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सोशल ट्रेड स्कैम की जड़ महाभारत काल में भी मिलती है !

    • आईचौक
    • Updated: 08 फरवरी, 2017 02:29 PM
  • 08 फरवरी, 2017 02:29 PM
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सोशल ट्रेड स्कैम में लोग आरोपी के समर्थन में प्रोटेस्ट कर रहे हैं. करोड़ों का घोटाला करने वाले अनुभव मित्तल का सपोर्ट आखिर क्यों हो रहा है?

हाल ही में एक बड़े पोंजी स्कीम घोटाले का खुलासा हुआ है. देश का पहला सोशल नेटवर्किंग पौंजी घोटाला करीब 3700 करोड़ का है. मसला है मनी लॉन्डरिंग का. देश की बाकी पोंजी स्कीम की तरह इसमें भी इन्वेस्टर्स को धोखा दिया गया और पैसों का हेर-फेर हुआ. इस स्कैम में सोशल ट्रेड नाम की कंपनी लोगों को फेसबुक लाइक्स और कमेंट्स के बदले पैसे देने का दावा कर रही थी. मामला सामने भी आ गया, लेकिन ऐसा शायद पहली बार हुआ होगा कि हैरान-परेशान होने की जगह इस स्कीम से जुड़े लोग आरोपी के समर्थन में खड़े हों. जंतर-मंतर पर बाकायदा प्रोटेस्ट हुआ हो.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों. तो इसपर समर्थन कर रहे लोगों का तर्क है कि अनुभव मित्तल (स्कैम का आरोपी और सोशल ट्रेड नाम की कंपनी का मालिक) जैसे रोजगार पैदा करने वाले कम होते हैं. इस कहानी में अभी भी ट्विस्ट है. लोगों का कहना है कि उनके पास अनुभव मित्तल की तरफ से मैसेज आ रहा है कि लोगों का पेमेंट रिलीज हो सकता था, लेकिन अब दबाव के कारण कंपनी बंद करनी पड़ रही है.

खैर, ये तो हुई कहानी, लेकिन एक बार अगर हम इसकी शुरुआत देखें तो क्या ये पहला मामला है? नहीं, सहारा इंडिया (36000 करोड़ का घोटाला), रोज वैली (60000 करोड़ का घोटाला), शारदा चिट फण्ड घोटाला (2000 करोड़ का घोटाला) आदि पोंजी स्कीम स्कैम भारत में आम हैं. लोग पैसा लगाते हैं, जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में और फिर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं.

सोशल ट्रेड के सपोर्ट में कई लोग हैं. इस कंपनी ने ये स्कीम बताई थी कि प्रति लाइक कंपनी को 6 रुपए मिलते हैं जिसमें से 5 रुपए यूजर को दिए जाते हैं. कंपनी निवेशकों को 5,750 रुपए से लेकर 57,500 रुपए तक का पैकेज देती थी. बदले में निवेशकों को रोजाना पैकेज के मुताबिक 25 से 125 वेब लिंक मिलते थे. इस स्कीम में ये बताया गया था कि कंपनी गूगल, अमेजन...

हाल ही में एक बड़े पोंजी स्कीम घोटाले का खुलासा हुआ है. देश का पहला सोशल नेटवर्किंग पौंजी घोटाला करीब 3700 करोड़ का है. मसला है मनी लॉन्डरिंग का. देश की बाकी पोंजी स्कीम की तरह इसमें भी इन्वेस्टर्स को धोखा दिया गया और पैसों का हेर-फेर हुआ. इस स्कैम में सोशल ट्रेड नाम की कंपनी लोगों को फेसबुक लाइक्स और कमेंट्स के बदले पैसे देने का दावा कर रही थी. मामला सामने भी आ गया, लेकिन ऐसा शायद पहली बार हुआ होगा कि हैरान-परेशान होने की जगह इस स्कीम से जुड़े लोग आरोपी के समर्थन में खड़े हों. जंतर-मंतर पर बाकायदा प्रोटेस्ट हुआ हो.

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों. तो इसपर समर्थन कर रहे लोगों का तर्क है कि अनुभव मित्तल (स्कैम का आरोपी और सोशल ट्रेड नाम की कंपनी का मालिक) जैसे रोजगार पैदा करने वाले कम होते हैं. इस कहानी में अभी भी ट्विस्ट है. लोगों का कहना है कि उनके पास अनुभव मित्तल की तरफ से मैसेज आ रहा है कि लोगों का पेमेंट रिलीज हो सकता था, लेकिन अब दबाव के कारण कंपनी बंद करनी पड़ रही है.

खैर, ये तो हुई कहानी, लेकिन एक बार अगर हम इसकी शुरुआत देखें तो क्या ये पहला मामला है? नहीं, सहारा इंडिया (36000 करोड़ का घोटाला), रोज वैली (60000 करोड़ का घोटाला), शारदा चिट फण्ड घोटाला (2000 करोड़ का घोटाला) आदि पोंजी स्कीम स्कैम भारत में आम हैं. लोग पैसा लगाते हैं, जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में और फिर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं.

सोशल ट्रेड के सपोर्ट में कई लोग हैं. इस कंपनी ने ये स्कीम बताई थी कि प्रति लाइक कंपनी को 6 रुपए मिलते हैं जिसमें से 5 रुपए यूजर को दिए जाते हैं. कंपनी निवेशकों को 5,750 रुपए से लेकर 57,500 रुपए तक का पैकेज देती थी. बदले में निवेशकों को रोजाना पैकेज के मुताबिक 25 से 125 वेब लिंक मिलते थे. इस स्कीम में ये बताया गया था कि कंपनी गूगल, अमेजन जैसे बड़े ब्रांड्स से जुड़ी हुई है.

जल्दी पैसा कमाने का लालच-

ऐसी स्कीम्स भारत में इतनी चर्चित आखिर कैसे होती है? कभी भी देखिए कोई ना कोई पोंजी स्कीम घोटाला साल-दर-साल आपके सामने आ जाता है. आखिर ऐसा क्यों? इसकी वजह तो महाभारत के काल से चली आ रही है. युधिष्ठिर को जीत चाहिए थी और एक-एक करके वो दांव खेलता जा रहा था कि शायद इस दांव में काम हो जाए और जीत मिल जाए. कुछ ऐसा ही होता है असल जिंदगी में भी. इंसान पैसे के लालच में कुछ इस कदर फंस जाता है कि ऐसी स्कीम्स उसे अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं. अब देखिए ना बिना काम किए कम मेहनत में पैसे कमाने का लालच जीतने के लालच की तरह ही तो है.

पीडि़त ऐसे कर सकते हैं शिकायत

- अगर आप भी ऐसे किसी फ्रॉड के पीड़ित हैं तो उसकी शिकायत घर बैठे की जा सकती है. इसके लिए संबंधित दस्तावेजों के साथ reportfraud@upstf.com पर ई-मेल करना होगा.

- पैसा जमा करने की रसीद, अकाउंट नंबर, आईडी आदि सभी जानकारी देनी होगी.

- इसके लिए लोकल पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज करवानी होगी.

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- संसद का हंगामा, देश का सबसे बड़ा घोटाला!

- बाप नहीं, ये है घोटालों की 'मां'

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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