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वीडियो: जब एक लड़की ने देखा ट्रायल रूम में लगा खुफिया कैमरा तो...

    • आईचौक
    • Updated: 23 जनवरी, 2016 07:23 PM
  • 23 जनवरी, 2016 07:23 PM
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शॉपिंग माल, होटल, लेडीज वॉशरूम का इस्तेमाल करने से पहले महिलाओं को कुछ बातें जानना आवश्यक है. खासकर अगर आप किसी शॉपिंग मॉल के ट्रायल रूम या चेंजिंग रूम का इस्तेमाल कर रही हैं तो, आइए जानें.

पिछले साल गोवा में फैब इंडिया के ट्रायल रूम में खुफिया कैमरा पकड़कर मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बड़े-बड़े शो रूमों और शॉपिंग मॉल्स के ट्रायल रूमों की पोल खोल दी थी. इसके बाद देश के कई बड़े शॉपिंग स्टोर्स के ट्रायल रूम्स से खुफिया कैमरे पकड़े जाने कि शिकायतें आईं.

इस घटना के बाद से ही शॉपिंग मॉल, होटल, लेडीज वॉशरूम हर जगह शक के दायरे में आ गईं. इसलिए इन सभी जगहों का इस्तेमाल करने से पहले महिलाओं के लिए कुछ बातें जानना बेहद आवश्यक है, ताकि वे पहले ही यह जान सकें कि कहीं वहां कोई खुफिया कैमरा तो नहीं लगा है. खासकर अगर आप किसी शॉपिंग मॉल के ट्रायल रूम या चेंजिंग रूम का इस्तेमाल कर रही हैं तो. आइए जानें.

1. ट्रायल रूम में घुसने से पहले यह देख लें कि आपके फोन में नेटवर्क है कि नहीं. ट्रायल रूम में घुसने के बाद अपने फोन से कॉल लें. अगर आप ट्रायल रूम में कॉल नहीं कर पा रही हैं तो इसका मलतब वहां कमरा लगा है.

2. ट्रायल रूम में खुफिया कैमरे की जानकारी के लिए आप वहां अपने मोबाइल फोन का कैमरा ऑन करें. अगर वहां कोई खुफिया कैमरा लगा है तो आपको फोन के कैमरे से एक अजीब सी आवाज आने लगेगी.

3. ट्रायल रूम में लगा मिरर यानी कि शीशा भी खतरनाक हो सकता है. ये शीशा असली है या टू वे मिरर है (यानी कि इस शीशे के दूसरी तरफ से कोई आपको देख सकता है) यह जानने के लिए फिंगरनेल टेस्ट कर सकती हैं. इसके लिए अपनी एक अंगुली को शीशे पर रखे, अगर आपकी उंगली की परछाई और आपकी उंगली के बीच गैप है तो यह असली शीशा है लेकिन अगर आप अपनी उंगली से उसकी परछाई को छू पा रही हैं तो सावधान हो जाइए ये शीशा नकली है और तुरंत ही उस ट्रायल रूम से बाहर निकलें और पुलिस को कॉल करें.

4. ट्रायल रूम के शीशे को उंगली से हल्का से ठोंके अगर उसमें से किसी खाली डिब्बे सी आवाज आए तो समझ जाइए कि यह शीशा नकली है.

5. इसके अलावा कैमरा डिटेक्टटर का प्रयोग करके भी...

पिछले साल गोवा में फैब इंडिया के ट्रायल रूम में खुफिया कैमरा पकड़कर मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बड़े-बड़े शो रूमों और शॉपिंग मॉल्स के ट्रायल रूमों की पोल खोल दी थी. इसके बाद देश के कई बड़े शॉपिंग स्टोर्स के ट्रायल रूम्स से खुफिया कैमरे पकड़े जाने कि शिकायतें आईं.

इस घटना के बाद से ही शॉपिंग मॉल, होटल, लेडीज वॉशरूम हर जगह शक के दायरे में आ गईं. इसलिए इन सभी जगहों का इस्तेमाल करने से पहले महिलाओं के लिए कुछ बातें जानना बेहद आवश्यक है, ताकि वे पहले ही यह जान सकें कि कहीं वहां कोई खुफिया कैमरा तो नहीं लगा है. खासकर अगर आप किसी शॉपिंग मॉल के ट्रायल रूम या चेंजिंग रूम का इस्तेमाल कर रही हैं तो. आइए जानें.

1. ट्रायल रूम में घुसने से पहले यह देख लें कि आपके फोन में नेटवर्क है कि नहीं. ट्रायल रूम में घुसने के बाद अपने फोन से कॉल लें. अगर आप ट्रायल रूम में कॉल नहीं कर पा रही हैं तो इसका मलतब वहां कमरा लगा है.

2. ट्रायल रूम में खुफिया कैमरे की जानकारी के लिए आप वहां अपने मोबाइल फोन का कैमरा ऑन करें. अगर वहां कोई खुफिया कैमरा लगा है तो आपको फोन के कैमरे से एक अजीब सी आवाज आने लगेगी.

3. ट्रायल रूम में लगा मिरर यानी कि शीशा भी खतरनाक हो सकता है. ये शीशा असली है या टू वे मिरर है (यानी कि इस शीशे के दूसरी तरफ से कोई आपको देख सकता है) यह जानने के लिए फिंगरनेल टेस्ट कर सकती हैं. इसके लिए अपनी एक अंगुली को शीशे पर रखे, अगर आपकी उंगली की परछाई और आपकी उंगली के बीच गैप है तो यह असली शीशा है लेकिन अगर आप अपनी उंगली से उसकी परछाई को छू पा रही हैं तो सावधान हो जाइए ये शीशा नकली है और तुरंत ही उस ट्रायल रूम से बाहर निकलें और पुलिस को कॉल करें.

4. ट्रायल रूम के शीशे को उंगली से हल्का से ठोंके अगर उसमें से किसी खाली डिब्बे सी आवाज आए तो समझ जाइए कि यह शीशा नकली है.

5. इसके अलावा कैमरा डिटेक्टटर का प्रयोग करके भी ट्रायल रूम में लगे खुफिया कैमरे का पता लगाया जा सकत है.

पुरानीदिल्ली टॉकीज ने ट्रायल रूम में लगे खुफिया कैमरे से कैसे बचें, इसकी जानकारी देते हुए एक शॉर्ट फिल्म बनाई है और उसके जरिए दिखाया है कि आप कैसे खुद को ट्रायल रूम में लगे कैमरे से बचा सकती हैं.

देखें शॉर्ट फिल्मः

ट्रायल रूम में लगे शीशे का सच ऐसा जानें:

अपने मोबाइल फोन के प्रयोग से जानें खुफिया कैमरे का सचः  




इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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