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चीतों से लंपी वायरस आया, वे नामीबिया की जगह नाइजीरिया से आए, कांग्रेसियों के 'ज्ञान' को क्या कहें?

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 05 अक्टूबर, 2022 01:33 PM
  • 05 अक्टूबर, 2022 01:33 PM
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नामीबिया से आए हुए चीतों की पहले ही बहुत दुर्गति हो चुकी है. ऐसे में अब कांग्रेस नेता ने लंपी वायरस के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया है और उन्हें नाइजीरियाई बताया है. क्लियर हो गया है कि पीएम मोदी की आलोचना के नाम पर किसी दिन कांग्रेस सूरज को चांद भी बता सकती है.

आखिर नामीबिया से वाया ग्वालियर कूनो नेशनल पार्क पहुंचे चीतों की और कितनी दुर्गति होगी ? पहले ही उन बेचारे जंगली चीतों को बाड़े में बंद करके भोजन दिया जा रहा था. फिर कुत्तों से उनकी सुरक्षा  करवाई गयी. अब उनको लंपी वायरस का वाहक बता दिया गया है. क्या  चीतों को लेकर कोई मजाक चल रहा है? या फिर भारत में राजनीति का तकाजा ही कुछ ऐसा है कि जब कुछ न मिले तो गरीब, मजलूम बेजुबान चीतों को ही टारगेट पर ले लो.

जी हां सही सुन रहे हैं आप. पीएम मोदी और भाजपा की आलोचना में कांग्रेस कुछ इस हद तक अंधी हो गयी है कि अब उसे चीतों में एक आसान टारगेट दिखा है. कांग्रेस ने लंपी वायरस को मुद्दा बनाते हुए चीतों पर बड़ा हमला किया है ( हां ये अलग बात है कि कांग्रेस का हमला भाजपा पर ही था लेकिन चीते कुछ बोल नहीं सकते कांग्रेस को मिमियाने का मौका मिल गया )  कांग्रेस ने लम्पी वायरस बीमारी को 'नाइजीरिया' से लाए जा रहे चीतों से जोड़ा है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने लम्पी वायरस रोग से ग्रस्त मवेशियों पर चिंता जताई है और इसके लिए 'नाइजीरियाई चीतों' को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें भारत के लिए बीमारी का वाहक बताया है.

 पीएम मोदी की आलोचना  में कांग्रेस नेता नाना पटोले ने तो हद ही कर दी

लम्पी वायरस पर अपना पक्ष रखते हुए नाना पटोले ने कहा है कि वायरस  लंबे समय से नाइजीरिया में व्याप्त है और चीतों को भी वहीं से लाया गया है. केंद्र सरकार ने जानबूझकर ऐसा इसलिए किया है ताकि किसानों को नुकसान हो. विदेशों से चीतों को लाने से देश के किसानों की समस्या और महंगाई और बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं होगा. लेकिन इसके बावजूद चीतों को शिकार के लिए लाया गया, जिसके बाद देश में लम्पी वायरस...

आखिर नामीबिया से वाया ग्वालियर कूनो नेशनल पार्क पहुंचे चीतों की और कितनी दुर्गति होगी ? पहले ही उन बेचारे जंगली चीतों को बाड़े में बंद करके भोजन दिया जा रहा था. फिर कुत्तों से उनकी सुरक्षा  करवाई गयी. अब उनको लंपी वायरस का वाहक बता दिया गया है. क्या  चीतों को लेकर कोई मजाक चल रहा है? या फिर भारत में राजनीति का तकाजा ही कुछ ऐसा है कि जब कुछ न मिले तो गरीब, मजलूम बेजुबान चीतों को ही टारगेट पर ले लो.

जी हां सही सुन रहे हैं आप. पीएम मोदी और भाजपा की आलोचना में कांग्रेस कुछ इस हद तक अंधी हो गयी है कि अब उसे चीतों में एक आसान टारगेट दिखा है. कांग्रेस ने लंपी वायरस को मुद्दा बनाते हुए चीतों पर बड़ा हमला किया है ( हां ये अलग बात है कि कांग्रेस का हमला भाजपा पर ही था लेकिन चीते कुछ बोल नहीं सकते कांग्रेस को मिमियाने का मौका मिल गया )  कांग्रेस ने लम्पी वायरस बीमारी को 'नाइजीरिया' से लाए जा रहे चीतों से जोड़ा है. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने लम्पी वायरस रोग से ग्रस्त मवेशियों पर चिंता जताई है और इसके लिए 'नाइजीरियाई चीतों' को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें भारत के लिए बीमारी का वाहक बताया है.

 पीएम मोदी की आलोचना  में कांग्रेस नेता नाना पटोले ने तो हद ही कर दी

लम्पी वायरस पर अपना पक्ष रखते हुए नाना पटोले ने कहा है कि वायरस  लंबे समय से नाइजीरिया में व्याप्त है और चीतों को भी वहीं से लाया गया है. केंद्र सरकार ने जानबूझकर ऐसा इसलिए किया है ताकि किसानों को नुकसान हो. विदेशों से चीतों को लाने से देश के किसानों की समस्या और महंगाई और बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं होगा. लेकिन इसके बावजूद चीतों को शिकार के लिए लाया गया, जिसके बाद देश में लम्पी वायरस फैल गया. 

पटोले का चीतों को लेकर ये बात कहना भर था. भाजपा ने नाना पटोले को आड़े हाथों लिया है. पटोले के आरोपों पर शहज़ाद पूनावाला ने अपना पक्ष रखा है और उन्हें महाराष्ट्र का राहुल गांधी कहा है.

पटोले को उन्हीं की भाषा में जवाब देने के लिए शहज़ाद पूनावाला ने ट्विटर का सहारा लिया और लिखा है कि, नाना पटोले जो महाराष्ट्र के राहुल गांधी हैं, कहते हैं कि लम्पी वायरस की उत्पत्ति नाइजीरिया में हुई और यह इसलिए आया क्योंकि मोदी जी चीते लाए थे! चीते नामीबिया से आए थे. क्या वह (पटोले) जानते हैं कि नाइजीरिया और नामीबिया अलग-अलग राष्ट्र हैं? कांग्रेस ने हमेशा इस तरह के झूठ और अफवाहें फैलाई हैं.

बात न तो शहज़ाद पूनावाला की है. न ही चीतों की. और कांग्रेस को लम्पी वायरस और गायों से तो कोई लेना देना है ही नहीं. विषय बस इतना है कि चीते भारत आए. उन्हें पीएम मोदी लेकर आए. जो इवेंट हुआ वो भव्य इवेंट हुआ और लोगों ने भी इस आयोजन को हाथों हाथ लिया. सिर्फ इतनी ही बात कांग्रेस को चुभी है. कांग्रेस अगर तिलमिलाई बैठी है तो इसका कारण बस इतना है कि पीएम मोदी जिस चीज में भी हाथ लगा रहे हैं उस चीज की प्रशंसा हो रही है.

चूंकि नाना पटोले ने चीतों की आड़ लेकर पीएम पर हमला करने के लिए नामीबिया को नाइजीरिया कहा है.इतना तो अपने आप में ही साफ़  हो गया है कि एक पार्टी के रूप में न तो कांग्रेस को मरते हुए जानवर ही दिख रहे हैं न ही उसे इस बात से कोई मतलब है कि यदि लम्पी वायरस रौद्र रूप लेगा तो क्या होगा? कांग्रेस को सिर्फ कुर्सी प्यारी है. अपने एजेंडे से मतलब है.

खैर क्योंकि चीते कुछ बोल नहीं सकते. तो उनकी तरफ से हम कांग्रेस से इतना ही कहेंगे कि अपनी लड़ाई में कृपया चीतों को न घसीटें. और अगर घसीटना वक़्त की जरूरत ही तो हो तथ्यों के साथ छेड़छाड़ न ही की जाए तो  बेहतर है. हम ऐसा सिर्फ इस लिए कह रहे हैं क्योंकि अभी भी तमाम लोग ऐसे हैं जिन्हें मुगालता है कि कांग्रेस पढ़े लिखे लोगों की पार्टी है. 

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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