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क्या सिंधू के ओलंपिक में इतिहास रचने से उनके ब्रांड वैल्यू में इजाफा होगा?

    • जगत सिंह
    • Updated: 20 अगस्त, 2016 04:34 PM
  • 20 अगस्त, 2016 04:34 PM
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सिंधू गोल्ड तो नहीं जीत पाईं लेकिन उन्होंने एक सनसनी जरूर पैदा कर दी है. जाहिर है, सायना के बाद वो दूसरी बड़ी महिला बैटमिंटन खिलाड़ी के रूप में उभरने जा रही है. अब बाजार की भी नजर उन पर होगी और इसका सीधा असर उनके ब्रैंड वैल्यू पर पड़ेगा.

पीवी सिंधू ने रियो ओलंपिक में न केवल सिल्वर मेडल पर कब्ज़ा किया बल्कि उन्होंने भारत के इतिहास की सबसे कम उम्र एवं सफलतम महिला एथलीट होने का तमगा भी हासिल कर लिया है. हालांकि, वे रियो ओलंपिक के फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मारिन से हार गईं पर अपने खेल और खेल भावना से न केवल भारत को गौरवान्वित किया बल्कि सभी को मंत्रमुग्ध भी कर दिया.

वैसे तो खेल कभी भी भारत में बहुत प्रतिष्ठा की बात नहीं रही है और न ही भारतीय मानसिकता इसके लिए तैयार रही है, जो आज भारत में खेलों की दुर्दशा के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है. लेकिन भारत की खेलों की नई यूथ आइकॉन बन चुकी सिंधू पर पैसों की बारिश शुरू हो गयी है. पर हमें खेलों के प्रति अपने सोच में भी बदलाव की जरूरत है.

यह भी पढ़ें- शुक्रिया गोपी! लड़ना सिखाने के लिए...

सिंधू गोल्ड तो नहीं जीत पाईं लेकिन अपने खेल से उन्होंने एक सनसनी जरूर पैदा कर दी है. जाहिर है, सायना नेहवाल के बाद वो दूसरी बड़ी महिला बैटमिंटन खिलाड़ी के रूप में उभरने जा रही है. इसलिए भारत में अपने ब्रैंड्स को प्रमोट करने वालों और अपने उत्पाद के लिए भारत को बाजार बनाने तथा नौजवान पीढ़ी को लुभाने के लिए अब एक नया नाम सुर्खियों में होगा-पीवी सिंधू का. जब बाजार की नजर उन पर होगी और इसका सीधा असर उनके ब्रैंड वैल्यू पर भी पड़ेगा.

ब्रैंड वैल्यू में होगा इजाफा!

आज की तारीख में पीवी सिंधू का ब्रैंड वैल्यू 25 से 30 लाख के आस पास है, जो उम्मीद है कि करीब 1 करोड़ प्रति ब्रैंड तक हो जायेगा. फिर भी ये सानिया मिर्जा और सायना नेहवाल के 1.25 करोड़ से कम ही होगा. पर सिंधु को मिलने वाली कीमत, दूसरे कुछ और भारतीय महिला एथलीटों जैसे साक्षी मालिक, मैरी कॉम, दीपिका पल्लीकल से ज्यादा होगा.

पीवी सिंधू ने रियो ओलंपिक में न केवल सिल्वर मेडल पर कब्ज़ा किया बल्कि उन्होंने भारत के इतिहास की सबसे कम उम्र एवं सफलतम महिला एथलीट होने का तमगा भी हासिल कर लिया है. हालांकि, वे रियो ओलंपिक के फाइनल में दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मारिन से हार गईं पर अपने खेल और खेल भावना से न केवल भारत को गौरवान्वित किया बल्कि सभी को मंत्रमुग्ध भी कर दिया.

वैसे तो खेल कभी भी भारत में बहुत प्रतिष्ठा की बात नहीं रही है और न ही भारतीय मानसिकता इसके लिए तैयार रही है, जो आज भारत में खेलों की दुर्दशा के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है. लेकिन भारत की खेलों की नई यूथ आइकॉन बन चुकी सिंधू पर पैसों की बारिश शुरू हो गयी है. पर हमें खेलों के प्रति अपने सोच में भी बदलाव की जरूरत है.

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सिंधू गोल्ड तो नहीं जीत पाईं लेकिन अपने खेल से उन्होंने एक सनसनी जरूर पैदा कर दी है. जाहिर है, सायना नेहवाल के बाद वो दूसरी बड़ी महिला बैटमिंटन खिलाड़ी के रूप में उभरने जा रही है. इसलिए भारत में अपने ब्रैंड्स को प्रमोट करने वालों और अपने उत्पाद के लिए भारत को बाजार बनाने तथा नौजवान पीढ़ी को लुभाने के लिए अब एक नया नाम सुर्खियों में होगा-पीवी सिंधू का. जब बाजार की नजर उन पर होगी और इसका सीधा असर उनके ब्रैंड वैल्यू पर भी पड़ेगा.

ब्रैंड वैल्यू में होगा इजाफा!

आज की तारीख में पीवी सिंधू का ब्रैंड वैल्यू 25 से 30 लाख के आस पास है, जो उम्मीद है कि करीब 1 करोड़ प्रति ब्रैंड तक हो जायेगा. फिर भी ये सानिया मिर्जा और सायना नेहवाल के 1.25 करोड़ से कम ही होगा. पर सिंधु को मिलने वाली कीमत, दूसरे कुछ और भारतीय महिला एथलीटों जैसे साक्षी मालिक, मैरी कॉम, दीपिका पल्लीकल से ज्यादा होगा.

 पीवी सिंधू की ब्रैंड वैल्यू में होगा इजाफा.. 

अगर देखा जाये तो भारत में बड़े ब्रांड एम्बेसडर होने की कुछ शर्तों में फ़िल्मी सुपरस्टार होना और बड़ा क्रिकेट खिलाडी होना ही जरूरी रहा है. अगर हम तुलनात्मक दृष्टि से देखें तो बड़े भारतीय क्रिकेटर और फिल्म स्टार्स के बाजार भाव आज भी 8 से 15 करोड़ तक हैं, जिसकी तुलना में दूसरे प्रसिद्ध खिलाडियों की वैल्यू काफी काम है .

भारत की नई सनसनी पीवी सिंधू की अभी उम्र 21 साल ही है. लिहाजा, देश तथा बैडमिंटन को उनसे काफी उम्मीद भी है. इसलिए उम्मीद कीजिए कि ऐसे खिलाड़ी जल्द ही देश का बाजार बदल देंगे. और इससे दूसरे खेलों और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान भी उसी ऊंचाई पर होगा जहां आज क्रिकेट है.

भारत की नई यूथ आइकॉन सिंधू को देश का सलाम!

यह भी पढ़ें- ओलंपिक में एक-दो मेडल से कब तक संतोष करता रहेगा भारत?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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