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7 हथियार, जो बेंगलुरु जैसे हालात में रक्षा करेंगे

    • ऑनलाइन एडिक्ट
    • Updated: 06 जनवरी, 2017 05:57 PM
  • 06 जनवरी, 2017 05:57 PM
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आज आलम ये है कि शाम को काम के बाद घर लौटते समय असहज सा महसूस होने लगता है. अगर सुरक्षित रहना है तो बीड़ा भी खुद ही उठाना पड़ेगा. महिलाओं की सुरक्षा के लिए ये तरीके काम आ सकते हैं.

पोर्टेबल चाकू, मिर्ची पाउडर आदि तो आम बात है, लेकिन आजकल जब सभी हाईटेक हो रहे हैं तो अपनी सुरक्षा के लिए खुद को भी हाईटेक होना पड़ेगा. बेंगलुरु, दिल्ली और अन्य शहर भारत में आए दिन बढ़ती घटनाएं ये समझाती हैं कि अब महिलाएं कितनी सुरक्षित रह गई हैं. घर हो या बाहर हर तरफ मानवता का विभत्स चेहरा देखने को मिलता है. आज आलम ये है कि शाम को काम के बाद घर लौटते समय असहज सा महसूस होने लगता है. इसी डर से सुरक्षा से जुड़ी कुछ जानकारी हासिल करने लगी. इसी बहाने कुछ ऐसी जानकारी मिली जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए अहम हो सकती है..

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1. स्टन गन-

स्टन गन एक ऐसा छोटा डिवाइस होता है जिसकी मदद से टारगेट को छोटा इलेक्ट्रिक शॉक दिया जा सकता है. नजदीकी स्टोर से लेकर ऑनलाइन स्टोर तक ये आसानी से मिल जाएगी. स्टन गन का इस्तेमाल आपातकाल में किया जा सकता है. एक आम स्टन गन आपको 500 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक में मिल सकती है. अगर आप रात में कहीं आना जाना कर रही हैं तो ये सुरक्षा के लिए एक अच्छा साधन साबित हो सकती है. स्टन गन जैसा ही काम टीजर भी करते हैं.

स्टन गन का इस्तेमाल काफी आसान होता है.

2. पोर्टेबल सिक्युरिटी अलार्म-

पोर्टेबल सिक्युरिटी अलार्म लोगों को इकट्ठा करने के हिसाब से एक अच्छा साधन है. ऑनलाइन स्टोर्स पर ये आपको 200 रुपए तक में भी मिल जाएगा. इस अलार्म की खास बात ये...

पोर्टेबल चाकू, मिर्ची पाउडर आदि तो आम बात है, लेकिन आजकल जब सभी हाईटेक हो रहे हैं तो अपनी सुरक्षा के लिए खुद को भी हाईटेक होना पड़ेगा. बेंगलुरु, दिल्ली और अन्य शहर भारत में आए दिन बढ़ती घटनाएं ये समझाती हैं कि अब महिलाएं कितनी सुरक्षित रह गई हैं. घर हो या बाहर हर तरफ मानवता का विभत्स चेहरा देखने को मिलता है. आज आलम ये है कि शाम को काम के बाद घर लौटते समय असहज सा महसूस होने लगता है. इसी डर से सुरक्षा से जुड़ी कुछ जानकारी हासिल करने लगी. इसी बहाने कुछ ऐसी जानकारी मिली जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए अहम हो सकती है..

ये भी पढ़ें- बैंगलोर की सॉफ्टवेयर इंजीनियर लड़कियां बदचलन नहीं होतीं !

1. स्टन गन-

स्टन गन एक ऐसा छोटा डिवाइस होता है जिसकी मदद से टारगेट को छोटा इलेक्ट्रिक शॉक दिया जा सकता है. नजदीकी स्टोर से लेकर ऑनलाइन स्टोर तक ये आसानी से मिल जाएगी. स्टन गन का इस्तेमाल आपातकाल में किया जा सकता है. एक आम स्टन गन आपको 500 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक में मिल सकती है. अगर आप रात में कहीं आना जाना कर रही हैं तो ये सुरक्षा के लिए एक अच्छा साधन साबित हो सकती है. स्टन गन जैसा ही काम टीजर भी करते हैं.

स्टन गन का इस्तेमाल काफी आसान होता है.

2. पोर्टेबल सिक्युरिटी अलार्म-

पोर्टेबल सिक्युरिटी अलार्म लोगों को इकट्ठा करने के हिसाब से एक अच्छा साधन है. ऑनलाइन स्टोर्स पर ये आपको 200 रुपए तक में भी मिल जाएगा. इस अलार्म की खास बात ये है अगर आप किसी अकेले रास्ते पर चल रहे हैं और अलार्म के बटन को प्रेस करते हैं तो बहुत तेज आवाज के साथ अलार्म बजता है. इससे भीड़ इकट्ठा की जा सकती है. इसी के साथ सेफ्टी की-चेन भी आती हैं जिसमें अलार्म से लेकर पोर्टेबल हथियार जैसे चाकू आदि भी हो सकते हैं.

 पोर्टेबल सिक्योरिटी अलार्म और सिक्योरिटी की-चेन आसानी से आपको ऑनलाइन स्टोर पर मिल जाएंगे

3. एप्स-

निर्भया एप, सेफ्टी पिन एप, रक्षा एप, शेक टू सेफ्टी जैसे कई एप्स हैं जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं. ये एप्स आपातकाल में आपके काम आएंगे. किसी भी इमर्जेंसी में इन एप्स का उपयोग करने से चुने हुए नंबरों पर मैसेज, लोकेशन के साथ पहुंच जाएगा.

4. निर्भीक/ निडर गन-

महिलाओं के लिए पर्सनल गन भी बनी है. एक निर्भीक और एक निडर. दोनों गन हल्की हैं और आसानी से किसी पर्स में ले जाई जा सकती हैं. निडर गन की कीमत 37000 है और निर्भीक जो कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर द्वारा बनाई गई है आपको 1.5 लाख रुपए में मिलेगी.

 निर्भीक गन निर्भया कांड के बाद बनाई गई है. इसका वजन सिर्फ 500 ग्राम है

5. इलेक्ट्रिक रॉड-

स्टन गन की तरह ही ये इलेक्ट्रिक रॉड पोर्टेबल है. फोल्ड होकर आपके पर्स में रखी जा सकती है. आपातकाल में इस रॉड को अगर किसी की स्किन पर टच किया जाए तो उसे इलेक्ट्रिक शॉक लगेगा. ये काफी दर्दभरा हो सकता है. ये रॉड काफी काम का डिवाइस साबित हो सकती है.

 स्टन गन की तरह ही ये इलेक्ट्रिक रॉड है जिसका शॉक ज्यादा तेज लगता है

6. पेपर (Pepper) स्प्रे-

अपनी सुरक्षा के लिए आसानी से अपने साथ रखा जा सकता है. इसका इस्तेमाल करते समय ध्यान रखिए कि कहीं आपकी आंखों में ये ना चला जाए. पेपर स्प्रे का इस्तेमाल कर किसी आपातकाल से बचा जा सकता है.

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7. लेजर टॉर्च-

लेजर टॉर्च भी एक तरह का सुरक्षा डिवाइस है. किसी की आंखों में इसकी लाइट पड़ने पर कुछ सेकंड्स के लिए आंखों के आगे अंधेरा सा छा जाता है. लेजर टॉर्च का इस्तेमाल करने वाले तो तुरंत ही एक्शन लेना होगा नहीं तो इसका कोई फायदा नहीं रहेगा.

 लेजर टॉर्च का असर सिर्फ कुछ सेकंड तक ही रहता है.

कुल मिलाकर अपनी सुरक्षा अपने ही हाथ है बहनो. लोगों का क्या है वो सिर्फ बातें ही करेंगे. नेता सिर्फ बेतुके बयान देंगे, पुलिस सिर्फ कानाफूसी ही करेगी और अंत में दोष महिलाओं को दे दिया जाएगा. उम्मीद करती हूं कि ये जानकारी किसी के काम आएगी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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