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एनडीटीवी पर एक दिन का बैन: पर ये हंगामा क्यों है बरपा?

    • अरविंद मिश्रा
    • Updated: 05 नवम्बर, 2016 04:57 PM
  • 05 नवम्बर, 2016 04:57 PM
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आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेड़ियों से जकड़ दिया गया था, उसके बाद से एनडीटीवी पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है.

पठानकोट कवरेज को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हिंदी न्यूज चैनल NDTV इंडिया का प्रसारण 9 नवंबर को एक दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया है. सूत्रों के अनुसार समिति ने अपनी जांच में पाया है कि 'NDTV इंडिया' ने पठानकोट में वायुसेना बेस पर आतंकी हमले के दौरान महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक रूप से संवेदनशील सूचनाओं का प्रसारण किया था. इसके बाद से मोदी सरकार की चौतरफा आलोचना शुरू हो गयी. इस सिफारिश को लेकर सरकार को मीडिया संगठनों और सोशल मीडिया की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है

 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने NDTV इंडिया का प्रसारण एक दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया है

एनडीटीवी इंडिया पर कार्रवाई क्यों

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित अंतरमंत्रालय समिति ने कहा था कि एनडीटीवी इंडिया ने जनवरी में पठानकोट के वायुसैनिक अड्डे पर जब आतंकवादी हमला हुआ था, उस दौरान उसने सामरिक दृष्टि से संवेदनशील महत्वपूर्ण और संवेदनशील सूचनाएं अपने चैनल पर प्रसारित की थीं. मंत्रालय ने इसके बाद केबल टीवी नेटवर्क(नियमन) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए 9 नवम्बर को रात एक बजे से दस नवम्बर रात एक बजे तक पूरे देश में चैनल के प्रसारण या पुनर्प्रसारण पर एक दिन की पांबदी लगाने का आदेश दिया.

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जून 2015 में प्रोग्राम कोड का...

पठानकोट कवरेज को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने हिंदी न्यूज चैनल NDTV इंडिया का प्रसारण 9 नवंबर को एक दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया है. सूत्रों के अनुसार समिति ने अपनी जांच में पाया है कि 'NDTV इंडिया' ने पठानकोट में वायुसेना बेस पर आतंकी हमले के दौरान महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक रूप से संवेदनशील सूचनाओं का प्रसारण किया था. इसके बाद से मोदी सरकार की चौतरफा आलोचना शुरू हो गयी. इस सिफारिश को लेकर सरकार को मीडिया संगठनों और सोशल मीडिया की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है

 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने NDTV इंडिया का प्रसारण एक दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया है

एनडीटीवी इंडिया पर कार्रवाई क्यों

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा गठित अंतरमंत्रालय समिति ने कहा था कि एनडीटीवी इंडिया ने जनवरी में पठानकोट के वायुसैनिक अड्डे पर जब आतंकवादी हमला हुआ था, उस दौरान उसने सामरिक दृष्टि से संवेदनशील महत्वपूर्ण और संवेदनशील सूचनाएं अपने चैनल पर प्रसारित की थीं. मंत्रालय ने इसके बाद केबल टीवी नेटवर्क(नियमन) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए 9 नवम्बर को रात एक बजे से दस नवम्बर रात एक बजे तक पूरे देश में चैनल के प्रसारण या पुनर्प्रसारण पर एक दिन की पांबदी लगाने का आदेश दिया.

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जून 2015 में प्रोग्राम कोड का संशोधन

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जून 2015 में प्रोग्राम कोड में संशोधन करते हुए एक नया नियम जोड़कर आतंकियों के खिलाफ पुलिस के ऑपरेशन के कवरेज को लेकर चैनलों पर बैन लगाया था. इस नियम के अनुसार, जब तक ऑपरेशन खत्म नहीं हो जाता तब तक सरकारी प्रवक्ता जो जानकारी देंगे, मीडिया बस उसे ही प्रसारित कर सकता है

एनडीटीवी की तरफ से जारी बयान

‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का आदेश प्राप्त हो चुका है. बेहद हैरानी की बात है कि एनडीटीवी को इस तरीके से चुना गया. हर चैनल और अखबार की कवरेज एक जैसी ही थी. वास्तविकता यह है कि एनडीटीवी की कवरेज विशेष रूप से संतुलित थी. आपातकाल के काले दिनों के बाद जब प्रेस को बेड़ियों से जकड़ दिया गया था, उसके बाद से एनडीटीवी पर इस तरह की कार्रवाई अपने आप में असाधारण घटना है. इसके मद्देनजर इस मामले में एनडीटीवी  सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है.’

एडिटर्स गिल्ड ने की एनडीटीवी पर बैन की निंदा

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक प्रमुख हिंदी चैनल का प्रसारण एक दिन के लिए रोकने के एक अंतर-मंत्रालयी पैनल के अभूतपूर्व निर्णय की कड़ी आलोचना की है एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया:  ''सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से न्यूज चैनल पर लगाया गया बैन आपातकाल की याद दिलाता है। यह सरासर मीडिया की आजादी और लोगों की स्वतंत्रता का हनन है''

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क्या कहा राजनेताओं ने

- श्रीकांत शर्मा, भाजपा सचिव: 'मीडिया की स्वतंत्रता का हम समर्थन करते हैं, लेकिन राष्ट्र सर्वप्रथम है. सुरक्षा से कोई समझौता नहीं हो सकता'

- राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष: 'सरकार का यह फैसला सदमे जैसा है, यह अभूतपूर्व है'

- शरद यादव, जदयू नेता: 'अब से मीडिया अपना निष्पक्ष और स्वतंत्र दृष्टिकोण रखने में डरेगा'

- ममता बनर्जी: 'एनडीटीवी पर प्रतिबंध लगाना चौंकाने वाला है. यदि सरकार पठानकोट कवरेज को मुद्दा बना रही है तो इसके लिए अन्य प्रावधान हैं लेकिन यह कार्रवाई आपातकाल जैसे हालात दर्शाती है"

- अरविंद केजरीवाल: 'मुझे उम्मीद है कि एनडीटीवी के समर्थन में पूरी मीडिया एक दिन के लिए ऑफ-एयर होगी.'

- प्रशांत भूषण: 'कल मोदी ने अच्छी पत्रकारिता के लिए गोयनका अवॉर्ड बांटते हुए कहा था कि आपातकाल को हमें नहीं भूलना चाहिए और आज एनडीटीवी को बैन कर दिया. यह कैसा पाखंड है? यह मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर करारा हमला है.'

पहले कब-कब हुई कार्रवाई:

एएक्सएन पर दो महीने का बैन- 17 जनवरी 2007 को अश्लील प्रोग्राम दिखाने पर सरकार ने एएक्सएन चैनल के प्रसारण पर दो महीने के लिए बैन लगा दिया था. एएक्सएन चनल पर 'वर्ल्ड्स सेक्सिएस्ट एडवर्टाइजमेंट' नाम से एक प्रोग्राम प्रसारित किया गया था. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना था कि इसमें दिखाया गया कंटेंट अश्लील था, जिस वजह से चैनल का प्रसारण दो महीने के लिए रोक दिया गया था.

एफटीवी इंडिया पर दो महीने का प्रतिबंध- 29 मार्च 2007 को भारत सरकार ने फैशन टीवी इंडिया के प्रसारण पर दो महीने का प्रतिबंध लगाया था. एफटीवी इंडिया चैनल पर 'मिडनाइट हॉट' नाम से देर रात एक प्रोग्राम का प्रसारण किया जाता था. सूचना और प्रसारण मंत्रालय का आरोप था कि इस प्रोग्राम में दिखाया गया कंटेंट बेहद अश्लील था, इसलिए एफटीवी इंडिया चैनल पर बैन लगाया गया था.

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सिने वर्ल्ड पर एक महीने का बैन- 24 मार्च 2005 को सरकार ने एक सिनेमा चैनल सिने वर्ल्ड पर बैन लगाकर इसका प्रसारण एक महीने के लिए बंद कर दिया गया था. सिने वर्ल्ड चैनल पर 26 नवंबर 2004 को एक एडल्ट फिल्म का प्रसारण किया गया था. अश्लील प्रोग्राम दिखाने को कारण बताकर चैनल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकार ने इस पर 30 दिन का बैन लगाया.

जनमत चैनल पर 30 दिन का प्रतिबंध- 19 सितंबर 2007 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने जनमत चैनल पर एक महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. जनमत चैनल पर एक टीचर का स्टिंग ऑपरेशन दिखाया गया था. भारत सरकार का कहना था कि इस स्टिंग ऑपरेशन में न्यूज चैनल ने प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया. इस वजह से चैनल का प्रसारण एक महीने के लिए रोक दिया गया था.

अल जजीरा पर 5 दिन का बैन- भारत सरकार ने 10 अप्रैल 2015 को अल जजीरा चैनल का प्रसारण पांच दिन के लिए रोक दिया था. अल जजीरा चैनल पर एक प्रोग्राम के दौरान भारत का नक्शा दिखाया गया था. सरकार का कहना था कि अल जजीरा ने भारत के गलत नक्शे का प्रसारण किया था जिस वजह से उस पर पांच दिन का प्रतिबंध लगाया गया.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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