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कपल, युगल, दंपति एक तरफ- ये हैं 'तीन जिस्म एक जान' !!

    • पारुल चंद्रा
    • Updated: 16 जून, 2017 01:29 PM
  • 16 जून, 2017 01:29 PM
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आपके कानों में भी गे मैरेज और लेस्बियन मैरिज जैसे शब्द पड़े ही होंगे. पर अब जो हुआ वो इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला है.

दुल्हा और दुल्हन, एक शादी के लिए सबसे जरूरी इन्ग्रीडियंट्स हैं. यानी जीवन की ये सबसे मीठी स्वीटडिश एक पुरुष और महिला के बिना बन ही नहीं सकती. पर जनाब ऐसा आपको लगता है, और शायद भगवान को भी... जमाना बदल गया है. आपके कानों में भी गे मैरेज और लेस्बियन मैरिज जैसे शब्द पड़े ही होंगे. यानी शादी के लिए महिलाओं को अब पुरुषों की जरूरत नहीं और पुरुषों को महिलाओं की नहीं. लोग अब भगवान के उस खूबसूरत फैसले को चुनौती देने लग गए हैं जिसके पीछे अब तक सारी पंचायत होती थी.

दो महिलाओं ने या फिर दो पुरुषों ने आपस में शादी कर ली, ऐसी खबरें आजकल काफी चलन में हैं. तो क्या हुआ कि भारत में समलैंगिक विवाह वैध नहीं हैं, लेकिन जिसे करना होता है वो भारत के बाहर जाकर अपनी इच्छा पूरी कर ही लेता है.  

पर अब जो हुआ वो इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला है. यानी शादी के लिए जरूरी रहे दो इंसान अब दो नहीं तीन हो चुके हैं. चौंकना स्वाभाविक है. आपने शायद ये पहले कभी नहीं सुना होगा, लेकिन कोलंबिया में ऐसा ही हुआ है. जहां तीन गे लोगों ने आपस में शादी करके इतिहास रच डाला है.

तीनों ने की आपस में शादी

विक्टर प्रदा, जॉन रॉड्र्ग्ज़ और मैनुअल बरम्यूड्ज़ नाम के ये तीन शख्स आपस में परिवार की तरह रहते हैं, समलैंगिक हैं और इस संबंध को अब वैधता भी मिल चुकी है. पिछले साल ही कोलंबिया में सेम सेक्स मैरिज को वैधता मिली है.

विक्टर एक एक्टर हैं, जॉन स्पोर्ट्स इंस्ट्रकटर और मैनुअल एक जर्नलिस्ट हैं. ये पिछले 4 सालों से रिलेशनशिप में थे. इनका कहना है- 'हम अपने घर और अपने अधिकारों को मान्य करना चाहते...

दुल्हा और दुल्हन, एक शादी के लिए सबसे जरूरी इन्ग्रीडियंट्स हैं. यानी जीवन की ये सबसे मीठी स्वीटडिश एक पुरुष और महिला के बिना बन ही नहीं सकती. पर जनाब ऐसा आपको लगता है, और शायद भगवान को भी... जमाना बदल गया है. आपके कानों में भी गे मैरेज और लेस्बियन मैरिज जैसे शब्द पड़े ही होंगे. यानी शादी के लिए महिलाओं को अब पुरुषों की जरूरत नहीं और पुरुषों को महिलाओं की नहीं. लोग अब भगवान के उस खूबसूरत फैसले को चुनौती देने लग गए हैं जिसके पीछे अब तक सारी पंचायत होती थी.

दो महिलाओं ने या फिर दो पुरुषों ने आपस में शादी कर ली, ऐसी खबरें आजकल काफी चलन में हैं. तो क्या हुआ कि भारत में समलैंगिक विवाह वैध नहीं हैं, लेकिन जिसे करना होता है वो भारत के बाहर जाकर अपनी इच्छा पूरी कर ही लेता है.  

पर अब जो हुआ वो इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला है. यानी शादी के लिए जरूरी रहे दो इंसान अब दो नहीं तीन हो चुके हैं. चौंकना स्वाभाविक है. आपने शायद ये पहले कभी नहीं सुना होगा, लेकिन कोलंबिया में ऐसा ही हुआ है. जहां तीन गे लोगों ने आपस में शादी करके इतिहास रच डाला है.

तीनों ने की आपस में शादी

विक्टर प्रदा, जॉन रॉड्र्ग्ज़ और मैनुअल बरम्यूड्ज़ नाम के ये तीन शख्स आपस में परिवार की तरह रहते हैं, समलैंगिक हैं और इस संबंध को अब वैधता भी मिल चुकी है. पिछले साल ही कोलंबिया में सेम सेक्स मैरिज को वैधता मिली है.

विक्टर एक एक्टर हैं, जॉन स्पोर्ट्स इंस्ट्रकटर और मैनुअल एक जर्नलिस्ट हैं. ये पिछले 4 सालों से रिलेशनशिप में थे. इनका कहना है- 'हम अपने घर और अपने अधिकारों को मान्य करना चाहते थे, क्योंकि हमारे पास एक परिवार के रूप में स्थापित होने के लिए कोई ठोस कानूनी आधार नहीं था.'

कोलंबिया में वैसे तो इस तरह के कई लोग हैं जो साथ हैं, लेकिन कानूनी तौर पर यही पहले हैं जिन्हें मान्यता मिली है. अब इन्हें जोड़ा तो नहीं कहा जा सकता लिहाजा कोलंबिया में इन्हें ट्रीजा (trieja) कहा जाता है जो trio(तीन) और pareja(जोड़ा) से मिलकर बना है.

इनका आगे का जीवन भी चैन से बीतेगा क्योंकि कोलंबिया में गे और लेस्बियन कपल को बच्चे गोद लेने का भी अधिकार है. तो आगे चलकर अगर ये तीनों पिता बनना चाहें, तो भी आसानी से बन सकते हैं.

पर ये क्रांतिकारी फैसला लेने वाले ये तीन महावीर पहले नहीं हैं, 2013 में तीन अमेरिकी महिलाएं भी आपस में शादी कर चुकी हैं. डॉली, किटिन और ब्रायन में से किटिन ने 2014 में एक बच्ची को जन्म दिया और तीनों मां भी बन चुकी हैं.

तीनों लेस्बियन महिलाओं ने 2013 में कर ली थी शादी

प्यार भरे जोड़ों के लिए जो 'दो जिस्म एक जान' वाला जुमला था अब 'तीन जिस्म एक जान' पर आ पहुंचा है. आगे क्या हो ये तो भगवान भी नहीं जानते, क्योंकि वो तो खुद भी हैरान बैठे हैं कि इस कलयुग में आखिर ये हो क्या रहा है??

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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