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योगी जी इस करप्ट तंत्र के चलते मेरी गाड़ी भूखी है 'सुन रहे हैं आप'

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 10 मई, 2017 10:00 PM
  • 10 मई, 2017 10:00 PM
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योगी जी, आपके राज में, तेल चोरी के विरुद्ध चलाए गए अभियान के बाद पेट्रोल पम्प मालिकों ने तानाशाही भरा रुख अख्तियार करते हुए अपने अपने पेट्रोल पम्प या तो बंद कर दिए हैं या फिर पेट्रोल देने से मना कर दिया है.

आदरणीय योगी जी,

मैं उत्तर प्रदेश का निवासी हूं, साथ ही आपकी जीत का एक महत्वपूर्ण कारक हूं. कारक यूं कि जब भाजपा जीती और आपको सीएम बनने की बात उठी तो मेरा सीना 56 नहीं 112 इंच चौड़ा हो गया. मुझे लगा, भई वाह अब सही मायनों में मेरे उजड़े बागों में बहार आई है. जिस दिन आपका शपथग्रहण था उस दिन तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था. मैं सूखी मुरझाई किशमिश से मटर भरा गोल गप्पा हो गया था. मुझे उस दिन लगा जैसे इस उल्टे तंत्र के सुधार के लिए स्वयं कान्हा अवतरित हुए हैं. ये मेरी खुशी ही थी कि जिस दिन आप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने मैंने अपने रियल दोस्तों को गुलाब जामुन खिलाई और फेसबुक तथा ट्विटर वाले दोस्तों को हल्दीराम की सोहन पापड़ी संग कैडबरी डेरी मिल्क चॉकलेट वाली फोटो में टैग किया.

योगी जी आपको इतने बड़े, इतने विशाल राज्य का मुख्य मंत्री बने हुए 2 महीना होने वाला है. मैं जानता हूं कि हद से ज्यादा बिगड़े तंत्र को दुरुस्त करने में लंबा वक्त लगता है और आप उस दिशा में प्रयत्नशील भी हैं. आप हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि आपके प्रदेश में कहीं से भी कोई कमी न हो. मैं ये भी भली प्रकार जानता हूं कि अंत में आप उत्तर प्रदेश का वो रूप देखना चाहते हैं जिसके चलते न सिर्फ प्रदेशवासी बल्कि सम्पूर्ण भारत में उत्तर प्रदेश गर्व का पर्याय हो. हम सभी समझ रहे हैं आपका भी उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक आइडियल स्टेट बनाना है.

योगी जी, बाकी बातें ठीक हैं, मैं देख रहा हूं कि प्रदेश में विकास के होने का बिगुल बज चुका है. जो अधिकारी महज कुर्सी गरम करने के लिए दफ्तरों की शान बढ़ाते थे आज आपके नाम से कांपते हैं. धीरे-धीरे लचर तंत्र सुचारू ढंग से काम कर रहा है. अब पूर्व कि अपेक्षा अपराध भी कम ही हो रहे हैं. मगर इन सब के बीच कहीं कोई ऐसा भी है जिसे आपसे तकलीफ है. कोई ऐसा जो आपसे आपकी ईमानदारी से, आपकी...

आदरणीय योगी जी,

मैं उत्तर प्रदेश का निवासी हूं, साथ ही आपकी जीत का एक महत्वपूर्ण कारक हूं. कारक यूं कि जब भाजपा जीती और आपको सीएम बनने की बात उठी तो मेरा सीना 56 नहीं 112 इंच चौड़ा हो गया. मुझे लगा, भई वाह अब सही मायनों में मेरे उजड़े बागों में बहार आई है. जिस दिन आपका शपथग्रहण था उस दिन तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं था. मैं सूखी मुरझाई किशमिश से मटर भरा गोल गप्पा हो गया था. मुझे उस दिन लगा जैसे इस उल्टे तंत्र के सुधार के लिए स्वयं कान्हा अवतरित हुए हैं. ये मेरी खुशी ही थी कि जिस दिन आप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने मैंने अपने रियल दोस्तों को गुलाब जामुन खिलाई और फेसबुक तथा ट्विटर वाले दोस्तों को हल्दीराम की सोहन पापड़ी संग कैडबरी डेरी मिल्क चॉकलेट वाली फोटो में टैग किया.

योगी जी आपको इतने बड़े, इतने विशाल राज्य का मुख्य मंत्री बने हुए 2 महीना होने वाला है. मैं जानता हूं कि हद से ज्यादा बिगड़े तंत्र को दुरुस्त करने में लंबा वक्त लगता है और आप उस दिशा में प्रयत्नशील भी हैं. आप हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि आपके प्रदेश में कहीं से भी कोई कमी न हो. मैं ये भी भली प्रकार जानता हूं कि अंत में आप उत्तर प्रदेश का वो रूप देखना चाहते हैं जिसके चलते न सिर्फ प्रदेशवासी बल्कि सम्पूर्ण भारत में उत्तर प्रदेश गर्व का पर्याय हो. हम सभी समझ रहे हैं आपका भी उद्देश्य उत्तर प्रदेश को एक आइडियल स्टेट बनाना है.

योगी जी, बाकी बातें ठीक हैं, मैं देख रहा हूं कि प्रदेश में विकास के होने का बिगुल बज चुका है. जो अधिकारी महज कुर्सी गरम करने के लिए दफ्तरों की शान बढ़ाते थे आज आपके नाम से कांपते हैं. धीरे-धीरे लचर तंत्र सुचारू ढंग से काम कर रहा है. अब पूर्व कि अपेक्षा अपराध भी कम ही हो रहे हैं. मगर इन सब के बीच कहीं कोई ऐसा भी है जिसे आपसे तकलीफ है. कोई ऐसा जो आपसे आपकी ईमानदारी से, आपकी कार्यप्रणाली से खासा खफा है. जी हां सही सुना आपने कहीं कोई आपसे नाराज है, बहुत नाराज.

योगी जी, मैं जिसकी बात कर रहा हूं वो मेरी और इस विशाल प्रदेश की राजधानी लखनऊ के तमाम लोगों की गाड़ियां हैं जो बीते कई दिनों से भूखी हैं, उन्हें खाना नहीं मिल रहा. ऐसा नहीं कि हम प्रदेशवासी अपनी-अपनी गाड़ियों का पेट भरने में असमर्थ हैं, वो इसलिए भूखी हैं क्योंकि इस लचर तंत्र ने पर्याप्त भोजन होते हुए भी उन्हें खाना खिलाने से मना कर दिया है. योगी जी मैं सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश का नहीं जानता मैं राजधानी लखनऊ में रह रहा हूं, राजधानी लखनऊ की बात कर रहा हूं जहां पेट्रोल पम्प मालिकों के मनमाने रवैये के चलते पेट्रोल नहीं मिल रहा.

योगी जी, आपके राज में, तेल चोरी के विरुद्ध चलाए गए अभियान के बाद पेट्रोल पम्प मालिकों ने तानाशाही भरा रुख अख्तियार करते हुए अपने अपने पेट्रोल पम्प या तो बंद कर दिए हैं या फिर पेट्रोल देने से मना कर दिया है. ऐसे में स्थिति बड़ी गंभीर हो गयी है, कहीं आना जाना मुहाल हो गया है. जन जीवन ठप हो चुका है. बात गुजरे दिन की है मैं तीमारदार बनते हुए एक बीमार को अस्पताल ले जा रहा था और रास्ते में मेरी गाड़ी का तेल खत्म हो गया. मैं मरीज को अस्पताल ले जाने के बजाय तेल के लिए यहां से वहां, इधर से उधर भटका मगर तब भी तेल न मिला और फिर चंद राहगीरों ने इंसानियत का परिचय देते हुए मेरी मदद की और मैं मरीज को लेकर अस्पताल पहुंच सका और उसका इलाज हुआ.

योगी जी आपको तो ज्ञात होगा ही राजधानी में चिप लगा के पेट्रोल पम्पों द्वारा पेट्रोल की चोरी की जा रही थी और जब आपने इसपर कठोर कदम उठाते हुए कड़ी कार्यवाही की तो गलती सुधारने के बजाय उन्होंने उल्टा ही बगावत का बिगुल बजा दिया और अब जो हालात हैं वो हमारे सामने हैं.

योगी जी यकीन मानिए बड़ी दिल फरेब हैं राहें विकास की. कृपया कुछ करिए, हम प्रदेश वासियों को आपसे बड़ी उम्मीदें हैं. हम इस बात को जानते और समझते हैं कि यदि आप चाह ले गए तो बहुत कुछ हो सकता है, बस आपके चाहने भर की देर है और पूरा तंत्र राईट टाइम हो जायगा. मेरे और प्रदेश के लोगों के लिए न सही हमारी भूखी गाड़ियों के लिए ही सही कुछ करिए, प्लीज़ कुछ करिए. पेट भरिये उन गाड़ियों का नहीं तो उन बेलगाम पेट्रोल पम्प मालिकों का लाइसेंस रद्द कर ये साबित कर दीजिये कि इस अन्याय और अपराध के खुले खेल में आप कॉर्पोरेट के नहीं बल्कि प्रदेश के एक आम आदमी के साथ हैं. योगी जी, याद रखिये बड़ी ही उम्मीदों के साथ हमने आपको चुना है और आप में हम अपना भविष्य देख रहे हैं, एक बेहतर प्रदेश का भविष्य.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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