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'बहु लाओ, बेटी बचाओ' आखिर यह भी तो लव जिहाद ही है

    • चंदन कुमार
    • Updated: 21 जुलाई, 2015 02:29 PM
  • 21 जुलाई, 2015 02:29 PM
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हिंदू लड़की को प्रेम-जाल में फंसा कर उससे शादी करना - 'लव जिहाद' को लेकर यही धारणा है. अब बजरंग दल और RSS इसके खिलाफ अपने तरीके का लव जिहाद लाने वाले हैं, जिसमें...

हेलो, मैं राज हूं. क्या आप मुझसे दोस्ती करेंगी? मेरे पास बाइक है, चलिए कहीं घूम कर आते हैं. मुझे आपसे प्यार हो गया है, आपके बिना जी नहीं पाऊंगा. चलिए शादी कर लेते हैं. अब शादी हो ही गई है तो तुम अपना धर्म बदल लो. पहले नहीं बताया था लेकिन मैं मुस्लिम हूं, तुम भी बन जाओ... 'लव जिहाद' को लेकर लगभग ऐसी ही कुछ धारणा हमारे समाज में बनी हुई है. अब कुछ हिंदू संगठन इसके खिलाफ अपने तरीके का 'लव जिहाद' खड़ा करने वाले हैं.    

'बहु लाओ, बेटी बचाओ'
यही है वो प्लान. बजरंग दल के दिमाग की उपज है. इनकी योजना है जगह-जगह हिंदू गृहणियों से मिलना और उनसे मुस्लिम या ईसाई धर्म की बहुओं को स्वीकार करने की अपील करना. इसकी शुरुआत की जा चुकी है. पहले चरण में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आगरा में कई स्कूलों के सामने हिंदू लड़कियों को पर्चे बांटे. इन पर्चों में उनसे मुस्लिम लड़कों के जान में न फंसने की सलाह दी गई है. मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी जो कि आरएसएस की महिला संगठन है, ने भी बजरंग दल के इस अभियान का साथ दिया.

समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का दर्शन
बजरंग दल के अनुसार दूसरे धर्म की लड़कियां जब हिंदुओं के घर में बहु बनकर आएंगी तो उन्हें सही मायने में सांस्कृतिक परंपरा का ज्ञान होगा. एक ऐसी परंपरा, जिसमें महिलाओं को सम्मान और बराबरी का हक है. दूसरे धर्म से जुड़ी रहकर ऐसी लड़कियां भारत की संस्कृति को सही मायने में समझ नहीं पाती हैं. 


एक लाख लड़कियां 'लव जिहाद' की शिकार
आगरा में जो पर्चे बांटे गए, उसके अनुसार सिर्फ भारत की एक लाख लड़कियां 'लव जिहाद' का शिकार हो चुकी हैं. इसमें बताया गया है कि ज्यादातर लड़कियों को शादी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता है और फिर उन्हें मुंबई, कोलकाता या सउदी अरब के सेक्स मार्केट में बेच दिया जाता है.

वो तो 'झूठ' बोलकर फांसते हैं, आप क्या करेंगे?
चलिए माना कि नाम बदलकर, गले में भगवान की माला डालकर...

हेलो, मैं राज हूं. क्या आप मुझसे दोस्ती करेंगी? मेरे पास बाइक है, चलिए कहीं घूम कर आते हैं. मुझे आपसे प्यार हो गया है, आपके बिना जी नहीं पाऊंगा. चलिए शादी कर लेते हैं. अब शादी हो ही गई है तो तुम अपना धर्म बदल लो. पहले नहीं बताया था लेकिन मैं मुस्लिम हूं, तुम भी बन जाओ... 'लव जिहाद' को लेकर लगभग ऐसी ही कुछ धारणा हमारे समाज में बनी हुई है. अब कुछ हिंदू संगठन इसके खिलाफ अपने तरीके का 'लव जिहाद' खड़ा करने वाले हैं.    

'बहु लाओ, बेटी बचाओ'
यही है वो प्लान. बजरंग दल के दिमाग की उपज है. इनकी योजना है जगह-जगह हिंदू गृहणियों से मिलना और उनसे मुस्लिम या ईसाई धर्म की बहुओं को स्वीकार करने की अपील करना. इसकी शुरुआत की जा चुकी है. पहले चरण में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आगरा में कई स्कूलों के सामने हिंदू लड़कियों को पर्चे बांटे. इन पर्चों में उनसे मुस्लिम लड़कों के जान में न फंसने की सलाह दी गई है. मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी जो कि आरएसएस की महिला संगठन है, ने भी बजरंग दल के इस अभियान का साथ दिया.

समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का दर्शन
बजरंग दल के अनुसार दूसरे धर्म की लड़कियां जब हिंदुओं के घर में बहु बनकर आएंगी तो उन्हें सही मायने में सांस्कृतिक परंपरा का ज्ञान होगा. एक ऐसी परंपरा, जिसमें महिलाओं को सम्मान और बराबरी का हक है. दूसरे धर्म से जुड़ी रहकर ऐसी लड़कियां भारत की संस्कृति को सही मायने में समझ नहीं पाती हैं. 


एक लाख लड़कियां 'लव जिहाद' की शिकार
आगरा में जो पर्चे बांटे गए, उसके अनुसार सिर्फ भारत की एक लाख लड़कियां 'लव जिहाद' का शिकार हो चुकी हैं. इसमें बताया गया है कि ज्यादातर लड़कियों को शादी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन करवा दिया जाता है और फिर उन्हें मुंबई, कोलकाता या सउदी अरब के सेक्स मार्केट में बेच दिया जाता है.

वो तो 'झूठ' बोलकर फांसते हैं, आप क्या करेंगे?
चलिए माना कि नाम बदलकर, गले में भगवान की माला डालकर वो हिंदू लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसाते हैं. ऐसे में 'बहु लाओ, बेटी बचाओ' प्लान के तहत 'बेटी बचाने' के लिए तो आपने पर्चे बांटे पर बहु लाने के लिए आप क्या करेंगे? मस्जिद जाकर नमाज पढ़ेंगे या चर्च जाकर कोरल गाएंगे? दाढ़ी बढ़ा लेंगे और टोपी भी पहनेंगे! नॉन-वेज भी खाएंगे?

आपका प्लान फुस्स होने वाला है
क्या आप अपने पहनावे और बोल-चाल में बदलाव लाएंगे? 'बहु लाने' के लिए इतना तो करना ही होगा. अगर नहीं लाए तो दूसरे धर्म की लड़की आपके झांसे में आएगी क्यों भला! अगर बदलाव ले आए तो धर्म भ्रष्ट न हो जाएगा आपका? कहां जाएंगे उसे धोने? गंगा तो खुद सफाई की मोहताज है... तो ऐसे में बहला-फुसला कर अगर आपने एक को अपने धर्म में शामिल कर भी लिया पर आप तो धर्म से बाहर हो ही गए न! संख्या जस की तस. फिर क्या होगा हिंदुत्व के विस्तार का... सोचिए जरा.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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