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अंतिम विदाई जहां मरने वाले को ‘जिंदा’ दफन किया गया

    • आईचौक
    • Updated: 17 मार्च, 2016 01:09 PM
  • 17 मार्च, 2016 01:09 PM
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चौंकिए नहीं. हम बात कर रहे हैं ऐसे दो लोगों की जिन्हें मरने के बाद ही दफन किया गया. लेकिन इन दोनों मरनेवालों में एक की अंतिम इच्छा थी वहीं दूसरे के परिवार वाले चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार उन्हें जीवित दर्शाते हुए किया जाए.

चौंकिए नहीं. हम बात कर रहे हैं ऐसे दो लोगों की जिन्हें मरने के बाद ही दफन किया गया. लेकिन इन दोनों मरनेवालों में एक की अंतिम इच्छा थी वहीं दूसरे के परिवार वाले चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार उन्हें जीवित दर्शाते हुए किया जाए.

ताजा मामला पूर्तो रिको के सैन जोस शहर का है जहां एक 26 वर्षीय फर्नानडो दी जीसस दियास की 3 मार्च को उसके घर के सामने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. जीसस दियास के परिवार वालों का मानना है कि वह एक जिंदादिल इंसान था और उसका एक खास तरह का रहन सहन था. दियास सिगरेट पीने का शौकीन था और घर के डायनिंग रूम में रखी एक आराम कुर्सी पर बैठकर सिगरेट पीना उसे बेहद पसंद था.

फर्नानडो दी जीसस दियास
फर्नानडो दी जीसस दियास

जीसस दियास की मौत के बाद उसके घरवाले चाहते थे कि अंतिम विदाई ऐसे अंदाज में की जाए कि उन्हें उसके न होने का एहसास न हो. उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए शहर की प्रमुख कंपनी जो अंतिम यात्रा को ऑर्गेनाइज करने का काम करती है ने इसका बीड़ा उठाया. इसके लिए जीसस दियास के पार्थिव शरीर को डायनिंग रूम में रखी उसी कुर्सी पर बैठाया गया जो जीते जी उसके फेवरिट थी. दियास को उसका सबसे पसंदीदा कपड़ा भी पहनाया गया और कंपनी ने इस बात का खास ध्यान रखा कि इस दौरान उसकी आंख खुली रहे जिससे उसका अंतिम दर्शन करने वाले परिवारजन को उसके जीवित होने का एहसास हो. इसके अलावा जदियास की उंगलियों के बीच उसकी पसंदीदा सिगरेट भी रखी गई.

चौंकिए नहीं. हम बात कर रहे हैं ऐसे दो लोगों की जिन्हें मरने के बाद ही दफन किया गया. लेकिन इन दोनों मरनेवालों में एक की अंतिम इच्छा थी वहीं दूसरे के परिवार वाले चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार उन्हें जीवित दर्शाते हुए किया जाए.

ताजा मामला पूर्तो रिको के सैन जोस शहर का है जहां एक 26 वर्षीय फर्नानडो दी जीसस दियास की 3 मार्च को उसके घर के सामने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. जीसस दियास के परिवार वालों का मानना है कि वह एक जिंदादिल इंसान था और उसका एक खास तरह का रहन सहन था. दियास सिगरेट पीने का शौकीन था और घर के डायनिंग रूम में रखी एक आराम कुर्सी पर बैठकर सिगरेट पीना उसे बेहद पसंद था.

फर्नानडो दी जीसस दियास
फर्नानडो दी जीसस दियास

जीसस दियास की मौत के बाद उसके घरवाले चाहते थे कि अंतिम विदाई ऐसे अंदाज में की जाए कि उन्हें उसके न होने का एहसास न हो. उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए शहर की प्रमुख कंपनी जो अंतिम यात्रा को ऑर्गेनाइज करने का काम करती है ने इसका बीड़ा उठाया. इसके लिए जीसस दियास के पार्थिव शरीर को डायनिंग रूम में रखी उसी कुर्सी पर बैठाया गया जो जीते जी उसके फेवरिट थी. दियास को उसका सबसे पसंदीदा कपड़ा भी पहनाया गया और कंपनी ने इस बात का खास ध्यान रखा कि इस दौरान उसकी आंख खुली रहे जिससे उसका अंतिम दर्शन करने वाले परिवारजन को उसके जीवित होने का एहसास हो. इसके अलावा जदियास की उंगलियों के बीच उसकी पसंदीदा सिगरेट भी रखी गई.

वहीं दूसरा मामला अमेरिका के ही ओहायो राज्य का हैं जहां एक 82 वर्षीय बिली स्टैंडली की लंग कैंसर से मृत्यु हो गई. बिली स्टैंडली को अपनी हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल की सवारी करना बेहद पसंद था. इसीलिए उसने अपने बच्चों से अंतिम इच्छा जाहिर की थी कि उसे उसके हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर बैठा कर दफन किया जाए. इसके लिए शीशे के ताबूत में मोटरसाइकिल पर बैठा कर बिली स्टैंडली की अंतिम यात्रा निकाली गई और फिर उसे उसकी पत्नी की कब्र के बगल में मोटरसाइकिल समेत दफन किया गया.

बिली स्टैंडली
बिली स्टैंडली

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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