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रवि शास्त्री से ज्यादा दिलचस्प है जहीर और द्रविड का चयन

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 12 जुलाई, 2017 10:18 PM
  • 12 जुलाई, 2017 10:18 PM
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रवि शास्त्री के साथ बीसीसीआई की सीएसी टीम ने जहीर को बॉलिंग तो द्रविड को बेटिंग कोच बनाया है. लेकिन शास्त्री से ज्यादा टीम इंडिया में इन दो पूर्व दिग्गजों का रहना दिलचस्प लगता है.

टीम इंडिया को नया कोच मिल चुका है. वो भी कप्तान विराट कोहली का पसंदीदा. शास्त्री अब 2019 वर्ल्ड कप तक टीम इंडिया के साथ होंगे. लेकिन कोहली की मनमानी के बीच क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (CAC) ने जहीर खान को बॉलिंग कोच और राहुल द्रविड को बैटिंग कोच बनाया है.

जो टीम इंडिया को सही ट्रेक पर रखेंगे. वो इसलिए क्योंकि सीएसी के मेंबर सौरव गांगुली को शास्त्री के कोच बनने से एतराज था. या ये कहें कि शास्त्री के व्यक्तित्व को देखते हुए उन्होंने जहीर और द्रविड को बैटिंग और बॉलिंग कोच बनाया जिनको लीजेंट्स माना जाता है और सबसे फोकस खिलाड़ियों में इनकी गिनती होती है. कोचिंग डिपार्टमेंट में ये दो नाम जोड़कर सीएसी ने शास्त्री को भी चिंता में डाल दिया होगा.

शास्त्री जहां हेड कोच होंगे वहीं जहीर खान टीम इंडिया के गेंदबाजों को बॉलिंग के नए पेंच सिखाएंगे. वहीं द वॉल नाम से पहचाने जाने वाले द्रविड विदेशों में टीम का साथ देंगे. शास्त्री जहां सोच रहे थे कि कोच बनते ही टीम इंडिया पर पूरा हक उनका ही होगा. वो सीएसी ने पूरा तो नहीं पर हां थोड़ा बहुत छीन लिया है. अब प्रेक्टिस सेशन के दौरान शास्त्री ही नहीं द्रविड और जहीर भी होंगे. कामयाबी मिलेगी तो पूरा क्रेडिट शास्त्री को नहीं बल्कि बॉलिंग और बेटिंग कोच को भी जाएगा.

एक बाद माननी पड़ेगी कि सीएसी ने एक तीर से दो निशाने किए हैं. एक तो कोहली को पसंद का कोच मिल गया वहीं दूसरी तरह सीएसी ने अपनी पसंद के खिलाड़ियों को भी टीम इंडिया के साथ जोड़ दिया. द्रविड जो जूनियर टीम इंडिया के कोच हैं और उनकी कोचिंग में जूनियर टीम कमाल कर रही है. वहीं जहीर खान को वैसे तो कोचिंग का अनुभव नहीं है लेकिन वो आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान के साथ-साथ मेंटर भी हैं. जिसकी बदौलत इस बार दिल्ली ने अच्छा परफॉर्म किया.

टीम इंडिया को नया कोच मिल चुका है. वो भी कप्तान विराट कोहली का पसंदीदा. शास्त्री अब 2019 वर्ल्ड कप तक टीम इंडिया के साथ होंगे. लेकिन कोहली की मनमानी के बीच क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (CAC) ने जहीर खान को बॉलिंग कोच और राहुल द्रविड को बैटिंग कोच बनाया है.

जो टीम इंडिया को सही ट्रेक पर रखेंगे. वो इसलिए क्योंकि सीएसी के मेंबर सौरव गांगुली को शास्त्री के कोच बनने से एतराज था. या ये कहें कि शास्त्री के व्यक्तित्व को देखते हुए उन्होंने जहीर और द्रविड को बैटिंग और बॉलिंग कोच बनाया जिनको लीजेंट्स माना जाता है और सबसे फोकस खिलाड़ियों में इनकी गिनती होती है. कोचिंग डिपार्टमेंट में ये दो नाम जोड़कर सीएसी ने शास्त्री को भी चिंता में डाल दिया होगा.

शास्त्री जहां हेड कोच होंगे वहीं जहीर खान टीम इंडिया के गेंदबाजों को बॉलिंग के नए पेंच सिखाएंगे. वहीं द वॉल नाम से पहचाने जाने वाले द्रविड विदेशों में टीम का साथ देंगे. शास्त्री जहां सोच रहे थे कि कोच बनते ही टीम इंडिया पर पूरा हक उनका ही होगा. वो सीएसी ने पूरा तो नहीं पर हां थोड़ा बहुत छीन लिया है. अब प्रेक्टिस सेशन के दौरान शास्त्री ही नहीं द्रविड और जहीर भी होंगे. कामयाबी मिलेगी तो पूरा क्रेडिट शास्त्री को नहीं बल्कि बॉलिंग और बेटिंग कोच को भी जाएगा.

एक बाद माननी पड़ेगी कि सीएसी ने एक तीर से दो निशाने किए हैं. एक तो कोहली को पसंद का कोच मिल गया वहीं दूसरी तरह सीएसी ने अपनी पसंद के खिलाड़ियों को भी टीम इंडिया के साथ जोड़ दिया. द्रविड जो जूनियर टीम इंडिया के कोच हैं और उनकी कोचिंग में जूनियर टीम कमाल कर रही है. वहीं जहीर खान को वैसे तो कोचिंग का अनुभव नहीं है लेकिन वो आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स के कप्तान के साथ-साथ मेंटर भी हैं. जिसकी बदौलत इस बार दिल्ली ने अच्छा परफॉर्म किया.

अपने साथ दो और कोच की खबर सुनकर शास्त्री भले ही ये सोच रहे होंगे कि आखिर उन पर कैसे ये चाल चली गई. लेकिन एक बात तो साफ है विराट कोहली भले ही शास्त्री को बेस्ट मानते हों, लेकिन सीएसी ने कुछ अलग ही प्लान बनाकर अपने बेस्ट चॉइज को टीम इंडिया को चमकाने के लिए भेज दिया है. अब ये देखना होगा कि आगे टीम इंडिया में किसको सबसे ज्यादा तवज्जो मिलती है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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