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सिक्योरिटी एजेंसी वाले ऐड देखकर आप खुद कहेंगे, अरे बाबा तो बड़े क्रिएटिव हैं

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 16 जुलाई, 2017 12:28 PM
  • 16 जुलाई, 2017 12:28 PM
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बाबा रामदेव अपनी सिक्योरिटी एजेंसी लेकर आ रहे हैं. जाहिर है कि हम भविष्य में इसके ऐड भी देखेंगे. तो इस लेख के जानिये मीडिया में उन विज्ञापनों की शुरुआत कैसे होगी.

रात में देर से सोया था तो सुबह आंख देर से खुली. ब्रश में दंत कान्ति वाला मंजन लगा के मैंने जैसे ही अखबार के पन्ने पलते तो मैं सन्न रह गया. कारण थे मेरे दंत कान्ति वाले पेस्ट के बाबा रामदेव. जुलाई की इस उमस वाली गर्मी में कुछ तूफानी करते हुए बाबा ने एक ऐसा काम कर दिया है जिसको सुनकर न सिर्फ मुझे हंसी आई बल्कि अचरज भी हुआ. अखबार के तीसरे पन्ने पर पांचवी सब हेडिंग थी की 'बाबाओं के बाबा' बाबाधिराज बाबा रामदेव अब तेल साबुन, मंजन, नूडल, आंटा, मैदा, बिस्कुट के अलावा सिक्योरिटी एजेंसी खोलने वाले हैं. अखबार के जरिये ये भी पता चला कि अपने इस नए वेंचर को कामयाब बनाने के लिए बाबा रामदेव ने करोड़ों का इन्वेस्टमेंट किया है.

मैं ब्रश के साथ-साथ योग के दो-चार आसन कर चुका था. मुझे भूख लगी थी तो मैंने चाय बनाई और पतंजलि के बटर कूकीज संग मैं दोबारा अखबार लेकर बैठ गया. मैंने उस खबर को ध्यान से पढ़ना शुरू किया. मैं जैसे-जैसे इस खबर को पढ़ रहा था मेरी चेतना अतीत में जा रही थी.

मुझे अपनी आंखों के सामने रामलीला मैदान और उस मैदान में सलवार में भागते हुए बाबा रामदेव दिखे. अतीत, अतीत है वर्तमान, वर्तमान है. वर्तमान में अतीत की बातों का जिक्र समझदारी भरा फैसला नहीं है. हां तो मैं बात कर रहा था बाबा रामदेव और उनकी सिक्योरिटी एजेंसी पर.

ये तो पक्की बात है कि अपनी एजेंसी के ऐड के लिए बाबा भरपूर रचनात्मकता का परिचय देंगे

आज के इस सोशल मीडिया वाले जमाने में चीज वही बिकती है जो सबसे ज्यादा दिखती है. अतः अब कल्पना कीजिए उन विज्ञापनों की जो हमें 'बाबा की सिक्योरिटी एजेंसी से अवगत कराएंगे'. जी हां इस लेख के जरिये हम आपको बताएंगे कि यदि अखबार, वेबसाइट और टीवी पर बाबा रामदेव की इस सिक्योरिटी एजेंसी के ऐड आएं तो वो कैसे होंगे.

शवासन की मुद्रा वाला...

रात में देर से सोया था तो सुबह आंख देर से खुली. ब्रश में दंत कान्ति वाला मंजन लगा के मैंने जैसे ही अखबार के पन्ने पलते तो मैं सन्न रह गया. कारण थे मेरे दंत कान्ति वाले पेस्ट के बाबा रामदेव. जुलाई की इस उमस वाली गर्मी में कुछ तूफानी करते हुए बाबा ने एक ऐसा काम कर दिया है जिसको सुनकर न सिर्फ मुझे हंसी आई बल्कि अचरज भी हुआ. अखबार के तीसरे पन्ने पर पांचवी सब हेडिंग थी की 'बाबाओं के बाबा' बाबाधिराज बाबा रामदेव अब तेल साबुन, मंजन, नूडल, आंटा, मैदा, बिस्कुट के अलावा सिक्योरिटी एजेंसी खोलने वाले हैं. अखबार के जरिये ये भी पता चला कि अपने इस नए वेंचर को कामयाब बनाने के लिए बाबा रामदेव ने करोड़ों का इन्वेस्टमेंट किया है.

मैं ब्रश के साथ-साथ योग के दो-चार आसन कर चुका था. मुझे भूख लगी थी तो मैंने चाय बनाई और पतंजलि के बटर कूकीज संग मैं दोबारा अखबार लेकर बैठ गया. मैंने उस खबर को ध्यान से पढ़ना शुरू किया. मैं जैसे-जैसे इस खबर को पढ़ रहा था मेरी चेतना अतीत में जा रही थी.

मुझे अपनी आंखों के सामने रामलीला मैदान और उस मैदान में सलवार में भागते हुए बाबा रामदेव दिखे. अतीत, अतीत है वर्तमान, वर्तमान है. वर्तमान में अतीत की बातों का जिक्र समझदारी भरा फैसला नहीं है. हां तो मैं बात कर रहा था बाबा रामदेव और उनकी सिक्योरिटी एजेंसी पर.

ये तो पक्की बात है कि अपनी एजेंसी के ऐड के लिए बाबा भरपूर रचनात्मकता का परिचय देंगे

आज के इस सोशल मीडिया वाले जमाने में चीज वही बिकती है जो सबसे ज्यादा दिखती है. अतः अब कल्पना कीजिए उन विज्ञापनों की जो हमें 'बाबा की सिक्योरिटी एजेंसी से अवगत कराएंगे'. जी हां इस लेख के जरिये हम आपको बताएंगे कि यदि अखबार, वेबसाइट और टीवी पर बाबा रामदेव की इस सिक्योरिटी एजेंसी के ऐड आएं तो वो कैसे होंगे.

शवासन की मुद्रा वाला अखबार का ऐड

बाबा भली प्रकार जानते हैं कि आज भी उनके प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वाले लोगों की एक बड़ी संख्या अखबार पर निर्भर और और नियमित रूप से अखबार पढ़ती हैं. अतः अखबार में छपने वाले ऐड पर बाबा और आचार्य बालकृष्ण खुद तवज्जो देंगे. बांस की लकड़ी से बने झूले पर पतंजलि की नूडल खाते हुए बाबा और बालकृष्ण ने आपसी सहमती से फैसला किया है कि वो अखबार में ऐड के लिए कार्टून का इस्तेमाल करेंगे. ऐसा इसलिए कि दोनों अब तक भली प्रकार जान चुके हैं कि 'पिक्चर स्पीक लाउडर देन वर्ड'.

इस ऐड में, एक फ्रेम में तीन कार्टून होंगे और दृश्य एक एटीएम का होगा. गार्ड, बाबा रामदेव की कम्पनी का रहेगा जो शवासन कर रहा होगा और एटीएम लूटने की फ़िराक में आया चोर जैसे ही अन्दर घुसता है उसे ये गार्ड पकड़ लेता है. कार्टून पर एक कैप्शन छपा होगा 'बाबा के गार्ड को हल्के में मत लेना, दूसरा कैप्शन होगा 'शवासन करता हुआ गार्ड सोया हुआ शेर है और जब वो उठता है तो तूफान उठता है'.

वेबसाइट में कपालभाती

बाबा वेबसाइट की महिमा से वाकिफ हैं और ये जानते हैं कि जब से डिजिटल वाली क्रांति हुई है पान वाले गुड्डू से लेकर बाल काटने वाले बिट्टू तक सबके हाथ में मुकेश का जियो आ गया है और अब ये बेफिक्र होकर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. बाबा ने चेले बालकृष्ण के साथ बैठकर फैसला किया है कि वेबसाइट के लिए वो लोग अच्छे ग्राफिक्स और वी एफएक्स वाले लोगों को हायर करेंगे और उनसे ऐड बनवएंगे. वेबसाइट के ऐड में इनका सिक्योरिटी इंचार्ज अनुलोम विलोम कर रहा होगा. इलस्ट्रेशन के जरिये ये बताया जायगा कि हर परिस्थिति में इनके गार्ड और सिक्योरिटी इंचार्ज चौकन्ने हैं और अनुलोम विलोम के पीछे का लॉजिक ये है कि इसकी आवाज सुनकर कोई भी खतरा इनके पास मंडराने से पहले 10 बार सोचेगा.

टीवी पर करना होगा सूर्यनमस्कार

बांस की लकड़ी से बने झूले पर पतंजलि की नूडल खाते हुए बाबा और बालकृष्ण टीवी वाले ऐड के लिए बहुत गंभीर दिखे और डिस्कशन के दौरान ये बात निकल के सामने आई कि भले ही अखबार और वेबसाइट में क्वालिटी से कॉम्प्रोमाइज किया जाए मगर टीवी के साथ समझौता नहीं किया जायगा. टीवी के ऐड के कलाकारों के लिए बाबा एंड कम्पनी खुद एफटीआई और एनएसडी जैसे संस्थानों में जायगी और कलाकारों का चुनाव करेगी. चुनाव पूर्णतः निष्पक्ष और योग पर आधारित होंगे जिसमें वही कलाकार सेलेक्ट होगा जो भरपेट अमृतसरी छोले कुलचे खाकर कपाल भाति, वज्रासन और शीर्षासन कर पायगा.

बात अगर टीवी पर चलने वाले ऐड की हो तो टीवी पर इसकी शुरुआत सूर्य नमस्कार से होगी. इस ऐड के जरिये ये बताया जायगा कि जिस तरह सूर्य नमस्कार भारी हार्ड वर्क की बदौलत संभव है उसी तरफ रामदेव सिक्योरिटी एजेंसी के लोगों को भी हार्ड वर्क करा कराकर तैयार किया गया है. साथ ही ऐड में ये भी बताया जायगा कि उनकी एजेंसी के गार्ड इतने फिट हैं कि यदि आईएसआईएस सरगना बगदादी जिंदा हो तो ये लोग उसे भी पकड़ के मंगवाने वाले के सामने पेश कर सकते हैं.  

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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