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Delhi election में 'मुफ्त' के बाद अब संघर्ष 'कैशबैक' तक आ गया है!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 18 जनवरी, 2020 03:27 PM
  • 18 जनवरी, 2020 03:27 PM
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Delhi Assembly Elections से पहले दिल्ली की जनता Arvind Kejriwal के मुफ्त से अभी उभर भी नहीं पाई है कि Congress ने मुफ्त के साथ कैशबैक और देकर इस पूरी लड़ाई को दिलचस्प तो बनाया ही है साथ ही वोटर्स को कन्फ्यूज भी खूब किया है.

दिल्ली में चुनाव है (Delhi Assembly Election). चुनाव तो दिल्ली में कई हुए हैं. सवाल हो सकता है कि इस चुनाव में खास क्या है? तो जिनके दिमाग में ये सवाल आ रहा है वो ध्यान दें. ये मुफ्त (Free Schemes in Delhi Elections ) का चुनाव है. मुफ्तखोरों का चुनाव है. अरे ये जानकार आहत होने की जरूरत नहीं है. हम कुछ नहीं कह रहे. असल में जो पार्टियां हैं. हमारी पार्टियां. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां (AAP Congress and BJP in Delhi Elections ). ये इस बात को मान चुकी हैं कि दिल्ली की जनता या ये कहें कि दिल्ली का वोटर मुफ्तखोर है. नहीं समझ आया?

आसान भाषा में समझिये...पार्टियों को लगता है कि वोटर की बिजली मुफ्त कर दो. उसका पानी मुफ्त कर दो. फेसबुक और ट्विटर चलाने व्हाट्सएप के घटिया जोक इस ग्रुप से उस ग्रुप में ट्रांसफर करने इंटरनेट मुफ्त कर दो वोटर इतना मुफ्त देखकर वोट दे ही देगा. कह सकते हैं कि एक वोट के लिए सभी ने दुकान खोल ली है. सभी एक दूसरे के लिए कह रहे हैं कि वो दुकान नकली हमारी दुकान असली है. सबके पास अपने ऑफर हैं. अब कांग्रेस के ऑफर (Congress offer before elections ) को ही ले लें तो महसूस होगा कि जनता को मुफ्तखोरी की अफीम चटाने के लिए कांग्रेस ने क्रांतिकारी कदम उठाया है. आम आदमी पार्टी से दो हाथ, चार धरने और पांच आरोप आगे निकल कर दिल्ली कांग्रेस दिल्ली के लोगों को कैश बैक (Congress to give cashback) भी देने वाली है.

दिल्ली कांग्रेस आम आदमी पार्टी से दो हाथ आगे निकल कर मुफ्त के बाद कैशबैक भी दे रही है

आपको बताते चलें कि इस चुनावी बाजी में आम आदमी पार्टी की लोकप्रिय चुनावी घोषणाओं में से एक 'मुफ्त पानी योजना' को मात देने के लिए दिल्‍ली कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष ने अपनी तरह की...

दिल्ली में चुनाव है (Delhi Assembly Election). चुनाव तो दिल्ली में कई हुए हैं. सवाल हो सकता है कि इस चुनाव में खास क्या है? तो जिनके दिमाग में ये सवाल आ रहा है वो ध्यान दें. ये मुफ्त (Free Schemes in Delhi Elections ) का चुनाव है. मुफ्तखोरों का चुनाव है. अरे ये जानकार आहत होने की जरूरत नहीं है. हम कुछ नहीं कह रहे. असल में जो पार्टियां हैं. हमारी पार्टियां. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा जैसी पार्टियां (AAP Congress and BJP in Delhi Elections ). ये इस बात को मान चुकी हैं कि दिल्ली की जनता या ये कहें कि दिल्ली का वोटर मुफ्तखोर है. नहीं समझ आया?

आसान भाषा में समझिये...पार्टियों को लगता है कि वोटर की बिजली मुफ्त कर दो. उसका पानी मुफ्त कर दो. फेसबुक और ट्विटर चलाने व्हाट्सएप के घटिया जोक इस ग्रुप से उस ग्रुप में ट्रांसफर करने इंटरनेट मुफ्त कर दो वोटर इतना मुफ्त देखकर वोट दे ही देगा. कह सकते हैं कि एक वोट के लिए सभी ने दुकान खोल ली है. सभी एक दूसरे के लिए कह रहे हैं कि वो दुकान नकली हमारी दुकान असली है. सबके पास अपने ऑफर हैं. अब कांग्रेस के ऑफर (Congress offer before elections ) को ही ले लें तो महसूस होगा कि जनता को मुफ्तखोरी की अफीम चटाने के लिए कांग्रेस ने क्रांतिकारी कदम उठाया है. आम आदमी पार्टी से दो हाथ, चार धरने और पांच आरोप आगे निकल कर दिल्ली कांग्रेस दिल्ली के लोगों को कैश बैक (Congress to give cashback) भी देने वाली है.

दिल्ली कांग्रेस आम आदमी पार्टी से दो हाथ आगे निकल कर मुफ्त के बाद कैशबैक भी दे रही है

आपको बताते चलें कि इस चुनावी बाजी में आम आदमी पार्टी की लोकप्रिय चुनावी घोषणाओं में से एक 'मुफ्त पानी योजना' को मात देने के लिए दिल्‍ली कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष ने अपनी तरह की एक अनोखी योजना की घोषणा की है सुभाष चोपड़ा ने कहा कि यदि दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी तो हम भी दिल्‍ली में 20 हजार लीटर पानी देंगे. साथ ही उन्होंने ये कहकर भी अचरज में डालने का काम किया कि अगर दिल्ली के लोगों ने पानी बचाया तो उन्हें कैशबैक भी दिया जाएगा. अपनी बात को विस्तार देते हुए चोपड़ा ने कहा कि अगर कोई शख्‍स एक लीटर पानी की बचत करता है तो उसे 30 पैसे कैशबैक के रूप में मिलेंगे.

बिलकुल सही बात है. पानी पर सबका अधिकार है. अब क्योंकि अगला विश्व युद्ध अगर कभी हुआ, तो वो पानी के लिए होगा. इसलिए हमें आज से ही पानी बचाना शुरू कर देना चाहिए.

मिलती जुलती बातें सुभाष चोपड़ा ने भी कहीं उन्होंने कहा कि पानी सबका अधिकार पर भविष्य का रखो खयाल. पानी बचाओ, दिल्ली बचाओ इसके बाद धीरे से उन्होंने कैश बैक के रूप में 1 लीटर पर 30 पैसे सीधे अकाउंट में देने की बात कहकर अपना एजेंडा दिखा दिया. अच्छा क्योंकि पैसे सीधे अकाउंट में आ रहे थे और अकाउंट में सीधे आने वाले पैसों पर इस देश की एक बड़ी आबादी को भरोसा नहीं है, इसलिए हमें भी नहीं है.

अच्छा क्योंकि दिल्ली में चुनाव हैं तो अचानक से एक्टिव हुई कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं लेकिन हमें उससे कोई मतलब नहीं है. नेतागिरी में आरोप प्रत्यारोप चलते रहते हैं. जिस बात ने हमें आहत किया है वो है कैशबैक वो भी 30 पैसे का कैशबैक. मतलब सोचने वाली बात है एक ऐसे वक़्त में जब महंगाई आसमान छू रही हो. आदमी अरहर की दाल प्याज के मुकाबले सेब से छौंकना प्रिफर कर रहा हो 30 पैसे लेकर नंगा नहाएगा क्या निचोड़ेगा क्या? कुछ अच्छा तो छोड़िये एक अच्छी टॉफ़ी भी खानी हो तो भी चार या पांच लीटर पानी बचाना होगा.

खैर बात मुफ्त फिर कैश बैक की चली है तो बता दें जैसी राजनीति दिल्ली में चल रही है एक दिन सब मर जाएंगे और बचेगा सिर्फ मुफ्त में मिला कैश बैक जो खुद आपस में लड़ रहे होंगे. यानी आम आदमी का कैश बैक कांग्रेस के कैश बैक से लड़ेगा और कांग्रेस का कैश बैक भाजपा से. अच्छा क्योंकि जनता तो पहले ही ये सब देख के मर चुकी होगी इसलिए इनकी लड़ाई से किसी को कोई खास फर्क भी नही पड़ेगा.

बहरहाल, चुनाव से ठीक पहले जैसा माहौल दिल्ली में तैयार हुआ है और मुफ्त की स्कीम के बाद जिस तरह कैश बैक की रणनीति अपनानी जा रही है अब तो यही लगने लगा है कि कैश बैक ही असली भगवान है बाकी जो है जितना है वो सब कुछ फर्जी है. दिल्ली में एक नई तरह की रणनीति इस्तेमाल हो रही है. जनता को सावधान रहना चाहिए वरना ये फ्री का कैशबैक आदमी को भूखा प्यासा मार देगा. आदमी सोचेगा पानी पीने से अच्छा है आओ कुछ पैसे ही कमा लिए जाएं.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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