर माल बिकना चाहिए. बिकते रहना चाहिए. कंपनियों के नियम और शर्तें कितने अटपटे होते हैं एयर इंडिया से समझिये. अब इसे विमान सेवा को प्रोफेशनल दिखाना कहें या खालीपन की मार एयर इंडिया ने क्रू मेंबर्स के सजने-संवरने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. बताया जा रहा है कि अब चाहे वो महिला  क्रू मेंबर हों या फिर पुरुष क्रू मेंबर्स यदि उन्होंने इन गाइड लाइंस को नहीं माना तो उनकी खैर नहीं. कर्मचारियों को अब गाइडलाइन के मुताबिक ही स्‍वयं को ग्रूम करना होगा. गाइड लाइंस क्या हैं? कर्मचारियों को क्या क्या करना होगा इसपर चर्चा होगी लेकिन उससे पहले हम ये जरूर बताना चाहेंगे कि महिला और पुरुष क्रू  मेंबर्स के लिए एयर इंडिया के बनाए नए नियम देखकर घर की किसी बुज़ुर्ग महिला या किसी खाप पंचायत की याद आती है.

अपने कर्मचारियों को जो गाइड लाइंस एयरइंडिया ने जारी की है वो सुनने बताने में बहुत अजीब है

एयर इंडिया की नयी गाइड लाइंस पर अगर गौर करा जाए तो मिलता है कि चाहे वो महिला क्रू...

महंगाई के इस दौर में करना पड़ता है खर्चों पर काबू 

बढ़िया पैकेजिंग में घटिया माल बेचने की कला तुम क्या जानो रमेश बाबू

हम्म्म... ऊपर लिखी पंक्तियां यूं ही रैंडम जेहन में नहीं आईं. पर्याप्त कारण हैं. जैसा वक़्त चल रहा है चाहे वो पार्ले जी बिस्किट का 100 ग्राम से 70 ग्राम हो जाना हो. या फिर लेज के क्रीम एंड अनियन वाले चिप्स के पैकेट में चिप्स का कम और हवा का ज्यादा होना श्रिंक इकॉनमी के इस दौर में हर कोई कॉस्ट कटिंग कर रहा है. लेकिन दिलचस्प ये कि पैकेजिंग बढ़िया की जा रही है. माल की पैकेजिंग को लेकर हर कंपनी के अपने नियम हैं, अपनी शर्तें हैं.  दूसरों की उन्हें क्या ही परवाह अपनी शर्तों पर माल बिकना चाहिए. बिकते रहना चाहिए. कंपनियों के नियम और शर्तें कितने अटपटे होते हैं एयर इंडिया से समझिये. अब इसे विमान सेवा को प्रोफेशनल दिखाना कहें या खालीपन की मार एयर इंडिया ने क्रू मेंबर्स के सजने-संवरने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. बताया जा रहा है कि अब चाहे वो महिला  क्रू मेंबर हों या फिर पुरुष क्रू मेंबर्स यदि उन्होंने इन गाइड लाइंस को नहीं माना तो उनकी खैर नहीं. कर्मचारियों को अब गाइडलाइन के मुताबिक ही स्‍वयं को ग्रूम करना होगा. गाइड लाइंस क्या हैं? कर्मचारियों को क्या क्या करना होगा इसपर चर्चा होगी लेकिन उससे पहले हम ये जरूर बताना चाहेंगे कि महिला और पुरुष क्रू  मेंबर्स के लिए एयर इंडिया के बनाए नए नियम देखकर घर की किसी बुज़ुर्ग महिला या किसी खाप पंचायत की याद आती है.

अपने कर्मचारियों को जो गाइड लाइंस एयरइंडिया ने जारी की है वो सुनने बताने में बहुत अजीब है

एयर इंडिया की नयी गाइड लाइंस पर अगर गौर करा जाए तो मिलता है कि चाहे वो महिला क्रू मेंबर्स के लिए बिंदी का साइज, चूड़ियों की संख्‍या, लि‍पस्टिक और नेल पेंट का कलर हो. या फिर पुरुषों की ग्रूमिंग स्टाइलिंग और बालों में हेयर जेल लगाना सब डिसाइड कर दिया गया है. अपने नए दिशा निर्देशों में किसी बूढ़ी दादी की तरह एयर इंडिया ने इस बात पर बल दिया है कि यदि कर्मचारी ऑफ ड्यूटी हो तो उसे कोई हक़ नहीं है कि वो कंपनी की यूनिफॉर्म या फिर एक्‍सेसरीज न पहने. 

बात चूड़ी, बिंदी के आकार प्रकार की हुई थी. साथ ही नेल पेंट का भी जिक्र हुआ था. तो बताते चलें कि एयर लाइन में काम करने वाली महिलाएं अब पर्ल के झुमके नहीं पहनेंगी.  उनके लिए सोने या चांदी के गोल आकार के झुमके ही एलाउड हैं . वहीं एयर इंडिया की वो महिला कर्मचारी जो साड़ी पहनती हैं उन्हें केवल 0.5 सेटीमीटर की ही बिंदी लगाने की इज्जत होगी. साथ ही नयी गाइड लाइंस के मुताबिक अब आगे आने वाले समय में वो हाथों में केवल एक-एक चूड़ी पहने हुए ही नजर आएंगी.

ध्यान रहे कि महिला क्रू मेंबर्स की चूड़ियों पर भी एयर इंडिया की पैनी नजर है. एयर इंडिया ने साफ़ कर दिया है कि चूड़ी में न तो कोई डिजाइन होगी और न ही कोई स्टोन होगा. क्योंकि एयर इंडिया हमेशा ही अपनी सिक्योरिटी को लेकर गंभीर रहा है इसलिए अब अपनी नयी गाइड लाइन में एयर इंडिया ने महिला कर्मचारियों के बालों में लगाई जाने वाली क्लिप्स और पिनों की संख्या को भी निर्धारित कर दिया है.

महिलाएं अब हाई टॉप नॉट्स हेयर स्‍टाइल नहीं कर पाएंगी. इसके अलावा अब उन्हें बालों में केवल चार काली बॉबी पिन लगाने की ही अनुमति होगी.महिलाओं को ये भी साफ़ कह दिया गया है कि अब वो नेल पेंट लगाकर फ्लाइट में नहीं आएंगी. ऐसा नहीं है कि एयर इंडिया के ये फरमान सिर्फ महिलाओं के लिए है. गाज पुरुषों पर भी गिरी है.

हेयर जेल लगाना अनिवार्य किया गया है साथ ही जिन पुरुषों के बाल झड़ गए हैं उनसे कहा गया है कि वो अपने  सिर क्लिन शेव्ड करके आएं. एयरलाइन्स में तमाम ऐसे पुरुष हैं जो क्रू कट बाक रखते हैं. ऐसे पुरुषों के लिए भी बुरी खबर है. अब इस तरह की स्टाइलिंग को  प्रतिबंधित कर दिया गया है. 

बात गाइड लाइन और नियमों की चली है तो चाहे वो महिला और पुरुषों को सफ़ेद हो चुके बाल हों या फिर गर्दन, कलाई और टखने पर कोई धार्मिक चिन्‍हृ  टैटू करवाना हो सब पर एयर लाइन प्रशासन सख्त है.  विषय बहुत सीधा है. जैसे नियम एयर लाइन ने बनाए हैं साफ़ है कि वो कर्मचारियों को अपने रंग में रंगने को आतुर है और क्योंकि नौकरी सबको बचानी है कर्मचारी भी ऊट- पटांग नियमों को मानने के लिए मजबूर हैं. 

भले ही एयर इंडिया अपने कर्मचारियों को स्मार्टनेस के रैपर में करने के लिए ये सब कर रहा हो लेकिन हम इतना जरूर कहेंगे कि नियम बनाकर दादी अम्मा बनने से कहीं बेहतर था कि एयर लाइन अपनी सर्विस और उसकी क्वालिटी पर ध्यान देती. अगर इसके मद्देनजर कुछ होता तो कहीं बेहतर था.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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