• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
समाज

शादी के चार साल बाद भी वर्जिन लड़की की कहानी उसी की ज़ुबानी!

    • आईचौक
    • Updated: 28 अप्रिल, 2017 03:53 PM
  • 28 अप्रिल, 2017 03:53 PM
offline
सुहागरात को उसने मुझे एक नया फोन दिया! हम दोनों ही बहुत थके हुए थे इसलिए तुरंत ही सो गए. खुशी के मारे मेरे पैर जमीन पर ही नहीं टिक रहे थे!

चाहे इंसान हो या जानवर प्यार की भूख हर किसी को होती है या ये कहें कि अधिकतर लोगों को तो प्यार की चाहत होती ही है. लेकिन जब प्यार के नाम पर धोखा मिलता है तो बहुत दर्द होता है. ऐसा लगता है जैसे सारी दुनिया खत्म सी हो गई. है ना? आप क्या करेंगे जब आपको पता चले कि जिस व्यक्ति को आप अपनी हथेलियों की तरह जानते हैं और जिसे आपने जान से बढ़कर प्यार किया था वो अचानक बदल जाए तो? 25 साल की इस लड़की की कहानी पढ़कर ऐसा ही कोई शॉक आपको लगने वाला है.शादी के नाम पर छलावा

पढ़िए एक चार साल की शादीशुदा कुंवारी लड़की कहानी उसकी ही जुबानी-

जब मैं कॉलेज में थी तब दिल के दौरे की वजह से मेरी मां की मौत हो गई थी. मैंने ऑनलाइन एक दोस्त बनाया था. जल्दी ही हम दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गए. एक दिन बातों ही बातों में मैंने उसे एक लड़के के बारे में बताया जिसे मैं पसंद करती थी. इसके बाद ही उसे ये महसूस हुआ कि वो मुझसे प्यार करता है और मुझे नहीं छोड़ सकता था. उसने मुझे प्रपोज किया लेकिन मेरे मन में उसके लिए ऐसी कोई भावना नहीं थी. मैं उसकी तरफ आकर्षित नहीं थी. उसने मेरी ना को स्वीकार नहीं किया और हर हफ्ते मुझसे मिलने आने लगा. वो मेरे शहर से पांच घंटे की दूरी पर रहता था लेकिन फिर भी वो बिन नागा हर हफ्ते मुझसे मिलने आया करता था. हर हफ्ते हम मिलते और वो मुझे मनाने की कोशिश करता. वो मुझे ये बताता कि कैसे हम दोनों हमेशा सुखी रहेंगे क्योंकि उसे भी किताबें पसंद थी, मुझे भी. उसे भी पहेलियां और क्विज सॉल्व करना अच्छा लगता था, मुझे भी. वो मेरे कॉलेज के बाहर घंटों खड़े होकर मेरा इंतजार करता था. मेरे दोस्तों के साथ उसका व्यवहार भी बहुत शानदार रहता था! यहां तक ​​कि मेरे दोस्त भी मुझसे पूछने लगे थे कि आखिर क्यों मैं ऐसे अच्छे लड़के को मना कर रही हूं.

वो बुद्धिमान,...

चाहे इंसान हो या जानवर प्यार की भूख हर किसी को होती है या ये कहें कि अधिकतर लोगों को तो प्यार की चाहत होती ही है. लेकिन जब प्यार के नाम पर धोखा मिलता है तो बहुत दर्द होता है. ऐसा लगता है जैसे सारी दुनिया खत्म सी हो गई. है ना? आप क्या करेंगे जब आपको पता चले कि जिस व्यक्ति को आप अपनी हथेलियों की तरह जानते हैं और जिसे आपने जान से बढ़कर प्यार किया था वो अचानक बदल जाए तो? 25 साल की इस लड़की की कहानी पढ़कर ऐसा ही कोई शॉक आपको लगने वाला है.शादी के नाम पर छलावा

पढ़िए एक चार साल की शादीशुदा कुंवारी लड़की कहानी उसकी ही जुबानी-

जब मैं कॉलेज में थी तब दिल के दौरे की वजह से मेरी मां की मौत हो गई थी. मैंने ऑनलाइन एक दोस्त बनाया था. जल्दी ही हम दोनों बेस्ट फ्रेंड बन गए. एक दिन बातों ही बातों में मैंने उसे एक लड़के के बारे में बताया जिसे मैं पसंद करती थी. इसके बाद ही उसे ये महसूस हुआ कि वो मुझसे प्यार करता है और मुझे नहीं छोड़ सकता था. उसने मुझे प्रपोज किया लेकिन मेरे मन में उसके लिए ऐसी कोई भावना नहीं थी. मैं उसकी तरफ आकर्षित नहीं थी. उसने मेरी ना को स्वीकार नहीं किया और हर हफ्ते मुझसे मिलने आने लगा. वो मेरे शहर से पांच घंटे की दूरी पर रहता था लेकिन फिर भी वो बिन नागा हर हफ्ते मुझसे मिलने आया करता था. हर हफ्ते हम मिलते और वो मुझे मनाने की कोशिश करता. वो मुझे ये बताता कि कैसे हम दोनों हमेशा सुखी रहेंगे क्योंकि उसे भी किताबें पसंद थी, मुझे भी. उसे भी पहेलियां और क्विज सॉल्व करना अच्छा लगता था, मुझे भी. वो मेरे कॉलेज के बाहर घंटों खड़े होकर मेरा इंतजार करता था. मेरे दोस्तों के साथ उसका व्यवहार भी बहुत शानदार रहता था! यहां तक ​​कि मेरे दोस्त भी मुझसे पूछने लगे थे कि आखिर क्यों मैं ऐसे अच्छे लड़के को मना कर रही हूं.

वो बुद्धिमान, विचारशील, क्रिएटिव, संवेदनशील और बहुत ही परिपक्व लड़का था. उसके माता-पिता इस दुनिया में नहीं थे और वही अपनी दादी और भाई का ख्याल रखता था. एक बार मैंने उसे कह दिया कि वो मुझे मनाने की कोशिश करना बंद कर दे. हम दोनों दोस्त भी तभी रह सकते हैं जब वो इस मुद्दे पर वो आगे से मुझसे बात नहीं करेगा. मुझे अभी भी याद है कि कैसे मैं मेट्रो स्टेशन के एस्केलेटर पर गुस्से से चली गई थी लेकिन वो वहीं पर खड़ा रहा. सुन्न और आंसुओं से भरी आंखों के साथ वो बुत बनकर खड़ा रहा था. मुझे बहुत बुरा लग रहा था. मैंने उसे सॉरी का एक मैसेज भेजा और अगले दिन सिर्फ ये जानने के लिए उसे फोन किया कि वो ठीक है या नहीं.

पांच महीने बीत गए. अब मेरे दिल में उसके प्रति बदलाव होने लगा था. क्योंकि इस बीच कुछ ऐसी घटनाएं हुई जब उसने दिखाया कि वो कितना परिपक्व और समझदार इंसान है. मैं अब उसके प्रति आकर्षित महसूस करने लगी थी. आखिर में मैंने उसे हाँ कह दिया! एक साल साथ रहने के बाद हमने शादी कर ली. हालांकि मैं अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती थी लेकिन मेरे पिताजी मुझ पर बहुत गुस्सा थे और वो मुझे अपने घर से बाहर निकालना चाहते थे. एक सादे से समारोह में हमारी शादी हो गई. हमारी शादी इतनी सादगी से हुई कि मैं अपने किसी भी दोस्त शादी में बुला तक नहीं पाई.

सुहागरात को उसने मुझे एक नया फोन दिया! हम दोनों ही बहुत थके हुए थे इसलिए तुरंत ही सो गए. खुशी के मारे मेरे पैर जमीन पर ही नहीं टिक रहे थे!

शादी के नाम पर छलावा

हालांकि मुझे कुछ अलग सा महसूस हुआ. हम दोनों के बीच में कभी भी किसी भी तरह का शारीरिक संपर्क नहीं हुआ था. हम हनीमून पर भी नहीं गए क्योंकि उसकी दादी हमारे साथ ही रह रहीं थीं. लेकिन बाद में मुझे एहसास हुआ कि वह कभी मेरे साथ अंतरंग होना ही नहीं चाहता था. शुरूआत में मुझे लगा कि ऑफिस के तनाव की वजह से वो थक जाता होगा, लेकिन फिर ये रोज़ाना होने लगा. एक दिन मैंने उससे बात करने का फैसला किया. लेकिन उसने मेरे सवाल का मुझे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि उसे सोना है. जब मैंने उससे जवाब जानने की ज़िद की और कहा कि इस टॉर्चर को मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती तो वो इतना चिढ़ गया कि उसने मुझे थप्पड़ जड़ दिया. मेरे गाल पर खींच कर तमाचा मारा था. मैं स्तब्ध थी. मैं आँखों में आँसू लिए वहां बैठ गई. मुझे ये समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर ये मेरे साथ हो क्या रहा है. हालांकि इसके बाद उसने मुझसे खुब माफी मांगी, मिन्नतें की, मुझे शांत किया और बिस्तर पर मुझे लेटा दिया. मुझे पता था कुछ तो गड़बड़ है.

ये अब रोज की बात हो गई थी. हम रूममेट/दोस्त की तरह रहते थे. हम साथ में किराने की खरीदारी करने, फिल्में देखने, बाहर खाना खाने के समय एक हंसमुख और सुखी कपल थे. लेकिन जब भी बात अंतरंगता की आती थी तो वो हमारे बीच कभी रही ही नहीं. हर रात जब वो मेरे बगल में खर्राटे भरकर सोता रहता था तो मैं रोती रहती थी. मुझे ये समझ ही नहीं आता था कि आखिर वो भावनाएं कहाँ चली गई थी. अपने दिमाग से मेट्रो स्टेशन वाली उसकी वो डबडबाई आंखें मुझे भूल ही नहीं पाती. मुझे वो वक्त याद आता है जब वो मेरा पीछा किया करता था, मेरे साथ प्यार करना चाहता था, रोमांटिक होना चाहता था. लेकिन अब शादी के बाद वो मुझसे बात भी नहीं करता था!

मैं अपने पिता के पास वापस नहीं जा सकती थी. मैं उदास थी. जिस आदमी से मैंने शादी की थी वो मुझे प्यार करना तो दूर, मुझे छूना और चूमना भी नहीं चाहता था. और जब भी मैं ये बात उसके सामने उठाती थी तो वो गुस्सा हो जाता था. जब भी टीवी पर कोई रोमांटिक सीन आता तो वो उठकर दूसरे कमरे में चले जाता. मैं जो कुछ भी कर सकती थी वो सब किया. मैं टूट चुकी थी, हताश थी, मेरा कोई आत्मसम्मान नहीं रह गया था. मैं अब हमेशा नाराज रहने लगी थी.

मैंने उसके किसी और से अफेयर का पता किया, उसकी पिछली गर्लफ्रेंड के बारे में जानकारी जुटाई, यहां तक की मैंने उससे ये भी पूछा कि क्या वो गे है और मुझसे शादी सिर्फ समाज के डर की वजह से की है. उसने हर बात से मना कर दिया लेकिन फिर भी उसने मुझे जवाब दिया. ऐसा लग रहा था मानों स्विच बंद कर दिया गया है.

तीन सालों तक मैं इस झूठी जिंदगी को जीती रही. लोगों के सामने खुश रहने का ढोंग किया, मुझे चप्पल, बेल्ट से मारा गया, मेरे ऊपर सामान फेंके गए थे, मैंने अपने चोट को छुपा लिया. मेरी तो माँ/बहन भी नहीं थी जिससे मैं अपने मन की ये बातें बताती. इन तीन सालों में कई बार मुझे लगा कि मैं अपने पिताजी के पास वापस चली जाऊं. लेकिन मुझे ये डर लग जाता कि पापा उसके साथ क्या करेंगे, साथ ही कितने ताने मारेंगे.

मैं टूटने वाली नहीं

मेरी समस्या ये नहीं थी कि हम दोनों के बीच पति-पत्नी जैसा कोई संबंध नहीं था, बल्कि मुझे तो दिक्कत इस बात से थी वो इस बात को स्वीकार करने से भी इनकार करता था. साथ ही इस बारे में कुछ भी करने से मना कर देता था. हमारे बीच में सिर्फ सेक्स की ही कमी नहीं थी बल्कि हमारे बीच तो अब किसी तरह का कोई रोमांस भी नहीं था! जैसे ऑफिस से कभी भी वो मुझे कोई प्यारे मैसेज नहीं करता, या जब भी मैं कभी बाहर होती तो 'मिस यू' का भी मैसेज नहीं आता. उसके साथ टेलीफोन पर होने वाली हर बात रोबोटिक और मैकेनिकल जैसी थी. मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि वो प्यारी बातें, रोमांटिक एसएमएस ये सब कहां चले गए थे. शादी से पहले हमारे बीच सब कुछ था! जब भी मैं उससे पूछती कि अचानक से वो इतना कैसे बदल सकता है तो उसके पास कोई जवाब नहीं होता था. उसका सिर्फ एक ही जवाब होता कि वो इस बारे में सोचता ही नहीं है क्योंकि इससे वो खुद को दोषी फील करने लगता है और निराश हो जाता है.

लेकिन सबसे अजीब बात ये थी कि जब भी मैं अपना सामान पैक करके उस घर से निकलने लगती थी तो वो एक बच्चे की तरह रोना शुरू कर देता था. ठीक वैसे ही जैसे वो मेट्रो स्टेशन पर रोया था. वो घुटनों पर बैठकर मुझसे माफ़ी माँगने लगता, मुझसे नहीं जाने की भीख मांगने लगता, मुझसे माफ कर देने की गुहार लगाता और वचन भी देता कि इसके बारे में वो जरुर कुछ करेगा. वो मुझे इतनी जोर से गले लगा लेता जैसे मुझे कभी कहीं जाने ही नहीं देगा, मुझे कई चीजें खरीद कर देता और एक या दो दिन मेरी बहुत अच्छे से देखभाल रखता.

लेकिन उसके बाद फिर ढाक के तीन पात. चीजें कभी नहीं बदली. हमने तलाक के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है. मेरे पिताजी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं अब एक दूसरे शहर में अपनी दोस्त के साथ रह रही हूं और ये पता लगाने की कोशिश कर रही हूं कि आगे मुझे करना क्या है.

मैं खुद अपनी बड़ाई नहीं करना चाहती लेकिन मैं एक बहुत ही पॉजीटिव और स्ट्रॉन्ग लड़की हूं. मैंने इससे बदतर चीजों का सामना किया है और मैं अब 25 साल का हूँ. मैं अब भी प्यार में भरोसा करती हूं. मैं अब भी लोगों पर विश्वास करती हूं. जिस व्यक्ति पर मैंने सबसे ज्यादा भरोसा किया था उसी ने मुझे चोट पहुंचाई है. हो सकता है कि किसी और पर भरोसा करने में मुझे थोड़ी दिक्कत हो लेकिन फिर भी मुझे कोई तोड़ नहीं सकता. मैं अब भी लोगों में अच्छाई को देखती हूं. मुझे आज भी भरोसा है कि मेरे लिए एक बना है जो सिर्फ मुझसे प्यार करेगा.

ये भी पढ़ें-

शादी से पहले भारतीय लड़कियों को ऐसे समझाया जाता है सेक्स !

किसी को तो बख्‍श दो ! एपल की सीरी से लोग करने लगे हैं 'गंदी बात'

भारतीयों की SEX लाइफ 12 साल में ऐसे बदली

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    आम आदमी क्लीनिक: मेडिकल टेस्ट से लेकर जरूरी दवाएं, सबकुछ फ्री, गांवों पर खास फोकस
  • offline
    पंजाब में आम आदमी क्लीनिक: 2 करोड़ लोग उठा चुके मुफ्त स्वास्थ्य सुविधा का फायदा
  • offline
    CM भगवंत मान की SSF ने सड़क हादसों में ला दी 45 फीसदी की कमी
  • offline
    CM भगवंत मान की पहल पर 35 साल बाद इस गांव में पहुंचा नहर का पानी, झूम उठे किसान
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲