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अपनी ही लगाई आग में जलता पाकिस्तान

    • अभिनव राजवंश
    • Updated: 19 फरवरी, 2017 11:36 AM
  • 19 फरवरी, 2017 11:36 AM
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ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स की रिपोर्ट में पाकिस्तान हर साल आतंकी घटनाओं से प्रभावित टॉप के पांच देशों में है. आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 सालों में पाकिस्तान के लगभग 10000 नागरिक आतंकी घटनाओं में मारे गए हैं.

फरवरी 16 को पाकिस्तान के लाल शहबाज कलंदर सूफी दरगाह पर हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या 88 हो गयी है, जबकि इस हमले में 250 से ज्यादा लोग भी घायल हुए हैं. वहीं हमले के बाद की कार्यवाई में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने देश भर में 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मारने का दावा किया है. पाकिस्तान में पिछले एक हफ्ते में लाहौर, पेशावर, क्वेटा, मोहमंद और अवारान में आतंकी हमले हुए हैं जिसमें लगभग 110 लोगों की जान गयी है, जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं.

पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो आये दिन आतंकी घटनाओं से परेशान रहता है, ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स की रिपोर्ट में भी पाकिस्तान हर साल आतंकी घटनाओं से प्रभावित टॉप के पांच देशों में रहता है. आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 सालों में पाकिस्तान के लगभग 10000 नागरिक आतंकी घटनाओं में मारे गए हैं.

पाकिस्तान किस कदर आतंकी घटनाओं से जूझ रहा है ये ऊपर दिए गए आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है, हालांकि इसका सबसे दुखद पहलू यही है कि जो पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों की जद में है वही पाकिस्तान आतंकवादियों को सबसे सुरक्षित पनागाह भी उपलब्ध कराता है. पाकिस्तान ने आज कई ऐसे आतंवादियों को पनाह दे रखी है जो न केवल भारत में मोस्ट वांटेड हैं, बल्कि कई अन्य देशों ने उन पर रोक लगा रखी है. पाकिस्तान ने जिन मोस्ट वांटेड आतंकियों को शरण दे रखी है उनमें दाउद इब्राहिम, हाफिज सईद, मसूद अज़हर, छोटा शकील प्रमुख हैं.

हालांकि भारत जब पाकिस्तान से उनके यहां शरण पाए हुए आतंकियों के खिलाफ कारवाई की बात करता है तो पाकिस्तान सीधे शब्दों में आतंकियों के होने से इनकार करता आया है, जबकि कई मामलों में वो इन आतंकियों के खिलाफ प्रयाप्त सबूत न होने का राग अलापता है. पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कारवाई से किस तरह बचता आया है इसकी बानगी साल 2011 में भी देखने को मिली थी जब...

फरवरी 16 को पाकिस्तान के लाल शहबाज कलंदर सूफी दरगाह पर हुए आत्मघाती हमले में मरने वालों की संख्या 88 हो गयी है, जबकि इस हमले में 250 से ज्यादा लोग भी घायल हुए हैं. वहीं हमले के बाद की कार्यवाई में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने देश भर में 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मारने का दावा किया है. पाकिस्तान में पिछले एक हफ्ते में लाहौर, पेशावर, क्वेटा, मोहमंद और अवारान में आतंकी हमले हुए हैं जिसमें लगभग 110 लोगों की जान गयी है, जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं.

पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो आये दिन आतंकी घटनाओं से परेशान रहता है, ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स की रिपोर्ट में भी पाकिस्तान हर साल आतंकी घटनाओं से प्रभावित टॉप के पांच देशों में रहता है. आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 सालों में पाकिस्तान के लगभग 10000 नागरिक आतंकी घटनाओं में मारे गए हैं.

पाकिस्तान किस कदर आतंकी घटनाओं से जूझ रहा है ये ऊपर दिए गए आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है, हालांकि इसका सबसे दुखद पहलू यही है कि जो पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों की जद में है वही पाकिस्तान आतंकवादियों को सबसे सुरक्षित पनागाह भी उपलब्ध कराता है. पाकिस्तान ने आज कई ऐसे आतंवादियों को पनाह दे रखी है जो न केवल भारत में मोस्ट वांटेड हैं, बल्कि कई अन्य देशों ने उन पर रोक लगा रखी है. पाकिस्तान ने जिन मोस्ट वांटेड आतंकियों को शरण दे रखी है उनमें दाउद इब्राहिम, हाफिज सईद, मसूद अज़हर, छोटा शकील प्रमुख हैं.

हालांकि भारत जब पाकिस्तान से उनके यहां शरण पाए हुए आतंकियों के खिलाफ कारवाई की बात करता है तो पाकिस्तान सीधे शब्दों में आतंकियों के होने से इनकार करता आया है, जबकि कई मामलों में वो इन आतंकियों के खिलाफ प्रयाप्त सबूत न होने का राग अलापता है. पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ कारवाई से किस तरह बचता आया है इसकी बानगी साल 2011 में भी देखने को मिली थी जब पाकिस्तान मोस्ट वांटेड ओसामा बिन लादेन को भी अपने यहां होने से इनकार करता आया था, मगर अमेरिकी सैनिकों ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ही लादेन को मार गिराया. पाकिस्तान में खुलेआम आतंकी बिना किसी डर के विष उगलते नजर आ जाते हैं, जबकि पाकिस्तान इन पर कारवाई के नाम पर अंतराष्ट्रीय समुदाय के आंखों में धूल झोंकने से ज्यादा कुछ नहीं करता.

पाकिस्तान अपने जन्म के समय से ही अपने ज्यादातर साधन संसाधन का इस्तेमाल भारत को अस्थिर करने में ही लगाता आया है. यही वजह है कि आज पाकिस्तान चरमपंथी आतंकवाद का गढ़ बनता जा रहा है. पाकिस्तान इन चरमपंथियों का इस्तेमाल भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करता है, हालांकि आकंड़े इस बात की गवाही देते हैं कि पाकिस्तान भारत को जलाने के चक्कर में अपना ही घर जला बैठा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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