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Coronavirus को लेकर whatsapp और मेडिकल स्टोर पर फैली अलग ही 'बीमारी'

    • आईचौक
    • Updated: 05 मार्च, 2020 05:53 PM
  • 05 मार्च, 2020 05:51 PM
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इस खबर के बाद कि मास्क और हैंड सेनेटाइजर से कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरे कम हो जाएंगे लोग इस तरह से इसे घर में ला रहे हैं कि मेडिकल स्टोर में यह चीजें ख़त्म हो गई हैं बाकी बीमारी कैसे भागेगी ये ज्ञान वाट्सएप (Whatsapp ) पर भी खूब मिल रहा है. राय दी जा रही है कि लोग गौमूत्र और गोबर का इस्तेमाल करें लौंग और कपूर अपने साथ रखें.

कोरोना वायरस (Coronavirus)... टीवी, फेसबुक, वाट्सएप (Whatsapp), ट्विटर, इंस्टाग्राम, हेलो खोल कुछ भी लीजिये दिख यही कोरोना वायरस रहा है. कोरोना का सबसे पहला मामला दिसंबर के मध्य में चीन (China) के वुहान (Wuhan) में देखने को मिला था जिसे पहली बार जनवरी के मध्य में रिपोर्ट किया गया था. भारत अब तक इससे बचा हुआ था लेकिन बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी? दो महीने बाद भारत में भी स्थिति गंभीर हुई है. जहां देखो कोरोना वायरस की बातें जिधर भी नजरें घुमाओ मुंह पर मास्क (Mask) लगाए लोग. बीमारी को लेकर भय इतना है कि क्या सरकारी क्या प्राइवेट नौकरी में लगे लोगों की एक बड़ी आबादी अपने अपने दफ्तर के वाश रूम में है और साबुन घिस घिसकर अपने हाथ धो रही है. अब ये कोरोना वायरस का टेरर ही तो है कि बाजार को हमेशा की तरह बीमारी के नाम पर कमाई करने और नोट छापने का बहाना मिल गया है. अपने अड़ोस पड़ोस में स्थित किसी भी मेडिकल स्टोर पर चले जाइए और मास्क और अल्कोहल बेस वाला हैंड सेनेटाइजर (Alchohol Based Hand Sanitizer) मांग लीजिये. दुकानदार भी इन दिनों आपको ऐसे देखेगा जैसे आपने उसका कलेजा मांग लिया. इस खबर के बाद कि कोरोना वायरस चीन से चलकर इटली (Italy) पहुंचने के बाद नई दिल्ली (New Delhi) आ गया है. मेडिकल स्टोर पर मास्क और अल्कोहल बेस वाले हैंड सेनेटाइजर की मांग बढ़ गई है. ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स पर या तो स्टॉक ख़त्म है या फिर जहां है वहां लाइन लग रही है और ज्यादा पैसे लेकर माल ग्राहक को सौंपा जा रहा है.

भारत में कोरोना वायरस की खबर फैलने के बाद मेडिकल स्टोर वालों के वारे न्यारे हो गए हैं

अच्छा अपने देश में लोग भी बड़े क्लास के हैं. आप किसी से पूछिए कि ये सामान क्यों लिया? तो अजीब वो गरीब जवाब मिल रहे हैं. आधे लोग तो सिर्फ इसलिए बाजार जा रहे हैं क्योंकि उनके...

कोरोना वायरस (Coronavirus)... टीवी, फेसबुक, वाट्सएप (Whatsapp), ट्विटर, इंस्टाग्राम, हेलो खोल कुछ भी लीजिये दिख यही कोरोना वायरस रहा है. कोरोना का सबसे पहला मामला दिसंबर के मध्य में चीन (China) के वुहान (Wuhan) में देखने को मिला था जिसे पहली बार जनवरी के मध्य में रिपोर्ट किया गया था. भारत अब तक इससे बचा हुआ था लेकिन बकरे की अम्मा कब तक खैर मनाएगी? दो महीने बाद भारत में भी स्थिति गंभीर हुई है. जहां देखो कोरोना वायरस की बातें जिधर भी नजरें घुमाओ मुंह पर मास्क (Mask) लगाए लोग. बीमारी को लेकर भय इतना है कि क्या सरकारी क्या प्राइवेट नौकरी में लगे लोगों की एक बड़ी आबादी अपने अपने दफ्तर के वाश रूम में है और साबुन घिस घिसकर अपने हाथ धो रही है. अब ये कोरोना वायरस का टेरर ही तो है कि बाजार को हमेशा की तरह बीमारी के नाम पर कमाई करने और नोट छापने का बहाना मिल गया है. अपने अड़ोस पड़ोस में स्थित किसी भी मेडिकल स्टोर पर चले जाइए और मास्क और अल्कोहल बेस वाला हैंड सेनेटाइजर (Alchohol Based Hand Sanitizer) मांग लीजिये. दुकानदार भी इन दिनों आपको ऐसे देखेगा जैसे आपने उसका कलेजा मांग लिया. इस खबर के बाद कि कोरोना वायरस चीन से चलकर इटली (Italy) पहुंचने के बाद नई दिल्ली (New Delhi) आ गया है. मेडिकल स्टोर पर मास्क और अल्कोहल बेस वाले हैंड सेनेटाइजर की मांग बढ़ गई है. ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स पर या तो स्टॉक ख़त्म है या फिर जहां है वहां लाइन लग रही है और ज्यादा पैसे लेकर माल ग्राहक को सौंपा जा रहा है.

भारत में कोरोना वायरस की खबर फैलने के बाद मेडिकल स्टोर वालों के वारे न्यारे हो गए हैं

अच्छा अपने देश में लोग भी बड़े क्लास के हैं. आप किसी से पूछिए कि ये सामान क्यों लिया? तो अजीब वो गरीब जवाब मिल रहे हैं. आधे लोग तो सिर्फ इसलिए बाजार जा रहे हैं क्योंकि उनके पड़ोसी ले आए हैं. बात ईगो और रुतबे की है तो ये लोग भी कहां पीछे रहते. अब ले आए, तो ले आए. पड़ा रहेगा अलमारी में. रिश्तेदार वगैरह आएंगे तो गर्व से सीना 56 इंच कर बता देंगे कि उन मुश्किल दिनों में भी हम जागरूक थे.

आजकल तो देश में कोई और बात ही नहीं हैं. वाट्सएप से लेकर राज्यसभा तक बस कोरोना ही कोरोना है. चर्चा हर ओर हो रही है और राज्य सभा में तो इसके सभी पक्षों पर बात की जा रही है और किसी किसी को तो डांट भी पड़ रही है. अब एनसीपी नेता वंदना चव्हाण को ही ले लीजिये. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कोरोना वायरस को लेकर कुछ गंभीर बातें बता रहे थे. उन्होंने बीच में ही रोकते हुए वंदना चव्हाण ने गोबर और गौमूत्र का मुद्दा उठा दिया. कहने लगीं कि कुछ लोग कह रहे हैं कि, 'कुछ लोग बता रहे हैं कि इन दिनों गौमूत्र और गोबर का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे कोरोना वायरस के खतरे कम पड़ जाते हैं'

शायद वंदना ने कहीं पर सुना हो या फिर उन्हें किसी ने वाट्सएप पर कोरोना वायरस के खतरे पर गौमूत्र और गोबर के इस्तेमाल वाला मैसेज भेजा हो... वंदना का इतना कहना भर था जवाब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दिया कहने लगे कि ये लोगों पर निर्भर करता है. हम किसी को कुछ भी करने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. अभी वंदना कुछ कहतीं नायडू ने अगले स्पीकर की तरफ इशारा कर दिया. बता दें कि अभी बीते दिनों ही असम से भाजपा विधायक सुमन हरिप्रिया ने दावा किया था कि कोरोना वायरस के निदान के लिए गौमूत्र और गोबर का इस्तेमाल किया जा सकता है.

ऐसा नहीं था कि राज्यसभा में कोरोना को लेकर कुतर्क ही हुए. इस दौरान तमाम अच्छी बातें भी हुईं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन को सुझाव देते हुए राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबीं आज़ाद ने कहा कि, ‘राज्यों में कंट्रोल रूम चीफ़ मिनिस्टर के ऑफ़िस (सीएमओ) में होना चाहिए और सभी ज़िलों के साथ इसका संपर्क होना चाहिए. हमारे यहां सबसे बड़े पब्लिक प्लेस रेलवे स्टेशन और बस अड्डे हैं. इन दोनों जगहों पर भी अनाउंसमेट हो.’

आज़ाद ने कहा कि मंत्रालय को हर भाषा में रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर घोषणा करनी चाहिए और लोगों को बताना चाहिए कि उन्हें आतंकित होने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने ‘क्या करें-क्या ना करें’ से जुड़ी सलाह देने को भी कहा.

कोरोना वायरस को लेकर लोगों में गफलत कैसी है? इसके निदान के लिए कैसे कैसे क्रांतिकारी आईडिया दिए जा रहे हैं इसे हम हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि के उस बयान से समझ सकते हैं. जिसमें उन्होंने भारत से कोरोना भगाने के लिए टी पार्टी यानी चाय पार्टी की तर्ज पर गोमूत्र पार्टी का आयोजन करने की बात कही थी. अपने बयान में स्वामी चक्रपाणि ने कहा था कि, 'कोरोना से बचाव हेतु हिन्दू महासभा टी पार्टी के तर्ज पर जन्द करेगी गौमुत्र पार्टी,आपका भी स्वागत है.'

ध्यान रहे कि हिंदू महासभा अभी कुछ दिन पहले ही कोरोना से बचाव के लिए यज्ञ का आयोजन कर चुकी है. और तब भी स्वामी चक्रपाणि उस वक़्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने ये कहकर सबको हैरत में डाल दिया था कि कोरोना से बचाव के लिए मुंह पर मास्क लगाने के बजाय लोग भगवान को चढ़ाई गई लौंग का टुकड़ा मुंह में रखें.

कोरोना वायरस से बचने का रास्ता बताता वाट्सएप का एक मैसेज

देश में हर मुद्दे पर जैसा प्रोपोगेंडा तैयार किया जाता है हम पूरे दावे से कह सकते हैं कि यकीनन हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि वाट्सएप का इस्तेमाल हद से ज्यादा करते हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिस हिसाब से देश में ज्ञानी लोग हैं. देश की जनता को सारा ज्ञान समय समय पर वाट्सएप पर मिला करता है. तमाम टोटके हैं जो कोरोना वायरस के निदान के नाम पर वाट्सएप रूपी ज्ञान के सागर में गोते लगा रहे हैं.

बात सीधी और साफ़ है. जैसा माहौल कोरोना को लेकर वाट्सएप पर तैयार हो रहा है. और जैसे कपूर, लौंग, सौंफ, अजवाइन, इलायची, अदरक, लहसुन, गौ मूत्र गोबर और न जाने क्या-क्या जैसी चीजों को कोरोना से निपटने के लिए मजबूत अस्त्र के रूप में देखा जा रहा है. साफ़ है कि अगर साकार कुछ दिन वाट्सएप पर रोक लगा दें तो आधी परेशानी अपने आप ही ख़त्म हो जाएगी.

ध्यान रहे कि कोरोना वायरस जितनी तेजी से भारत में नहीं फैला, उससे कहीं ज्यादा तेजी से, बल्कि चौगुनी स्पीड से वाट्सएप पर फैल गया है और इसे उसने अपनी चपेट में ले लिया है. बहरहाल जैसा हमारा स्वाभाव है वो दिन दूर नहीं जब हम टोटकों के चक्कर में वो तमाम चीजें अपने घर ले आएंगे जिनका जिक्र करते हुए वाट्सएप के आयुर्वेदाचार्य लंबी लंबी पोस्ट लिख रहे हैं और इस देश की भोली भली जनता को दिव्य ज्ञान दे रहे हैं.

कई मुद्दों पर बात हो गई है. तो बस मॉरल ऑफ द स्टोरी समझ लीजिये. कहानी का सार ये है कि सफाई से रहिये. कोई भी तकलीफ हो तो खुद डॉक्टर न बनकर एकदम असली वाले  डिग्रीधारी डॉक्टर से कंसल्ट करिए. साबुन से हाथ धोते रहिये और जो घंटों लाइन में लगकर मास्क और हैंड सेनेटाइजरलाए हैं भगवान के लिए उनका इस्तेमाल रिश्तेदारों को दिखाने के लिए नहीं बल्कि खुद की सेफ्टी के लिए करिए. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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