• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
स्पोर्ट्स

क्यों सबसे बड़ा मुकाबला हार गया एक महान बॉक्सर

    • आईचौक
    • Updated: 04 मई, 2015 02:07 PM
  • 04 मई, 2015 02:07 PM
offline
दुनिया के सबसे बड़े बॉक्सिंग मुकाबले में मैन्नी पेकियाओ अपने प्रतिद्वंदी मेकवेदर से हार गए. लेकिन दुनिया का यह महान बॉक्सर आखिर क्यों हार गया?

दुनिया के सबसे बड़े बॉक्सिंग मुकाबले में मैन्नी पेकियाओ अपने प्रतिद्वंदी मेकवेदर से हार गए. लेकिन फिलिपींस के इस सबसे अमीर आदमी की हार को लेकर अब चर्चा होने लगी है. दुनिया का यह महान बॉक्सर आखिर क्यों हार गया? जानकारों का मानना है कि उनके बॉक्सर बनने के पीछे जो कहानी है उसी में उनकी हार का राज छिपा है.

मैन्नी पेकियाओ किसी भी मायने में शानदार इंसान हैं. एक शक्तिशाली इंसान जिसके घूंसे में जोरदार दम है. 39 प्रतिद्वंदी तो उन्होंने नॉक आउट किए हैं. जेब से भी भारी हैं मैन्नी पेकियाओ. $330 मिलियन से ज्यादा का इनाम जीत रखा है. समर्थकों की लम्बी तादाद है. न केवल फिलिपींस में बल्कि बाहर भी. वहाँ की संसद के सदस्य भी हैं.

मैन्नी पेकियाओ आखिर क्या नहीं करते? उनके नाम से स्टॉक एक्सचेंज बंद होते हैं, पॉप संगीत गाते हैं, राष्ट्रपति के साथ प्रार्थना सभाओं में नजर आते हैं, या उनके साथ बास्केटबॉल खेलते दिखते हैं.

लेकिन इतना बड़ा खिलाड़ी, जिसने बॉक्सिंग की दुनिया में धूम मचा रखी हो, उसके बॉक्सर होने के पीछे भी एक अजीबो-गरीब कहानी है. एक ऐसा खेल जिसमे ताकत और हिम्मत की जबरदस्त जरूरत होती है, उसके सूरमा का दिल कितना कोमल है यह उनके अतीत में जाने से ही दिखता है.

अपनी जीवनी में वे खुद लिखते हैं, कि दिसंबर 17, 1978 को उनका जन्म फिलीपींस के किबावे नाम के ऐसे शहर में हुआ था जहाँ दूर दूर तक तब न हॉस्पिटल थे न स्कूल. बिना किसी डॉक्टर या नर्स के वे पैदा हुए. बेहद गरीब परिवार में. पिता नारियल की खेती करने चले जाते तो माँ मूंगफली बेचने निकल जाया करतीं जिससे की उनके 6 भाई बहनों की परवरिश हो सके.

ब्रूस ली की फिल्मों से प्रभावित हो वे केले के पौधों में घूंसे मारकर बॉक्सिंग सीखने लगे. उन्हीं दिनों एक आवारा कुत्ता उनका दोस्त बना. जीवन में और किसी से उनकी घनिस्टता नहीं थी, जितनी कि उस कुत्ते से.

सालों बाद पेकियाओ याद करते हुए बताते हैं कि एक दिन उनके पिता नशे में धुत्त घर आये. दोनों में झगड़ा हुआ और गुस्से में उनके पिता ने उस कुत्ते...

दुनिया के सबसे बड़े बॉक्सिंग मुकाबले में मैन्नी पेकियाओ अपने प्रतिद्वंदी मेकवेदर से हार गए. लेकिन फिलिपींस के इस सबसे अमीर आदमी की हार को लेकर अब चर्चा होने लगी है. दुनिया का यह महान बॉक्सर आखिर क्यों हार गया? जानकारों का मानना है कि उनके बॉक्सर बनने के पीछे जो कहानी है उसी में उनकी हार का राज छिपा है.

मैन्नी पेकियाओ किसी भी मायने में शानदार इंसान हैं. एक शक्तिशाली इंसान जिसके घूंसे में जोरदार दम है. 39 प्रतिद्वंदी तो उन्होंने नॉक आउट किए हैं. जेब से भी भारी हैं मैन्नी पेकियाओ. $330 मिलियन से ज्यादा का इनाम जीत रखा है. समर्थकों की लम्बी तादाद है. न केवल फिलिपींस में बल्कि बाहर भी. वहाँ की संसद के सदस्य भी हैं.

मैन्नी पेकियाओ आखिर क्या नहीं करते? उनके नाम से स्टॉक एक्सचेंज बंद होते हैं, पॉप संगीत गाते हैं, राष्ट्रपति के साथ प्रार्थना सभाओं में नजर आते हैं, या उनके साथ बास्केटबॉल खेलते दिखते हैं.

लेकिन इतना बड़ा खिलाड़ी, जिसने बॉक्सिंग की दुनिया में धूम मचा रखी हो, उसके बॉक्सर होने के पीछे भी एक अजीबो-गरीब कहानी है. एक ऐसा खेल जिसमे ताकत और हिम्मत की जबरदस्त जरूरत होती है, उसके सूरमा का दिल कितना कोमल है यह उनके अतीत में जाने से ही दिखता है.

अपनी जीवनी में वे खुद लिखते हैं, कि दिसंबर 17, 1978 को उनका जन्म फिलीपींस के किबावे नाम के ऐसे शहर में हुआ था जहाँ दूर दूर तक तब न हॉस्पिटल थे न स्कूल. बिना किसी डॉक्टर या नर्स के वे पैदा हुए. बेहद गरीब परिवार में. पिता नारियल की खेती करने चले जाते तो माँ मूंगफली बेचने निकल जाया करतीं जिससे की उनके 6 भाई बहनों की परवरिश हो सके.

ब्रूस ली की फिल्मों से प्रभावित हो वे केले के पौधों में घूंसे मारकर बॉक्सिंग सीखने लगे. उन्हीं दिनों एक आवारा कुत्ता उनका दोस्त बना. जीवन में और किसी से उनकी घनिस्टता नहीं थी, जितनी कि उस कुत्ते से.

सालों बाद पेकियाओ याद करते हुए बताते हैं कि एक दिन उनके पिता नशे में धुत्त घर आये. दोनों में झगड़ा हुआ और गुस्से में उनके पिता ने उस कुत्ते को मर डाला. इतना ही नहीं, वे उस कुत्ते को पका कर खा गए. पेकियाओ मजबूर होकर यह सब देखते रहे. सनद रहे कि फिलिपींस में कुत्ते का मांस लोकप्रिय है.

'उन्होंने मेरे कुत्ते को मारा', पेकियाओ ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा है. 'एक छोटा बच्चा इसके लिए किसी को माफ नहीं कर सकता. ये उसका पैसा चुराने से ज्यादा गंभीर मामला है. जिसे वह प्यार करता है, उसकी हत्या कर दी जाए'.

पेकियाओ के ट्रेनर फ्रेडी रोश बताते हैं कि उस घटना से आहत उस बच्चे ने अपना घर छोड़ दिया. आज भी इसको पेकियाओ दुःस्वप्न के रूप में याद करते हैं. किबावे छोड़ वे मनीला आ गए, जहाँ उन्होंने सड़कों पर अपनी जिंदगी गुजारी. पेट भरने के लिए वे डोनट बेचा करते. लेकिन किसी भी तरह से अपने पिता के प्रति उनका गुस्सा कम नहीं हुआ और वे लौट कर वापस नहीं गए. इस दुःस्वप्न में उनके जीवन का सुनहरा भविष्य छुपा था, जो उन्हें बॉक्सिंग का मक्का कहे जाने वाले मनीला ले आया.

रिंग के बाहर शांत और अंतर्मुखी स्वभाव के माने जाने वाले पेकियाओ के भीतर यही गुस्सा भरा रहा और कहीं न कहीं उनके खेल में झलकता रहा. यही वजह है कि उनके बॉक्सिंग करिअर में 39 मुकाबले नॉक आउट हैं. अपने जीवन की कड़वाहट को उन्होंने सही जगह केंद्रित किया.

इसी बीच 20 वर्षों तक वे घर से दूर रहे. बॉक्सिंग में शोहरत पैसा सब कुछ कमाते गए, लेकिन उन्होंने घर की तरफ उलट कर भी नहीं देखा. 2001 से 2009 तक केवल एक ही मैच हारा. असल में उनकी प्रतिस्पर्धा रिंग से बाहर उनके अपने पिता की यादों से थी.

और आखिर 2009 में उनके पिता उनसे मिलने अमेरिका पहुंचे. तब तक पेकियाओ बॉक्सिंग के शिखर पर पहुँच चुके थे. पेकियाओ खुद लिखते हैं, 'जैसे ही मेरी नजर मेरे पिता से मिली, सालों पुराना गुस्सा काफूर हो चूका था. मैंने तुरंत ही उन्हें माफ़ कर दिया.'

जब से उन्होंने अपने दर्द भरे अतीत से पीछा छुड़ाया, पेकियाओ खेल में भी पिछड़ते नजर आ रहे हैं. अपने गुस्से से मुक्त होने के बाद से उनका करियर भी अब ढलान पर है. 2012 में एक के बाद एक लगातार मैच हारते गए. इस शक्तिशाली बॉक्सर को तब से 3 साल लग गए हैं फिर से किसी चैंपियनशिप में अपनी पकड़ बनाने में.

अपने गुस्से से पीछा छुड़ा भले ही पेकियाओ मैच हारते चले गए, और दुनिया का सबसे बड़ा मुकाबला भी हार गए लेकिन उन्होंने अपने जीवन की लड़ाई को जीत लिया है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    महेंद्र सिंह धोनी अपने आप में मोटिवेशन की मुकम्मल दास्तान हैं!
  • offline
    अब गंभीर को 5 और कोहली-नवीन को कम से कम 2 मैचों के लिए बैन करना चाहिए
  • offline
    गुजरात के खिलाफ 5 छक्के जड़ने वाले रिंकू ने अपनी ज़िंदगी में भी कई बड़े छक्के मारे हैं!
  • offline
    जापान के प्रस्तावित स्पोगोमी खेल का प्रेरणा स्रोत इंडिया ही है
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲