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कितनी 'सविता भाभी' के नाम आएंगे सामने...

    • चंदन कुमार
    • Updated: 19 अगस्त, 2015 06:50 PM
  • 19 अगस्त, 2015 06:50 PM
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करीब 81 हजार शादीशुदा भारतीय महिलाओं ने अपने पति के अलावा भी 'संबंध' बना रखे हैं - एशले मेडिसन डेटिंग साइट पर. साइट के यूजर्स डेटा को हैक कर ऑनलाइन जारी करने से बवाल मचने वाला है.

अपने पार्टनर के पीछे रोमांस करना कोई आज की बात नहीं है. और न ही ऐसा है कि यह किसी सेक्स विशेष पर लागू होता है. हां यह जरूर हुआ है कि संचार तकनीक खासकर इंटरनेट के आने से लोग ऐसे 'अवैध' रोमांस में ज्यादा लिप्त रहने लगे हैं. उन्हें लगा कि इसमें बंदिश नहीं है और उनका यह 'संबंध' भी गुप्त रहेगा. वो गलत थे. अपने साथी को धोखा देने वाली डेटिंग साइट एशले मेडिसन के मेंबर्स की डिटेल पिछले महीने चोरी कर ली गई थी और इसे 18 अगस्त को ऑनलाइन जारी भी कर दी गई है.

3,88,55,000. यह एशले मेडिसन साइट के 'बेनाम' यूजर्स की संख्या है. अगर आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं, इसका मतलब भारत से कुछ न कुछ कनेक्शन है. ऐसे में आपके लिए यह जानकारी चौंकाने वाली हो सकती है कि भारत के 2.7 लाख लोग इस साइट के यूजर्स हैं - वो भी डेढ़ साल के भीतर, बिना किसा प्रोमोशन के. भारत में इसकी पॉप्युलरिटी को देखते हुए साइट के हिंदी वर्जन को भी लॉन्च करने की तैयारी है.

एशले मेडिसन साइट की 30 प्रतिशत यूजर्स महिलाएं हैं. इस हिसाब से करीब 81 हजार शादीशुदा भारतीय महिलाएं अपने पति के अलावा भी किसी और से 'संबंध' बना रखी हैं. साइट के यूजर्स की चुराई गई डेटा में अगर इन भारतीयों महिलाओं की भी डेटा हुई तो संस्कार-संस्कृति के नाम पर एक और कैंडल मार्च के लिए तैयार हो जाइए... क्योंकि यह देश सब कुछ सह सकता है पर खुले में 'सविता भाभियों' का आना 'बर्दाश्त' नहीं करेगा.

दरअसल इस हैकिंग के पीछे एशले मेडिसन की मार्केटिंग स्ट्रैटिजी है. अगर आप एक बार इस साइट के यूजर्स बन गए और किसी कारण से इस लत से बाहर निकलना चाहते हैं तो आपको अपने अकाउंट और उससे जुड़ी सारी जानकारी को डिलीट करवाने के लिए 20 डॉलर देने होते हैं. इसके बाद भी आपसे जुड़ी सारी जानकारी डिलीट कर दी जाए, इस पर शक है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस 'इंपैक्ट टीम' नाम के हैकर ने जानकारी चुराई है, उसी ने कंपनी द्वारा डिलीट किए कुछ अकाउंट की जानकारी देते हुए एविड लाइफ मीडिया (एशले मेडिसन साइट की कंपनी) पर गंभीर आरोप लगाए थे.   ...

अपने पार्टनर के पीछे रोमांस करना कोई आज की बात नहीं है. और न ही ऐसा है कि यह किसी सेक्स विशेष पर लागू होता है. हां यह जरूर हुआ है कि संचार तकनीक खासकर इंटरनेट के आने से लोग ऐसे 'अवैध' रोमांस में ज्यादा लिप्त रहने लगे हैं. उन्हें लगा कि इसमें बंदिश नहीं है और उनका यह 'संबंध' भी गुप्त रहेगा. वो गलत थे. अपने साथी को धोखा देने वाली डेटिंग साइट एशले मेडिसन के मेंबर्स की डिटेल पिछले महीने चोरी कर ली गई थी और इसे 18 अगस्त को ऑनलाइन जारी भी कर दी गई है.

3,88,55,000. यह एशले मेडिसन साइट के 'बेनाम' यूजर्स की संख्या है. अगर आप इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं, इसका मतलब भारत से कुछ न कुछ कनेक्शन है. ऐसे में आपके लिए यह जानकारी चौंकाने वाली हो सकती है कि भारत के 2.7 लाख लोग इस साइट के यूजर्स हैं - वो भी डेढ़ साल के भीतर, बिना किसा प्रोमोशन के. भारत में इसकी पॉप्युलरिटी को देखते हुए साइट के हिंदी वर्जन को भी लॉन्च करने की तैयारी है.

एशले मेडिसन साइट की 30 प्रतिशत यूजर्स महिलाएं हैं. इस हिसाब से करीब 81 हजार शादीशुदा भारतीय महिलाएं अपने पति के अलावा भी किसी और से 'संबंध' बना रखी हैं. साइट के यूजर्स की चुराई गई डेटा में अगर इन भारतीयों महिलाओं की भी डेटा हुई तो संस्कार-संस्कृति के नाम पर एक और कैंडल मार्च के लिए तैयार हो जाइए... क्योंकि यह देश सब कुछ सह सकता है पर खुले में 'सविता भाभियों' का आना 'बर्दाश्त' नहीं करेगा.

दरअसल इस हैकिंग के पीछे एशले मेडिसन की मार्केटिंग स्ट्रैटिजी है. अगर आप एक बार इस साइट के यूजर्स बन गए और किसी कारण से इस लत से बाहर निकलना चाहते हैं तो आपको अपने अकाउंट और उससे जुड़ी सारी जानकारी को डिलीट करवाने के लिए 20 डॉलर देने होते हैं. इसके बाद भी आपसे जुड़ी सारी जानकारी डिलीट कर दी जाए, इस पर शक है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिस 'इंपैक्ट टीम' नाम के हैकर ने जानकारी चुराई है, उसी ने कंपनी द्वारा डिलीट किए कुछ अकाउंट की जानकारी देते हुए एविड लाइफ मीडिया (एशले मेडिसन साइट की कंपनी) पर गंभीर आरोप लगाए थे.     

तो इस देश की सविता भाभियों और 'आदरणीय' भाइयों... गलत तो गलत होता है साहब. पार्टनर को धोखा देना तो गलत ही माना जाएगा. इससे पहले कि तकनीक आपकी/आपके पार्टनर को आपके 'काले' कारनामे के बारे में बताए, आप खुद ही उन्हें बता दें. थोड़ी नोक-झोंक होगी लेकिन मामले के शांत हो जाने का चांस बचा रहेगा. क्या है कि दूसरों से पता चलने पर मामला और उलझ सकता है.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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