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खुशी का ये Swiss फार्मूला कितना असरदार होने वाला है

    • रिम्मी कुमारी
    • Updated: 01 जून, 2017 05:19 PM
  • 01 जून, 2017 05:19 PM
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आज के समय में जहां लोग किसी पल, जगह या घटना को जीने के बजाए उसे सोशल मीडिया पर डालने में ज्यादा इंटरेस्टेड होते हैं, वहीं इस जगह के लोग प्राइवेसी को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं.

सोशल मीडिया ने दुनिया गोल है के कॉन्सेप्ट को बदलकर, दुनिया मेरी मुट्ठी में कर दिया है. हर हाथ में स्मार्टफोन, पहले फैशन बना और देखते ही देखते जरूरत का रूप ले लिया. इस स्मार्टफोन के जितने फायदे हैं तो नुकसान भी कम नहीं है.

सोशल मीडिया की पहुंच और इससे होने वाले नुकसानों को देखते अब हर कोई इसके इस्तेमाल के साथ 'सावधानी हटी दुर्घटना घटी' का बोर्ड भी जरुर टांग रहा है. इसे ही देखते हुए स्विट्जरलैंड के बर्गुन गांव ने टूरिस्टों द्वारा फोटो खींचने पर पाबंदी लगा दी है. मजेदार बात ये है कि इस पाबंदी को खुद गांववालों ने वोटिंग करके स्वीकृति दी है.

खुबसूरती तो खुदा ने दी है

टूरिस्टों के फोटो खींचने पर बैन लगाने के पीछे जो कारण दिया गया है वो आपको हैरान तो कर सकता है पर आज की यही सच्चाई है. यहां के लोगों का मानना है कि उनका गांव इतना सुंदर है कि यहां आने वाले लोग अगर गांव की सुंदरता को अपने कैमरे कैद करके सोशल मीडिया के जरिए दुनिया के सामने रखेंगे तो लोगों में उदासी बढ़ेगी. लोगों में इतने सुंदर गांव की फोटो देखकर जलन की भावना बढ़ेगी, उदासी छाएगी कि वो ऐसी खुबसूरत जगह नहीं गए हैं.

यही नहीं बैन का लोग पालन करें इसके लिए 5 यूरो का फाइन लगाने पर भी विचार किया जा रहा है. कहानी यहीं खत्म नहीं होती. जल्द ही दुनिया के सामने एक सरप्राइज भी लाया जाएगा. टूरिस्ट ऑफिस ने अपने फेसबुक और ट्विटर पर से सारे फोटो हटा दिए हैं और वेबसाइट से भी इसे हटाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसे पीआर एक्शन करार दिया है. कुछ इसे अच्छा कह रहे हैं, कुछ इसे बुरा कह रहे हैं.

सोशल मीडिया ने दुनिया गोल है के कॉन्सेप्ट को बदलकर, दुनिया मेरी मुट्ठी में कर दिया है. हर हाथ में स्मार्टफोन, पहले फैशन बना और देखते ही देखते जरूरत का रूप ले लिया. इस स्मार्टफोन के जितने फायदे हैं तो नुकसान भी कम नहीं है.

सोशल मीडिया की पहुंच और इससे होने वाले नुकसानों को देखते अब हर कोई इसके इस्तेमाल के साथ 'सावधानी हटी दुर्घटना घटी' का बोर्ड भी जरुर टांग रहा है. इसे ही देखते हुए स्विट्जरलैंड के बर्गुन गांव ने टूरिस्टों द्वारा फोटो खींचने पर पाबंदी लगा दी है. मजेदार बात ये है कि इस पाबंदी को खुद गांववालों ने वोटिंग करके स्वीकृति दी है.

खुबसूरती तो खुदा ने दी है

टूरिस्टों के फोटो खींचने पर बैन लगाने के पीछे जो कारण दिया गया है वो आपको हैरान तो कर सकता है पर आज की यही सच्चाई है. यहां के लोगों का मानना है कि उनका गांव इतना सुंदर है कि यहां आने वाले लोग अगर गांव की सुंदरता को अपने कैमरे कैद करके सोशल मीडिया के जरिए दुनिया के सामने रखेंगे तो लोगों में उदासी बढ़ेगी. लोगों में इतने सुंदर गांव की फोटो देखकर जलन की भावना बढ़ेगी, उदासी छाएगी कि वो ऐसी खुबसूरत जगह नहीं गए हैं.

यही नहीं बैन का लोग पालन करें इसके लिए 5 यूरो का फाइन लगाने पर भी विचार किया जा रहा है. कहानी यहीं खत्म नहीं होती. जल्द ही दुनिया के सामने एक सरप्राइज भी लाया जाएगा. टूरिस्ट ऑफिस ने अपने फेसबुक और ट्विटर पर से सारे फोटो हटा दिए हैं और वेबसाइट से भी इसे हटाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इसे पीआर एक्शन करार दिया है. कुछ इसे अच्छा कह रहे हैं, कुछ इसे बुरा कह रहे हैं.

लेकिन जो भी हो गांव का ये कदम काबिले-तारीफ है. आज के समय में जहां लोग किसी पल, जगह या घटना को जीने के बजाए उसे सोशल मीडिया पर डालने में ज्यादा इंटरेस्टेड होते हैं, प्राइवेसी को पब्लिकली चीख-चीखकर जाहिर करने के फैशन को फॉलो करते हैं, वहां इस गांव के लोग प्राइवेसी को तवज्जो दे रहे हैं. साथ ही लोगों में डिप्रेशन के खतरों को देखते हुए निगेटिविटी को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.

इस तरह का बैन आज के समय की जरुरत है. इस कदम से गांव के टूरिज्म सेक्टर को नुकसान भले हो सकता है, लेकिन इंसानों के होने वाले नुकसान से ये कम ही होगा.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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