• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
स्पोर्ट्स

फुटबॉलर अश्विन के बॉलर बनने की कहानी दिलचस्‍प है

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 13 फरवरी, 2017 01:29 PM
  • 13 फरवरी, 2017 01:29 PM
offline
क्या आपको पता है सबसे तेज 250 विकेट लेने वाले अश्विन कभी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे. एक फुटबॉल मैच की वजह से उनको फुटबॉल से दूर कर दिया और जिसके बाद उन्होंने क्रिकेट का रुख किया.

क्या आपको पता है सबसे तेज 250 विकेट लेने वाले अश्विन कभी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे. स्कूल के दिनों में वो फुटबॉल की वजह से फेमस थे, लेकिन एक फुटबॉल मैच ने उनको क्रिकेटर बना दिया. जी हां, 1997 में उनके स्कूल में फुटबॉल मैच हुआ था और उस दिन वो स्पोर्ट्स शूज की जगह नए लेदर शूज पहनकर स्कूल चले गए. मैच में उनका होना जरूरी था. नए लेदर के साथ उन्होंने फुटबॉल मैच खेला. मैच में 88 मिनट तक तो उन्होंने बिना शूज खराब किए छाती और सिर से बॉल को मारते रहे, मैच का स्कोर उस वक्त 1-1 था. तब ही मैच के आखिर में उनकी टीम को पेनाल्टी शूट आउट मिला. यानी मैच जीतने का सुनहरा मौका. सबने बॉल को किक करने में एक्सपर्ट अश्विन की ओर देखा और अश्विन ने अपने नए शूज को. मैच में अश्विन पेनाल्टी शूट आउट करने में नाकाम रहे और मैच ड्रॉ रहा. इसके बाद उन्होंने फुटबॉल को टाटा बाय-बाय करने का फैसला लिया और फिर उन्होंने क्रिकेट का रुख किया और इसका रिजल्ट आज सब जानते हैं.

लगातार बॉलिंग से नए-नए रिकॉर्ड बनाने वाले अश्विन ने अब एक और इतिहास रचा है. अश्विन टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 250 विकेट लेने वाले बॉलर बन गए हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में ऐसे ही इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स...

कभी ओपनर बैट्समैन हुआ करते थे अश्विन, एक चोट ने बना दिया बॉलर

अश्विन ओपनर के तौर पर बैटिंग करने उतरते थे. अश्विन जूनियर टीम में टॉप क्लास के ओपनर थे. 14 साल की उम्र में अश्‍विन को चोट लगी, जिससे कारण बैट्समैन बनने का सपना थोड़ा पीछे रह गया. इस चोट के कारण अश्विन 2 महीने तक बिस्तर पर थे. चोट के कारण 8 महीने वह क्रिकेट से दूर रहे. ठीक होने के बाद जब...

क्या आपको पता है सबसे तेज 250 विकेट लेने वाले अश्विन कभी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे. स्कूल के दिनों में वो फुटबॉल की वजह से फेमस थे, लेकिन एक फुटबॉल मैच ने उनको क्रिकेटर बना दिया. जी हां, 1997 में उनके स्कूल में फुटबॉल मैच हुआ था और उस दिन वो स्पोर्ट्स शूज की जगह नए लेदर शूज पहनकर स्कूल चले गए. मैच में उनका होना जरूरी था. नए लेदर के साथ उन्होंने फुटबॉल मैच खेला. मैच में 88 मिनट तक तो उन्होंने बिना शूज खराब किए छाती और सिर से बॉल को मारते रहे, मैच का स्कोर उस वक्त 1-1 था. तब ही मैच के आखिर में उनकी टीम को पेनाल्टी शूट आउट मिला. यानी मैच जीतने का सुनहरा मौका. सबने बॉल को किक करने में एक्सपर्ट अश्विन की ओर देखा और अश्विन ने अपने नए शूज को. मैच में अश्विन पेनाल्टी शूट आउट करने में नाकाम रहे और मैच ड्रॉ रहा. इसके बाद उन्होंने फुटबॉल को टाटा बाय-बाय करने का फैसला लिया और फिर उन्होंने क्रिकेट का रुख किया और इसका रिजल्ट आज सब जानते हैं.

लगातार बॉलिंग से नए-नए रिकॉर्ड बनाने वाले अश्विन ने अब एक और इतिहास रचा है. अश्विन टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 250 विकेट लेने वाले बॉलर बन गए हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में ऐसे ही इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स...

कभी ओपनर बैट्समैन हुआ करते थे अश्विन, एक चोट ने बना दिया बॉलर

अश्विन ओपनर के तौर पर बैटिंग करने उतरते थे. अश्विन जूनियर टीम में टॉप क्लास के ओपनर थे. 14 साल की उम्र में अश्‍विन को चोट लगी, जिससे कारण बैट्समैन बनने का सपना थोड़ा पीछे रह गया. इस चोट के कारण अश्विन 2 महीने तक बिस्तर पर थे. चोट के कारण 8 महीने वह क्रिकेट से दूर रहे. ठीक होने के बाद जब अश्‍विन वापस अपनी टीम में आए, तो ओपनिंग की जगह चली गई. अश्विन इससे बहुत निराश हुए, लेकिन उनकी मां ने उन्हें पहली बार बैटिंग करने के बदले बॉलिंग करने को कहा.

चोट लगी तो इंजीनियरिंग पास कर गए अश्विन

2005 में अश्विन ने इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया. खेल और पढ़ाई दोनों का संतुलन मुश्किल हो रहा था और 2006 में रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए भी टीम में चयन हो गया. अगले साल इंजीनियरिंग छात्र अश्विन की कलाई में चोट लग गई और इस चोट की वजह से अश्विन खेल से दूर और पढ़ाई के करीब रहे और इंजीनियरिंग कर गए.

दोस्त को छोड़कर पार्क से भाग गए थे अश्विन

2001 में जब अश्विन 15 साल के थे, तो उनके स्कूल 'पद्मा शेशाद्री बाल भवन' ने पूरी क्लास को एम्यूज़मेंट पार्क घुमाने का फैसला लिया. सारे बच्चों को दो-दो बच्चों में बांट दिया. अश्विन को उनके दोस्त गौरव सिंघल के साथ पेयर किया. जब पार्क से जाने का वक्त आया तो उन्होंने अपने दोस्त गौरव सिंगल को बाथरूम में छोड़कर बस में जाकर बैठ गए और भूल गए कि उनके साथ उनका दोस्त भी था. बस में भी उनको ध्यान नहीं था कि वो अपने दोस्त को बाथरूम में छोड़ आए हैं. जब उनकी बस कोयम्बटूर आई तो उनको पता चला और अश्विन को काफी डांट पड़ी थी.

अश्विन को पसंद नहीं डम्ब शराज खेलना

डम्प शराज एक खेल है जहां एक व्यक्ति बिना बोले इशारे से फिल्म का नाम लेते हैं, वहीं दूसरे व्यक्ति को अंदाजा लगाकर सही जवाब देना पड़ता है. ये खेल स्कूल-कॉलेज में काफी फेसम हुआ करता है. वो इस खेल के मास्टर हुआ करते थे. लेकिन एक कॉम्पटीशन में नाकाम होने के कारण उनको इस खेल से नफरत सी हो गई. 2006 में अश्विन और उनके दोस्त गौरव सिंघल ऑल चेन्नई अन्ना ड्राविडा डम्ब शराज कॉम्पटीशन के फाइनल में पहुंच गए. सारे सही जवाब देते हुए वो ऐसे दौर में जा खड़े हुए जहां सिर्फ एक सही जवाब देते और वो चैम्पियन बन जाते. लेकिन गलत जवाब देकर वो दूसरे नंबर पर आए. इससे निराश होकर उन्होंने ये खेल खेलना छोड़ दिया और उन्हें इस खेल से नफरत सी हो गई.

बांग्लादेश दौरे में शाकाहारी होने के कारण छोड़ा था होटल

2015 में जब टीम इंडिया बांग्लादेश दौरे पर गई थी तो टीम को उस होटल में रखा था जहां नॉन वेज दिया जाता है. उस वक्त टीम में ईशांत शर्मा, सुरेश रैना और आर अश्विन शाकाहारी थे. BCCI ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड से दर्ख्वास्त कर होटल को बदलवाया था और टीम वहां रुकी थी जहां पीएम मोदी को रुकवाया गया. अश्विन को ऑस्ट्रेलिया दौरे में भी खाने में दिक्कत आई थी और उन्हें बाहर रेस्टॉरेंट में खाना पड़ा था.

अश्विन की बॉलीवुड स्टाइल लव लाइफ

अश्विन की प्रोफेशनल लाइफ की तरह ही पर्सनल लाइफ भी इंटरेस्टिंग है. खासकर उनकी शादी. बॉलीवुड फिल्मों की तरह उनका प्यार बचपन, कॉलेज और अब साथ रह रहा है. अश्विन और उनकी वाइफ प्रीति एक-दूसरे को बचपन से जानते थे. बचपन की दोस्ती ही प्यार में बदल गई. दोनों की एक बेटी भी है.

ये भी पढ़ें-

जब कोहली बने 'भुवन' और अश्विन बने 'कचरा'

अभी भी धोनी के अंदर से कप्तानी निकल आती है... लोग कर रहे ऐसे कमेंट्स

इसे धोनी का अंत न कहें, ये शायद एक नयी शुरुआत की तैयारी है!

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    महेंद्र सिंह धोनी अपने आप में मोटिवेशन की मुकम्मल दास्तान हैं!
  • offline
    अब गंभीर को 5 और कोहली-नवीन को कम से कम 2 मैचों के लिए बैन करना चाहिए
  • offline
    गुजरात के खिलाफ 5 छक्के जड़ने वाले रिंकू ने अपनी ज़िंदगी में भी कई बड़े छक्के मारे हैं!
  • offline
    जापान के प्रस्तावित स्पोगोमी खेल का प्रेरणा स्रोत इंडिया ही है
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲