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चप्पल पर तिरंगा ! कला के नाम पर यह कैसी स्वतंत्रता

    • चंदन कुमार
    • Updated: 12 अगस्त, 2015 07:09 PM
  • 12 अगस्त, 2015 07:09 PM
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कहते हैं कला को सीमाओं में नहीं बांधना चाहिए. लेकिन एक तय सीमा से परे स्वतंत्र कला कभी-कभी मजा किरकिरा भी कर देती है. चप्पल पर तिरंगे को उभारना कला के अतिरेक को ही दर्शाता है.

Access of Anything is Bad.

अंग्रेजी की यह कहावत हर किसी पर सटीक बैठती है. कहते हैं कला को सीमाओं में नहीं बांधना चाहिए लेकिन कला को भी अगर एक तय सीमा से परे स्वतंत्रता दी गई तो वह मजा किरकिरा कर देती है. एक चप्पल पर तिरंगे को उभारना और फिर उसे बेचने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर इनलिस्ट करना कला के अराजक होने का सबसे अच्छा उदाहरण है.

चप्पल पर भारत के तिरंगे सहित दुनिया के कई और देशों के झंडों को छापने का आइडिया मैक्सी-हार्मनी (MaxiHarmony) का है. ये सारे डिजाइन इनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है - कीमत सहित. आप भले ही कला की स्वतंत्रता के नाम पर यह कर रहे हों, पर इससे एक-दो नहीं, करोड़ों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. कला वो है, जो किसी को खुश कर दे. ऐसी कला किस काम की, जिसके कारण विरोध-वैमनस्य का भाव मन में आ जाए.  

 

चेक गणराज्य की एक महिला हैं - राद्का कावलकोव (Radka Kavalcová). ऑनलाइन दुनिया में इनका नाम मैक्सी-हार्मनी (MaxiHarmony) है. ट्विटर अकाउंट से लेकर वेबसाइट तक इसी नाम से है. यह एक कार्टूनिस्ट और ऑनलाइन ऑन्टप्रेन्योर हैं (उनकी वेबसाइट के अनुसार). यह जैजल (Zazzle) के कम्यूनिटी मेंबर भी हैं. जैजल एक ऑनलाइन रिटेलर है, जहां इसके मेंबर या यूजर्स अपने खुद के सामान खरीद-बेच सकते हैं.

Access of Anything is Bad.

अंग्रेजी की यह कहावत हर किसी पर सटीक बैठती है. कहते हैं कला को सीमाओं में नहीं बांधना चाहिए लेकिन कला को भी अगर एक तय सीमा से परे स्वतंत्रता दी गई तो वह मजा किरकिरा कर देती है. एक चप्पल पर तिरंगे को उभारना और फिर उसे बेचने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर इनलिस्ट करना कला के अराजक होने का सबसे अच्छा उदाहरण है.

चप्पल पर भारत के तिरंगे सहित दुनिया के कई और देशों के झंडों को छापने का आइडिया मैक्सी-हार्मनी (MaxiHarmony) का है. ये सारे डिजाइन इनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है - कीमत सहित. आप भले ही कला की स्वतंत्रता के नाम पर यह कर रहे हों, पर इससे एक-दो नहीं, करोड़ों की भावनाएं आहत हो सकती हैं. कला वो है, जो किसी को खुश कर दे. ऐसी कला किस काम की, जिसके कारण विरोध-वैमनस्य का भाव मन में आ जाए.  

 

चेक गणराज्य की एक महिला हैं - राद्का कावलकोव (Radka Kavalcová). ऑनलाइन दुनिया में इनका नाम मैक्सी-हार्मनी (MaxiHarmony) है. ट्विटर अकाउंट से लेकर वेबसाइट तक इसी नाम से है. यह एक कार्टूनिस्ट और ऑनलाइन ऑन्टप्रेन्योर हैं (उनकी वेबसाइट के अनुसार). यह जैजल (Zazzle) के कम्यूनिटी मेंबर भी हैं. जैजल एक ऑनलाइन रिटेलर है, जहां इसके मेंबर या यूजर्स अपने खुद के सामान खरीद-बेच सकते हैं.

आश्चर्य की बात यह है कि 1999 की इस कंपनी में 2005 में गूगल के शुरुआती इंवेस्टर रहे राम श्रीराम ने भी अपने पार्टनर के साथ 16 मिलियन डॉलर का इंवेस्टमेंट किया था. यह और बात है कि इंवेस्टर को कंपनी के दैनिक कार्यों से कोई मतलब नहीं होता है लेकिन कंपनी की नीतियों को लेकर - क्या सही, क्या गलत - उन्हें स्पष्ट होना ही चाहिए.

कावलकोव शायद हमारा लिखा पढ़ न पाएं लेकिन उम्मीद है उन्हें हमारी बातें और भावनाओं का पता चल जाएगा. जैजल को भी बिजनेस चलाते हुए इसके कोड ऑफ कंडक्ट का ध्यान रखना चाहिए. और राम श्रीराम आपको तो खासकर... भारतीय होने के नाते इतना फर्ज तो बनता ही है आपका, भले ही अमेरिका में बस गए हों...

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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