• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
ह्यूमर

'लाल सिंह चड्ढा' पिटने पर डिस्‍ट्रीब्यूटर्स ही नहीं, आमिर दर्शकों को भी हर्जाना दें

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 17 अगस्त, 2022 02:10 PM
  • 17 अगस्त, 2022 02:10 PM
offline
सुनने में आया है कि, लाल सिंह चड्ढा के बॉक्स ऑफिस पर पिटने के बाद, आमिर खान डिस्ट्रीब्यूटर्स को रिझाने की प्लानिंग में हैं. आमिर खान भले ही डिस्ट्रीब्यूटर्स को कम्पंसेशन देने की प्लानिंग कर रहे हों. लेकिन उसमें एक हिस्सा हम दर्शकों का भी होना चाहिए. जिन्होंने फिल्म के चक्कर में अपना समय और पैसा दोनों ख़राब किया है.

टॉम हैंक्स की क्लासिक फिल्म, फर्रेस्ट गंप को 'लाल सिंह चड्ढा' कर करीब 4 साल बाद पर्दे पर एंट्री लेने वाले आमिर खान, का कब एग्जिट हुआ? फैंस और बायकॉटिये तो छोड़िये, खुद बड़े बड़े फिल्म समीक्षक भी नहीं जानते. मतलब फिल्म जिस तरह पिटी वैसे तो थाने में कोई जेबकतरा भी मुंह से ठाएं ठाएं करने वाली यूपी पुलिस के हाथों नहीं पीटा जाता. सच में फिल्म का बड़ा बुरा हाल है.जहां जहां ये ऐतिहासिक फिलिम लगी वहां खाली पड़े पिक्चर हॉल हैं. मतलब यार आमिर खान टाइप का आदमी, जो खुद को परफेक्शनिस्ट कहता है. 180 करोड़ रुपए खर्च कर फिल्म बनाए. फिल्म अगर शुरुआती 5 दिनों में मात्र 45 करोड़ में सिमट जाए. तो भइया हर उस आदमी को टेंशन होगी, जो सिनेमा का शौक़ीन है. जिसे लाइट-कैमरा-एक्शन की समझ है. लाल सिंह चड्ढा ने डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ जो किया है उनकी नौबत अपनी अपनी दुकान मकान गिरवी रखने की आ गयी है/ लॉस ऐसा कि आदमी किसी दुश्मन के लिए भी ऐसी कामना न करे.

लाल सिंह चड्ढा के बॉक्स ऑफिस पर पिटने के बाद अब आमिर डिस्ट्रीब्यूटर्स को रिझाने की कोशिश में हैं

रिलीज से पहले तक डिस्ट्रीब्यूटर्स को इस बात का यकीन था कि, भले ही सोशल मीडिया पर 'बॉयकाट बॉलीवुड /  बॉयकाट लाल सिंह चड्ढा हैशटैग ने धार पकड़ी हो. लेकिन क्योंकि फिल्म आमिर की है और खुद आमिर फिल्म में हैं. फिल्म आग लगा देगी. वहीं जो आमिर समर्थक थे उनके भी तुर्रे कम रोचक नहीं थे. कहा तो यहां तक गया था कि आमिर भाई की फिल्म ऑस्कर मटेरियल है. बाद में जब फिल्म रिलीज हुई तो जो समर्थक थे वो भी बंद लहजे में इस बात की वकालत कर रहे थे कि जैसी फिल्म है इससे ज्यादा मजा तो इसके बॉयकाट  में आता.

चूंकि दर्शक तमाम तरह की बातों का हवाला देकर आमिर खान की फिल्म का बंटाधार कर ही चुके हैं. आमिर क सारा ध्यान डिस्ट्रीब्यूटर्स को...

टॉम हैंक्स की क्लासिक फिल्म, फर्रेस्ट गंप को 'लाल सिंह चड्ढा' कर करीब 4 साल बाद पर्दे पर एंट्री लेने वाले आमिर खान, का कब एग्जिट हुआ? फैंस और बायकॉटिये तो छोड़िये, खुद बड़े बड़े फिल्म समीक्षक भी नहीं जानते. मतलब फिल्म जिस तरह पिटी वैसे तो थाने में कोई जेबकतरा भी मुंह से ठाएं ठाएं करने वाली यूपी पुलिस के हाथों नहीं पीटा जाता. सच में फिल्म का बड़ा बुरा हाल है.जहां जहां ये ऐतिहासिक फिलिम लगी वहां खाली पड़े पिक्चर हॉल हैं. मतलब यार आमिर खान टाइप का आदमी, जो खुद को परफेक्शनिस्ट कहता है. 180 करोड़ रुपए खर्च कर फिल्म बनाए. फिल्म अगर शुरुआती 5 दिनों में मात्र 45 करोड़ में सिमट जाए. तो भइया हर उस आदमी को टेंशन होगी, जो सिनेमा का शौक़ीन है. जिसे लाइट-कैमरा-एक्शन की समझ है. लाल सिंह चड्ढा ने डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ जो किया है उनकी नौबत अपनी अपनी दुकान मकान गिरवी रखने की आ गयी है/ लॉस ऐसा कि आदमी किसी दुश्मन के लिए भी ऐसी कामना न करे.

लाल सिंह चड्ढा के बॉक्स ऑफिस पर पिटने के बाद अब आमिर डिस्ट्रीब्यूटर्स को रिझाने की कोशिश में हैं

रिलीज से पहले तक डिस्ट्रीब्यूटर्स को इस बात का यकीन था कि, भले ही सोशल मीडिया पर 'बॉयकाट बॉलीवुड /  बॉयकाट लाल सिंह चड्ढा हैशटैग ने धार पकड़ी हो. लेकिन क्योंकि फिल्म आमिर की है और खुद आमिर फिल्म में हैं. फिल्म आग लगा देगी. वहीं जो आमिर समर्थक थे उनके भी तुर्रे कम रोचक नहीं थे. कहा तो यहां तक गया था कि आमिर भाई की फिल्म ऑस्कर मटेरियल है. बाद में जब फिल्म रिलीज हुई तो जो समर्थक थे वो भी बंद लहजे में इस बात की वकालत कर रहे थे कि जैसी फिल्म है इससे ज्यादा मजा तो इसके बॉयकाट  में आता.

चूंकि दर्शक तमाम तरह की बातों का हवाला देकर आमिर खान की फिल्म का बंटाधार कर ही चुके हैं. आमिर क सारा ध्यान डिस्ट्रीब्यूटर्स को रिझाने में है. सुनने में आ रहा है कि आमिर फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए कम्पंसेशन के मॉडल पर काम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. और हां कम्पंसेशन की राशि क्या होगी? ये कैसे दिया जाएगा? किसे मिलेगा इसकी सही सही जानकारी अभी किसी को नहीं है.

वाक़ई अगर कोई आमिर के झांसे में आया और लाल सिंह चड्ढा के नाम पर अपना सबसे ज्यादा नुकसान किया तो वो फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर्स ही थे. बात अगर उनकी हालत की हो तो वहां मैटर वही है जिसके बारे में अक्सर ही हमने मुहावरों में सुना - 'काटो तो खून नहीं.' सुनने में ये भी आ रहा है कि नुकसान की भरपाई के लिए आमिर संबंधित पक्षों से बातचीत कर रहे हैं. ध्यान रहे फिल्म का व्यवसाय देश में विभिन्न कारणों से प्रभावित हुआ, जिसमें बहिष्कार की प्रवृत्ति भी शामिल है.

अब जबकि आमिर ने अपनी तरफ से इतना बड़ा फैसला कर ही लिया है. तो एक बड़ा सवाल जो हमें दिखाई दे रहा है. वो ये कि, क्या वाक़ई सारा नुकसान केवल और केवल एक फिल्म के रूप में लाल सिंह चड्ढा के डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ हुआ? क्या हम दर्शकों का नुकसान नहीं है? 

अगर मुआवजे के नाम पर आमिर खान की तरफ से बंटाई चल रही है. तो उसका एक हिस्सा हम दर्शकों को इसलिए भी मिलना चाहिए. क्योंकि इस महंगाई के दौर में फिल्म ने हमारा पैसा और टाइम दोनों ही बर्बाद किया है. लाल सिंह चड्ढा जैसी घटिया फिल्म बनाने वाले आमिर आखिर कैसे इस बात को भूल गए कि एक ऐसे समय में जब डॉलर के मुकाबले अपना भारतीय रुपया देश के नेताओं के चरित्र की तरह हर पल गिर रहा हो थियेटर जाकर फिल्म देखना It is not a childrens play. It is undertaker play.

एक्टिंग के नाम पर जैसा मजाक आमिर ने लाल सिंह चड्ढा में किया है. यकीन ही नहीं होता कि ऐसी बेवकूफी देखने के लिए हम अपने पैसे खर्च करेंगे. जैसी एक्टिंग थी आमिर लाल सिंह लगे हों या न लगे हों हां लेकिन उनमें पूरी झलक पीके की दिखी. काश इस फिल्म के लिए भी आमिर ने कुछ उसी टाइप की मेहनत की होती जैसा रूप उनका हमें दंगल में या फिर थ्री इडियट्स में या फिर रंग दे बसंती में दिखा था. 

विषय बहुत सीधा है. लाल सिंह चड्ढा ने हमारा समय बर्बाद किया है और एक बड़े अपराध को अंजाम दिया है. अब जबकि आमिर फिल्म को हुए नुक्सान को कम्पन्सेट कर रहे हैं तो उसमें एक हिस्सा हम दर्शकों का भी है.

ये भी पढ़ें -

आमिर खान सदमे में, लाल सिंह चड्ढा 50 करोड़ भी नहीं कमा पाई, अब हर्जाना मांग रहे हैं डिस्ट्रीब्यूटर!

'लाल सिंह चड्ढा' और 'रक्षा बंधन' फ्लॉप, क्या बॉलीवुड को बचा पाएंगी ये 5 बड़ी फिल्में?

बॉक्स ऑफिस पर लाल सिंह चड्ढा की नाकामी बॉलीवुड को कौन से 5 सबक सिखा रही है

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    टमाटर को गायब कर छुट्टी पर भेज देना बर्गर किंग का ग्राहकों को धोखा है!
  • offline
    फेसबुक और PubG से न घर बसा और न ज़िंदगी गुलज़ार हुई, दोष हमारा है
  • offline
    टमाटर को हमेशा हल्के में लिया, अब जो है सामने वो बेवफाओं से उसका इंतकाम है!
  • offline
    अंबानी ने दोस्त को 1500 करोड़ का घर दे दिया, अपने साथी पहनने को शर्ट तक नहीं देते
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲