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ऑस्ट्रेलिया में भी माने गए सचिन महान...

    • चंदन कुमार
    • Updated: 26 जून, 2015 02:15 PM
  • 26 जून, 2015 02:15 PM
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आपने जिसकी धुनाई की हो, वही आपकी तारीफ करे, आपका फैन बन जाए, यह बिड़ले ही देखने को मिलता है. लेकिन सचिन कहां आम हैं! ऑस्ट्रेलियन ने मान ही लिया कि सचिन टेस्ट में बेस्ट हैं.

शेन वॉर्न को सपने में सचिन तेंदुलकर आगे बढ़कर छक्का मारते हुए दिखते थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1998 की शारजाह सीरिज में तेज गेंदबाजों की धुनाई कौन भुला सकता है? यह हमारे लिए सुखद था और रहेगा भी, लेकिन ऑस्ट्रेलियन के लिए यह एक बुरा स्वप्न से कम नहीं. सिर्फ वनडे में ही नहीं, टेस्ट में भी सचिन ने ऑस्ट्रेलिया को जम कर धोया है. अब उसी ऑस्ट्रेलिया ने सचिन को 21वीं सदी का सबसे महान क्रिकेटर चुना है. आखिर क्यों? आंकड़े देखें, खुद जान जाएंगे.

1990 के बाद से अब तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में सचिन का आंकड़ा सबसे ऊपर है. सचिन 29 टेस्ट में 56.08 की औसत से 2748 रन बनाए हैं. 10 शतक और 11 अर्द्धशतक के साथ. ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर उसी के खिलाफ खेलते हुए भी सचिन का रिकॉर्ड शानदार है. औसत के मामले में वह सहवाग के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं लेकिन रनों के मामले में वह दूसरों से मीलों आगे हैं. ऑस्ट्रेलिया में सचिन मे 16 टेस्ट खेले हैं, जिनमें 58.53 की औसत के साथ 1522 रन बनाए हैं. 6 शतक और 5 अर्द्धशतक के साथ.   

गौर करने लायक बात यह है कि तेंदुलकर का औसत ऑस्ट्रेलिया में उनके भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ औसत से बेहतर है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए गए कुल 10 शतकों में 6 उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ही बनाए हैं, जबकि भारत में सिर्फ 4 ही.

अब जरा आंकड़ों से परे हट कर देखें. इसमें कोई दो राय नहीं कि तेंदुलकर के समय में ऑस्ट्रेलिया के पास दुनिया की सबसे अच्छी बॉलिंग स्ट्रेंथ रही. इसके बावजूद तेंदुलकर ने न सिर्फ अपने शुरुआती ऑस्ट्रेलियाई दौरे में दो शतक जड़े, बल्कि अपने रिटायरमेंट तक हर एक दौरे पर जम कर स्ट्रोक खेले. लगातार 20 साल तक. यह सचिन के क्रिकेटिंग स्किल का करिश्मा ही था कि जब वह ऑस्ट्रेलियन मैदान पर उतरते तब भी लोग उनका खड़े होकर स्वागत करते और जब आउट होकर लौटते, तब भी लोग खड़े होकर विदाई देते.        

दरअसल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक ऑनलाइन पोल के जरिए 21वीं सदी के 100 महान खिलाड़ियों का चयन किया,...

शेन वॉर्न को सपने में सचिन तेंदुलकर आगे बढ़कर छक्का मारते हुए दिखते थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1998 की शारजाह सीरिज में तेज गेंदबाजों की धुनाई कौन भुला सकता है? यह हमारे लिए सुखद था और रहेगा भी, लेकिन ऑस्ट्रेलियन के लिए यह एक बुरा स्वप्न से कम नहीं. सिर्फ वनडे में ही नहीं, टेस्ट में भी सचिन ने ऑस्ट्रेलिया को जम कर धोया है. अब उसी ऑस्ट्रेलिया ने सचिन को 21वीं सदी का सबसे महान क्रिकेटर चुना है. आखिर क्यों? आंकड़े देखें, खुद जान जाएंगे.

1990 के बाद से अब तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में सचिन का आंकड़ा सबसे ऊपर है. सचिन 29 टेस्ट में 56.08 की औसत से 2748 रन बनाए हैं. 10 शतक और 11 अर्द्धशतक के साथ. ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर उसी के खिलाफ खेलते हुए भी सचिन का रिकॉर्ड शानदार है. औसत के मामले में वह सहवाग के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं लेकिन रनों के मामले में वह दूसरों से मीलों आगे हैं. ऑस्ट्रेलिया में सचिन मे 16 टेस्ट खेले हैं, जिनमें 58.53 की औसत के साथ 1522 रन बनाए हैं. 6 शतक और 5 अर्द्धशतक के साथ.   

गौर करने लायक बात यह है कि तेंदुलकर का औसत ऑस्ट्रेलिया में उनके भारत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ औसत से बेहतर है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए गए कुल 10 शतकों में 6 उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में ही बनाए हैं, जबकि भारत में सिर्फ 4 ही.

अब जरा आंकड़ों से परे हट कर देखें. इसमें कोई दो राय नहीं कि तेंदुलकर के समय में ऑस्ट्रेलिया के पास दुनिया की सबसे अच्छी बॉलिंग स्ट्रेंथ रही. इसके बावजूद तेंदुलकर ने न सिर्फ अपने शुरुआती ऑस्ट्रेलियाई दौरे में दो शतक जड़े, बल्कि अपने रिटायरमेंट तक हर एक दौरे पर जम कर स्ट्रोक खेले. लगातार 20 साल तक. यह सचिन के क्रिकेटिंग स्किल का करिश्मा ही था कि जब वह ऑस्ट्रेलियन मैदान पर उतरते तब भी लोग उनका खड़े होकर स्वागत करते और जब आउट होकर लौटते, तब भी लोग खड़े होकर विदाई देते.        

दरअसल क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक ऑनलाइन पोल के जरिए 21वीं सदी के 100 महान खिलाड़ियों का चयन किया, जिसमें सबसे ज्यादा वोट सचिन तेंदुलकर को मिले हैं. लगभग 16000 लोगों की वोटिंग में से 23 प्रतिशत वोट लेकर सचिन सबसे पसंदीदा टेस्ट खिलाड़ी चुने गए. श्रीलंका के कुमार संगाकारा दूसरे नंबर पर रहे, जबकि तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट रहे. इस सूची के टॉप 10 में सचिन के अलावा कोई भी भारतीय खिलाड़ी जगह नहीं बना पाए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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