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गौ-रक्षा करता अंग्रेजी बोलने वाला मौलाना

    • विवेक शुक्ला
    • Updated: 05 अक्टूबर, 2015 08:16 PM
  • 05 अक्टूबर, 2015 08:16 PM
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उमेर इलियासी कहते हैं कि हदीस और कुरान में गौवध को पूर्ण रूप से निषेध बताया गया है. तो ये है इस्लाम का मत गौ-वध को लेकर.

गौ-मांस को लेकर चल रही सियासत के बीच बहुत से मुसलमान गौ रक्षा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. उनमें मौलाना उमेर इलियासी भी शामिल हैं. वे देशभर में घूमते हैं अपने साथियों के साथ गौ रक्षा के हक में माहौल बनाने के लिए. इस्लामिक मामलों के विद्वान मौलाना इलियासी अपने को भगवान कृष्ण का वंशज होने का दावा करते हैं. वे आपसे मिलते हैं तो ‘आदाब’ के साथ-साथ ‘राधे-राधे’ भी कहते हैं. कहते हैं, क्या मैं या कोई अपने वशंजों को भूल सकता है?

मौलाना इलियासी बीते पांच सालों से गौ-रक्षा के लिए दिन-रात मुसलमानों के बीच में अभियान चला रहे हैं. कहते हैं, मुझे मुसलमानों का उम्मीद से कहीं ज्यादा समर्थन मिल रहा है. वे अखिल भारतीय इमाम संघ के प्रमुख भी हैं. इससे देश के हजारों मस्जिदों के इमाम जुड़े हैं. गौ-रक्षा को लेकर किस तरह की रणनीति बनाई जाए, इस सवाल पर उनकी अपने साथियों के साथ आज-कल बैठकें जारी हैं. सोमवार को कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित इमाम हाउस में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु मिले भी ताकि गौ रक्षा के लिए मिलकर रणनीति बने. इनमें ईसाई, जैन, यहूदी, सिख वगैरह धर्मों के धर्मगुरु भी थे.

उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने मित्रों के साथ मिलकर अखिल भारतीय मुस्लिम गौ-पालक सम्मेलन की स्थापना की है. वे देश भर में मुसलमानों के बीच में गौ-रक्षा के लिए आंदोलन चला रहे हैं. उनसे गौ-मांस को त्यागने का आह्वान कर रहे हैं. सब जगहों से उन्हें बेहद सकारात्मक रिस्पांस मिल रहा है. वे हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल वगैरह में सम्मेलन कर चुके हैं. और कहां-कहां करेंगे गौ-रक्षा के लिए सम्मेलन ? धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलने वाले मौलाना उमेर कहते हैं कि देश भर में. ये सिलसिला चलता रहेगा. इस रोकने का तो कोई मतलब ही नहीं है. उनका दावा है कि देश में सिर्फ सिर्फ 3 फीसदी मुसलमान ही गौ मांस का सेवन करते हैं.

वे राजधानी में इंडिया गेट से सटी कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद के इमाम हैं. राजधानी के प्रसिद्ध भारतीय विद्या भवन के छात्र रहे मौलाना इलियासी ने...

गौ-मांस को लेकर चल रही सियासत के बीच बहुत से मुसलमान गौ रक्षा के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. उनमें मौलाना उमेर इलियासी भी शामिल हैं. वे देशभर में घूमते हैं अपने साथियों के साथ गौ रक्षा के हक में माहौल बनाने के लिए. इस्लामिक मामलों के विद्वान मौलाना इलियासी अपने को भगवान कृष्ण का वंशज होने का दावा करते हैं. वे आपसे मिलते हैं तो ‘आदाब’ के साथ-साथ ‘राधे-राधे’ भी कहते हैं. कहते हैं, क्या मैं या कोई अपने वशंजों को भूल सकता है?

मौलाना इलियासी बीते पांच सालों से गौ-रक्षा के लिए दिन-रात मुसलमानों के बीच में अभियान चला रहे हैं. कहते हैं, मुझे मुसलमानों का उम्मीद से कहीं ज्यादा समर्थन मिल रहा है. वे अखिल भारतीय इमाम संघ के प्रमुख भी हैं. इससे देश के हजारों मस्जिदों के इमाम जुड़े हैं. गौ-रक्षा को लेकर किस तरह की रणनीति बनाई जाए, इस सवाल पर उनकी अपने साथियों के साथ आज-कल बैठकें जारी हैं. सोमवार को कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित इमाम हाउस में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु मिले भी ताकि गौ रक्षा के लिए मिलकर रणनीति बने. इनमें ईसाई, जैन, यहूदी, सिख वगैरह धर्मों के धर्मगुरु भी थे.

उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने मित्रों के साथ मिलकर अखिल भारतीय मुस्लिम गौ-पालक सम्मेलन की स्थापना की है. वे देश भर में मुसलमानों के बीच में गौ-रक्षा के लिए आंदोलन चला रहे हैं. उनसे गौ-मांस को त्यागने का आह्वान कर रहे हैं. सब जगहों से उन्हें बेहद सकारात्मक रिस्पांस मिल रहा है. वे हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल वगैरह में सम्मेलन कर चुके हैं. और कहां-कहां करेंगे गौ-रक्षा के लिए सम्मेलन ? धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलने वाले मौलाना उमेर कहते हैं कि देश भर में. ये सिलसिला चलता रहेगा. इस रोकने का तो कोई मतलब ही नहीं है. उनका दावा है कि देश में सिर्फ सिर्फ 3 फीसदी मुसलमान ही गौ मांस का सेवन करते हैं.

वे राजधानी में इंडिया गेट से सटी कस्तूरबा गांधी मार्ग मस्जिद के इमाम हैं. राजधानी के प्रसिद्ध भारतीय विद्या भवन के छात्र रहे मौलाना इलियासी ने बताया कि ईद उल जुहा से चंद रोज पहले उन्होंने हरियाणा के मुसलमान बहुल मेवात जिले में गौ-रक्षा के लिए सम्मेलन किया. इसमें हजारों मुसलमानों ने गौ- रक्षा का संकल्प लिय़ा.

उमेर इलियासी कहते हैं कि हदीस और कुरान में गौवध को पूर्ण रूप से निषेध बताया गया है. तो ये है इस्लाम का मत गौ-वध को लेकर. मौलाना उमेर इलियासी को इस बात का अफसोस है कि गौ-मांस को लेकर देश के कुछ भागों में  मासूमों को निशाना बनाया जा रहा है. गौ- मांस पर राजनीति करने के लिए वे लालू यादज पर वार करते हैं. कहते हैं कोई यादव गौमांस की बात भी करेगा ये यकीन से परे. वे वोटों की खातिर बिहार के अवाम को भटका रहे हैं. वे बिहार की तासीर और रिवायतों की अनदेखी कर रहे हैं.

इस बीच, अंग्रेजी के कथाकार और राजधानी के मॉडर्न स्कूल में टीचर डॉ. फिरोज बख्त अहमद ने बताया कि गौ-रक्षा को लेकर मौलाना इलियासी को देवबंद का दारूल उलूम समर्थन देता है. दारूल उलूम की तरफ से कुछ समय पहले मुसलमानों को सलाह दी गई थी कि वे गौ-वध से बचें. दारुल उलूम का मत है कि शरीयत में साफतौर पर लिखा है कि यदि कानून गौ-वध की अनुमति नहीं देता तो इसके सेवन से बचना बेहतर होगा.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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