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समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
बिंदेश्वर पाठक ने गांधी के स्वच्छता अभियान को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित किया
ब्राह्मण कुल में पैदा होकर वाल्मिकी समाज के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले और देश को सुलभ शौचालय जैसा अद्भुत सिस्टम देने वाले बिंदेश्वर पाठक सच्चे गांधीवादी थे. गांधी के लिए सफाई और स्वच्छता कार्य भारत के लिये एक महत्वपूर्ण काम था.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
हिंदुस्तान के 'टॉयलेट मैन बिंदेश्वर पाठक' छोड़ गए संसार
पाठक का स्वच्छता आंदोलन स्वच्छता सुनिश्चित करता है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को रोकता है. ग्रामीण समुदायों तक इन सुविधाओं को पहुंचाने के लिए इस तकनीक को अब दक्षिण अफ्रीका की ओर भी बढ़ा दिया है. ऐसे व्यक्ति का यूं चले जाना, निश्चित रूप से बड़ा अघात है. उनके न रहने की क्षति को कोई पूरा नहीं कर सकता.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
अमरपाल सिंह वर्मा
@apsv70
महिलाओं मेंं टीबी के कारण बांझपन का खतरा बढ़ रहा है
पूरी दुनिया मेंं टीबी को जड़ से खत्म करने के उपाय किए जा रहे हैं, फिर भी न केवल टीबी बरकरार है बल्कि यह अन्य रोगों एवं समस्याओं का भी कारण बन रही है. टीबी के कारण महिलाओं मेंं बांझपन का खतरा बढ़ रहा है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
Seema-Sachin Love Story: सीमा की प्रेमकथा में उलझी जांच एजेंसियां
अगर सीमा हैदर पाकिस्तान की जासूस निकली तो इसके पीछे भारतीय खूफिया तंत्र की घोर लापरवाही मानी जाएगी. खूफिया एजेंसियों को छोड़ो, स्थानीय पुलिस और राज्य सरकार को भी भनक नहीं हुई. जैसे हाल हैं यूपी पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों, लोकल इंटेलिजेंस और पुलिसिंग बीट के लिए सीमा की कहानी किसी भंयकर सिर दर्द से कम नहीं है.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
प्रकाश कुमार जैन
@prakash.jain.5688
विपक्षी गठबंधन का नामकरण 'INDIA' करना भारत के साथ धोखा है
बीजेपी के पास I.N.D.I.A. के लिए INDIA (इंडिया) के विमर्श को औपनिवेशिक मानसिकता करार देते हुए धराशायी करने की कूवत है - 'उत्तरं यत्तस्मुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम, वर्ष तद भारतं नाम भारती संततिः!'
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
अनु रॉय
@anu.roy.31
सीमा हैदर: हर चश्मे से अलग-अलग दिखाई देती है एक ही औरत
आपके लिए सीमा हैदर अली और क्या हैं? बताइए? क्या आपको भी लगता है औरतें चाहे पाकिस्तानी हों या हिंदुस्तानी, अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़िंदगी के फ़ैसले लेती है तो उसकी ज़िंदगी उसकी नहीं हो कर टीआरपी और चटखारेदार खबर हो जाती है!
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
अमित पांडेय
आपबीती: दिल्ली मेट्रो की इस 'नाइंसाफी' से पुरुष समाज आहत है!
हम इस बात को नकार नहीं सकते कि उत्पीड़न का सबसे ज़्यादा शिकार इस समाज में महिलाएं होती हैं, और यह सच है, लेकिन यह भी गलत नहीं है कि महिलाएं अपनी आवाज समय-समय पर उठाती रहती हैं. उनके साथ लोग जुड़ भी जाते है, लेकिन पुरुषों के साथ ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है जब कोई पुरुष अपने लिए आवाज उठाता है या लोग उसका साथ देते हैं.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
सैयद तौहीद
इंटरनेट आज के विद्यार्थी की जरूरत, लेकिन वहां भी जलवा इंटरटेनमेंट मीडिया का है!
इंटरनेट दुनिया के हर कोने में उपयोगी जानकारियां उपलब्ध कराने की क्रांतिकारी तकनीक है. इसके जरिए लोग किसी भी जानकारी को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं. उसका आदान-प्रदान कर सकते हैं. यह भी जानना होगा क्यों इंटरनेट का दुरुपयोग हो रहा.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
vinaya.singh.77
@vinaya.singh.77
तो क्या अब ये मान लिया जाए जनसंख्या विस्फोट के मुहाने पर खड़ा हो गया है भारत?
आज जैसे हालात हैं न सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण करने वालों को प्रोत्साहन देने की जरुरत है, बल्कि जो इसके विपरीत व्यवहार करे उसे दण्डित करने की भी जरुरत है. आखिर इस प्रकृति पर पेड़ पौधों, जानवरों और पक्षियों का भी उतना ही हक़ है जितना हम इंसानों का.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
डॉ. सौरभ मालवीय
@DrSourabhMalviya
New Academic Session 2023-24: नए शिक्षा सत्र का यूं करें अभिनंदन
बच्चे ग्रीष्मकालीन अवकाश की वर्ष भर प्रतीक्षा करते हैं, क्योंकि इसमें उन्हें सबसे अधिक दिनों का अवकाश प्राप्त होता है. बच्चों के लिए ग्रीष्म कालीन अवकाश किसी पर्व से कम नहीं होता. इस समयावधि में उन्हें कोई चिंता नहीं होती अर्थात उन्हें न तो प्रात:काल में शीघ्र उठकर विद्यालय जाने की चिंता होती है और न ही गृहकार्य करने की कोई चिंता होती है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आनंद प्रधान
Book Review: एक सूरज स्याह सा: अन्तर्मन की कहानियां
Ek Suraj Syah Sa Book Review : 'एक सूरज स्याह सा: अन्तर्मन की कहानियां' किताब उन घर-परिवारों की कहानियां अपने में समेटे है जहां महिला किरदार अदृश्य नहीं हैं और चुपचाप एक बड़े बदलाव को रच-गढ़ रही हैं.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल बने इंडिया में रहकर और अब चल दिए विदेश बसने !
वजहें बिज़नेस की लिगलिटी हो सकती है, पर्सनल लाइफ में लोगों की ताका झांकी भी हो सकती है और संभावित प्रवासी का सेक्सुअल ओरिएंटेशन भी हो सकता है. चूंकि अब सुपर रिच है, वह अन्य प्राथमिकताओं के लिए फॉरेन सिटी में बसना अफ़ोर्ड कर सकता है.