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| 3-मिनट में पढ़ें
प्रकाश कुमार जैन
'चंपारण मटन' खूब चर्चा में है और यूं ही नहीं है...
राजनीति से परे चंपारण अच्छी बातों के लिए ही याद रखा जाए और शायद इसीलिए एक शॉर्ट फिल्म बनाई है 'पंचायत' फेम चंदन ने. फिल्म ऑस्कर के सेमीफाइनल में पहुंची भी है, विश ये ऑस्कर जीते और एक बार फिर चंपारण का नाम अंतरराष्ट्रीय फलक पर खूब सुर्खियां बटोरे.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
तो क्या संघ के सर्वे ने डाल दिए हैं पीएम मोदी के माथे पर चिंता के बल?
संघ ने अपने सर्वे में पाया है कि भाजपा के पास चुनाव जीतने के लिए इस वक्त एक ही सिंगल चेहरा है और वह हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. तय है अगर 2024 में भाजपा नरेंद्र मोदी को प्रोजेक्ट करती है तो 180 सीटें जीत सकती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो 30-35 सीटों पर सीधा नुकसान होगा.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
अशोक भाटिया
बिहार की राजनीति में क्यों अहम हुईं अगड़ी जातियां?
90 के दशक में जब मंडल-कमंडल की राजनीति ने अपने पांव फैलाए, तो देश के तमाम दूसरे राज्यों की तरह बिहार की सियासत का नक़्शा भी बदल गया. लेकिन हाल के दिनों में, बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. अचानक वहां अगड़ी जातियों की अहमियत बढ़ गई है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मुकेश कुमार गजेंद्र
@mukesh.k.gajendra
मुजरिमों पर मेहरबानी: आनंद मोहन सिंह...एक 'हत्यारे' का 'बेचारा' हो जाना
1994 में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया को सरेराह पीट-पीट कर मार डालने के आरोप में फांसी की सजा पाए आनंद मोहन सिंह का किस्सा दिलचस्प है. कैसे एक हत्यारे की फांसी को पहले आजीवन कारावास में बदला गया, और फिर सियासत की जलेबी बनाकर रिहा करवा दिया गया. राजनीतिक दलों के अपने-अपने 'लाड़ले' अपराधी रहे हैं. जिन पर समय-समय पर मेहरबानी होती रही है...
सियासत
| 2-मिनट में पढ़ें
नवीन चौधरी
@choudharynaveen
किसी भी हिंसा पर तब कहां थे? जैसे सवाल असल में अभी के अपराधों को बचाने का जरिया है!
भारत जैसे देश में आम हिंदू धार्मिक है मगर कट्टर नहीं. तब कहां थे? जैसे सवाल असल में अभी के अपराधों को बचाने का जरिया है, चाहे जो पूछे... और ये सवाल आम नागरिक की सोच को धीरे-धीरे कट्टर में बदलते हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
महिला को किस करके भागने वाले के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, यह मजाक नहीं है
इस वीडियो को देखने वाले स्तब्ध रह जा रहे हैं. दिमाग एकदम सन्न हो जाता है कि कोई ऐसा कैसे कर सकता है? हमारा तो इस बारे में सोच के ही दिमाग गिनगिना जाता है तो सोचिए पीड़ित महिला पर क्या बीत रही होगी?
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
तेजस्वी यादव कांग्रेस को बिहार में खतरा क्यों मानने लगे हैं?
महागठबंधन की पूर्णिया रैली (Mahagathbandhan Purnia Rally) और कांग्रेस (Congress) के रायपुर अधिवेशन की तारीखें टकराने की नौबत नहीं आती, अगर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के मन में कांग्रेस को लेकर कोई पूर्वाग्रह नहीं होता - लेकिन क्या ये सब मुस्लिम वोट बैंक का डर है या कुछ और भी?
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
बिहारी वायरल सिंगर को गाने का मौका देकर सोनू सूद ने उसकी किस्मत चमका दी है
बिहारी वायरल सिंगर अमरजीत जयकर के लिए सोनू सूद मसीहा बन गए हैं. उन्होंने अमरजीत को अपनी फिल्म 'फतेह' में गाने का मौका दिया है. किस्मत का चमक जाना इसे ही कहते हैं...
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
नीतीश कुमार करें तो क्या करें- आगे लालू यादव तो पीछे अमित शाह खड़े हैं!
लालू यादव (Lalu Yadav) की वापसी से पहले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) कोई काउंटर स्ट्रैटेजी सोच ही रहे होंगे कि अमित शाह (Amit Shah) की कॉल आ गयी - फोन तो बड़े मौके से ही आया है, लेकिन जेडीयू नेता की करो या मरो जैसी हालत हो गयी है.