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लंदन अटैक: ऊबर का घिनौना काम, जिसे सुन आप भी करेंगे नफरत

    • मोहित चतुर्वेदी
    • Updated: 06 जून, 2017 04:15 PM
  • 06 जून, 2017 04:15 PM
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लंदन आतंकी हमले के दौरान ऊबर ने ऐसा काम किया जिससे लोगों के होश उड़ गए. जिससे उसकी काफी आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर उसे शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है.

अगर कोई इमर्जेंसी हो या फिर आपकी जानपर बन आई हो और कैसे भी आपको मंजिल पर पहुंचना है तो आप राइड-शेयरिंग सर्विस ऊबर पर भरोसा न ही करें तो बहतर होगा, क्योंकि उसने लंदन में ऐसी हरकत की है जिससे आप भी उससे नफरत करने लगेंगे. बता दें, 3 जून यानी शनिवार को वहां आतंकी हमला हुआ था. जिसमें कई जानें गई थीं. ऐसे में सभी लोगों के पास कैब सर्विस ही एक मात्र सहारा था.

उसी वक्त ऊबर ने लोगों के होश उड़ा दिए. उसने हमले के वक्त अपने दाम बढ़ा दिए. जिससे उसकी काफी आलोचना हो रही है. अगर कहीं हमला होता है तो लोग अपनी जान बचाने के साथ-साथ दूसरों की जान बचाने की फिराक में रहते हैं. लेकिन ऊबर ने उस वक्त आतंकी हमले का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने की कोशिश की.

शनिवार रात 3 हमलावरों ने पहले लंदन ब्रिज पर अपनी तेज रफ्तार गाड़ी से लोगों को टक्कर मारी और उन्हें कुचला, इसके बाद वे गाड़ी चलाकर नजदीक के बरो मार्केट पहुंचे। यहां पर आतंकियों ने गाड़ी से बाहर आकर लोगों पर अंधाधुंध चाकू से हमला किया. इस घटना में 7 लोगों की मौत हो गई और 45 से ज्यादा घायल हो गए.

सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना

हमले के दौरान ऊबर एप से कई लोगों ने कैब बुक की थी. जिसके बाद कई उपभोक्ताओं ने सोशल मीडिया पर कंपनी की आलोचना की. आतंकी हमले के बाद लोगों के बीच भगदड़ मच गई थी और वे भागने की कोशिश कर रहे थे और जान बचाने के लिए लोगों से मदद मांग रहे थे.

जब लोगों ने ऊबर बुक की तो उसने सर्ज-प्राइसिंग (ज्यादा मांग-महंगा किराया) बरकरार रखी. सोशल मीडिया पर तो यह तक कहा जा रहा है कि आतंकी हमले के बाद भी अपनी बढ़ी हुई कीमतों को कम करने में कोई तेजी नहीं दिखाई. ऐसे में उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैब में बिठाकर लोगों को घर पहुंचाना चाहिए था.

अगर कोई इमर्जेंसी हो या फिर आपकी जानपर बन आई हो और कैसे भी आपको मंजिल पर पहुंचना है तो आप राइड-शेयरिंग सर्विस ऊबर पर भरोसा न ही करें तो बहतर होगा, क्योंकि उसने लंदन में ऐसी हरकत की है जिससे आप भी उससे नफरत करने लगेंगे. बता दें, 3 जून यानी शनिवार को वहां आतंकी हमला हुआ था. जिसमें कई जानें गई थीं. ऐसे में सभी लोगों के पास कैब सर्विस ही एक मात्र सहारा था.

उसी वक्त ऊबर ने लोगों के होश उड़ा दिए. उसने हमले के वक्त अपने दाम बढ़ा दिए. जिससे उसकी काफी आलोचना हो रही है. अगर कहीं हमला होता है तो लोग अपनी जान बचाने के साथ-साथ दूसरों की जान बचाने की फिराक में रहते हैं. लेकिन ऊबर ने उस वक्त आतंकी हमले का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने की कोशिश की.

शनिवार रात 3 हमलावरों ने पहले लंदन ब्रिज पर अपनी तेज रफ्तार गाड़ी से लोगों को टक्कर मारी और उन्हें कुचला, इसके बाद वे गाड़ी चलाकर नजदीक के बरो मार्केट पहुंचे। यहां पर आतंकियों ने गाड़ी से बाहर आकर लोगों पर अंधाधुंध चाकू से हमला किया. इस घटना में 7 लोगों की मौत हो गई और 45 से ज्यादा घायल हो गए.

सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना

हमले के दौरान ऊबर एप से कई लोगों ने कैब बुक की थी. जिसके बाद कई उपभोक्ताओं ने सोशल मीडिया पर कंपनी की आलोचना की. आतंकी हमले के बाद लोगों के बीच भगदड़ मच गई थी और वे भागने की कोशिश कर रहे थे और जान बचाने के लिए लोगों से मदद मांग रहे थे.

जब लोगों ने ऊबर बुक की तो उसने सर्ज-प्राइसिंग (ज्यादा मांग-महंगा किराया) बरकरार रखी. सोशल मीडिया पर तो यह तक कहा जा रहा है कि आतंकी हमले के बाद भी अपनी बढ़ी हुई कीमतों को कम करने में कोई तेजी नहीं दिखाई. ऐसे में उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैब में बिठाकर लोगों को घर पहुंचाना चाहिए था.

लंदन में ऊबर काफी फेमस है. वहां लोग उसे काफी पसंद करते हैं. लेकिन उसकी इस हरकत से लोगों की पसंद नफरत में बदल गई और अपना गुस्सा उन्होंने सोशल मीडिया पर दिखाया. एक ब्रिटिश महिला ने ट्वीट किया, 'ऊबर, लंदन में आतंकी हमला होने पर तुम टैक्सी किराये में 2 गुना तक का इजाफा कर दोगे? यह तो नीचे से भी ज्यादा नीचा गिरना है।' वहीं एक अन्य व्यक्ति ने ट्वीट किया, 'मैं ऊबर को काफी पसंद करता हूं, लेकिन आतंकवादी हमले से मुनाफा कमाने की उनकी हरकत से मैं बहुत निराश हुआ हूं।'

ऊबर ऐसा गणित इस्तेमाल करता है, जिसके कारण मांग ज्यादा होने पर टैक्सी सर्विस की कीमत बढ़ जाती है. हालांकि आपातकालीन स्थितियों और हादसों के दौरान यह व्यवस्था लागू नहीं की जाती है. लोगों के गुस्से को देखते हुए ऊबर के जनरल मैनेजर ने कंपनी का बचाव करने के लिए आना पड़ा, मैनेजर ने कहा, 'जैसे ही हमें आतंकी हमले के बारे में पता चला, वैसे ही हमने हमले की जगह और इसके आसपास के इलाकों में डाइनैमिक प्राइसिंग को खत्म कर दिया. इसके थोड़ी देर बाद ही हमने पूरे लंदन में डाइनैमिक प्राइसिंग की व्यवस्था निलंबित कर दी. मैनचेस्टर और वेस्टमिंस्टर हमलों के समय भी हमने ऐसा ही किया था.'

ऊबर का कहना है कि उसने 10:50 पर हमले की जगह और इसके आसपास के इलाकों में सर्ज प्राइसिंग का नियम हटा गिया. ऊबर के मुताबिक, रात 11.40 पर उसने पूरे सेंट्रल लंदन में सर्ज प्राइसिंग निलंबित कर दी. लेकिन ट्विटर यूजर के एक ट्वीट से झूब पकड़ा गया. ट्वीट में एक फोटो अपलोड की गई जिसमें जिसमें बताया गया है कि ऊबर का मैसेज आधी रात 12:17 पर आया था जिसमें उसने कहा था कि सर्ज-प्राइसिंग हटा दी गई है. लेकिन आतंकी हमला करीब 10 बजे हुआ था. यानी 2 घंटे बाद ऊबर ने ये कदम उठाया. अगर ऊबर उसी वक्त थोड़ी मुस्तैदी दिखाता और लोगों की जान बचाने की कोशिश करता तो लोग बचाए जा सकते थे और उसे इस गुस्से का भी सामना नहीं करना पड़ता.

ऊबर सर्विस भारत में भी काफी पसंद की जाती है. अगर यहां कोई ऐसी स्थिति आ जाती है तो कहा जा सकता है कि वो यहां भी मुनाफे के लिए ऐसी हरकत कर सकता है. क्योंकि उसने जो लंदन में किया है वो वाकई आलोचना के काबिल है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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