newton for oscar haseena parker bhumi review

तीन फिल्म एक रिव्यू...

October 01,2017

हसीना पारकर, न्यूटन और भूमि की टक्कर में किसने बाजी मारी. जानिए इन तीनों फिल्मों का रिव्यू.

'न्यूटन' में वो लोग भी हैं जैसे हमारे देश में ज्यदातर हैं और वो भी हैं जो इस देश को बेहतर बनाने के लिये होने चाहिये, इस लिये न्यूटन जरूर देखिये और प्रगतिशील बहस करिये कि क्या होना चाहिये और क्या नहीं. कहानी की सबसे कमजोर बात ये है कि इस विषय पर अमिताभ बच्चन की 'पिंक' श्रीदेवी की 'मॉम' और रवीना टंडन की 'मातृ' पहले ही बन चुकी हैं. लेखक संदीप सिंह की कहानी में नयापन नहीं है. अभिनय के हिसाब से श्रद्धा कपूर कम उम्र की हसीना के किरदार में तो फिट बैठती हैं, लेकिन उम्रदराज़ हसीना के रोल में मिसफिट हो जाती हैं. श्रद्धा जिस तरह से डायलॉग बोल रही हैं, ऐसा बिलकुल नहीं लगता उनके गाल फूले हुए हैं.

हाल का वीडियो

और देंखे